पटना: छपरा के जयप्रकाश विश्वविद्यालय (Jaiprakash University of Chapra) में राजनीति शास्त्र के पीजी सिलेबस से लोकनायक जयप्रकाश नारायण को हटाने पर बिहार की सियासत गरमा गई है. आरजेडी ने इस फैसले की तुलना तालिबान से की है. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD State President Jagdanand Singh) ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी भारत में तालिबान की तरह काम कर रहा है. सिलेबस से जेपी और लोहिया के विचारों को हटाना इसी का उदाहरण है.
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ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए वरिष्ठ समाजवादी नेता और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान को हम जिस रूप में जानते हैं, उसी रूप और व्यवहार की तरह भारत में कोई संगठन काम कर रहा है तो हम उसे भी तालिबानी ही कहेंगे. उन्होंने साफ-साफ कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत में तालिबान की तरह व्यवहार कर रहा है तो जाहिर तौर पर उसे तालिबानी ही कहेंगे.
जगदानंद सिंह ने आरोप लगाया कि अगर आप किसी के रहन-सहन और उसके व्यवहार के साथ उसके धर्म पर हमला बोलते हैं तो यह कहीं से भी उचित नहीं है. एक दिन पहले आरजेडी एक कार्यक्रम में भी जगदानंद सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं को आरएसएस से सावधान रहने की सलाह दी थी.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाज को जोड़ने वाले लोगों के विचार विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. अगर कोई जेपी और लोहिया के विचारों को सिलेबस से हटा रहा है तो इससे बुरी बात और दूसरी नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि आप भले ही अपने नेताओं के विचार को प्रचार और प्रसार कीजिए, लेकिन जेपी और लोहिया के विचारों को सिलेबस से हटाना कहीं से भी उचित नहीं है.
दरअसल जेपी विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम से जेपी और लोहिया के विचारों को हटाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सुभाष चंद्र बोस और ज्योतिबा फुले के विचार शामिल किए गए हैं. जेपी विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के सिलेबस से ना सिर्फ राम मनोहर लोहिया और दयानंद सरस्वती बल्कि राजा राममोहन राय, बाल गंगाधर तिलक जैसे लोगों के विचार भी गायब हैं. इसे लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गई है.
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जगदानंद सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री और बिहार के शिक्षा मंत्री पर भी इस मामले में हमला बोला है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की मजबूरी है कि वे बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जेपी लोहिया के विचारों को पाठ्यक्रम से हटा दिया जाए.
इधर सोशल मीडिया के जरिए लालू यादव ने भी इस मामले में सरकार से अविलंब संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मैंने जयप्रकाश जी के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार और संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेताओं जेपी-लोहिया के विचार हटा रहे हैं. जेपी-लोहिया हमारी धरोहर हैं, उनके विचारों को हटाना बर्दाश्त से बाहर है.