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'कोरोना संकट के बाद नई आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा भारत' - नई आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा भारत

सामाजिक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ डीएम डॉ. दिवाकर ने कहा कि भारत ने जिस तरह से समय रहते लॉकडाउन का निर्णय लिया. उससे कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सहायता मिली है. डॉ. दिवाकर ने कहा कि कुछ खास बिंदुओं पर अगर काम हो तो भारत आने वाले वक्त में आर्थिक महाशक्तियों में शामिल हो सकता है.

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Published : Apr 13, 2020, 8:26 PM IST

पटना : कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को ऐसा नुकसान पहुंचाया है, जिससे उबरने में ना जाने कितने साल लगेंगे. एक तरफ जहां हजारों की संख्या में उद्योग और दफ्तर बंद हो जाएंगे. वहीं, करोड़ों लोगों के रोजगार जाने की भी आशंका है. इन सबके बीच आर्थिक विश्लेषकों ने भारत के लिए बड़ी उम्मीद जगाई है.

भूखे मरने की आ सकती है नौबत
राजधानी स्थित एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सतीश चंद्र झा ने कहा कि चाहे विश्व की महाशक्ति अमेरिका, जापान, चीन हो या ब्रिटेन हर देश फिलहाल पूरी तरह लॉकडाउन है. इस दौरान सबकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है. इन सब के बीच सभी तरह के उद्योग बंद, दफ्तर, दुकानें, होटल, स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर भी बंद पड़े हैं. ऐसी आशंका है कि भारत में लाखों लोगों का रोजगार छिन चुका है और आने वाले वक्त में भी ना सिर्फ बड़ी संख्या में उद्योग धंधे बंद होंगे. बल्कि विशेष रूप से मध्यवर्ग के लिए भूखे मरने की नौबत आ सकती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

भारत आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है
लेकिन इन सबके बीच चाहे आर्थिक विश्लेषक हों या फिर उद्योगपति, सभी भारत के लिए सुनहरा भविष्य देख रहे है. आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय कुमार झा ने कहा कि अभी कुछ समय तो वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त रहेगी. लेकिन यह समय ज्यादा लंबा नहीं होगा, क्योंकि जो प्रमुख आर्थिक शक्तियां हैं. उनके मौलिक ढांचे पहले से काफी मजबूत हैं. उन्हें सिर्फ एक निर्देशित आर्थिक पोस्ट देने की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका और पूर्व एशिया के देशों ने अगर चुस्ती और शीघ्रता दिखलाई और अपने-अपने देशों में मैन्युफैक्चरिंग ट्रेड और सर्विसेज को माकूल अवसर देने में कोताही नहीं की तो आने वाले समय में चीन के लिए कठिन स्थिति पैदा हो सकती है और भारत आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है.

सामाजिक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ डीएम डॉ. दिवाकर ने कहा कि भारत ने जिस तरह से समय रहते लॉकडाउन का निर्णय लिया. उससे कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सहायता मिली है. डॉ. दिवाकर ने कहा कि कुछ खास बिंदुओं पर अगर काम हो तो भारत आने वाले वक्त में आर्थिक महाशक्तियों में शामिल हो सकता है.

  • नए तरीके से प्रोडक्शन सिस्टम को ऑर्गेनाइज करना
  • असंगठित क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना
  • कृषि को प्रायरिटी सेक्टर के तौर पर लेना और किसानों की आमदनी पर ध्यान देना, जिसमें प्रमुख प्रमुख रूप से लाइवस्टॉक (मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि) के बिजनेस पर विशेष ध्यान देना होगा.
  • स्मॉल एंड कॉटेज इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देना होगा
  • कोरोना के कारण पूरे विश्व में स्किल्ड लेबर शॉर्टेज होगा और इस दौरान भारत एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर पर फोकस करके बड़ी संख्या में स्किल लेवल फोर्स विदेश भेज सकता है
  • वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर भारत को खर्च बढ़ाने की सलाह भी डॉ. दिवाकर ने दी है

भारत में बढ़ेंगी नौकरियां
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने आने वाले समय में भारत के लिए उद्योग के क्षेत्र में अच्छी संभावना जताई है. रामलाल खेतान ने कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में जब चीन से उद्योगपतियों का भरोसा खत्म हुआ है और अमेरिका बेहद मुश्किल घड़ी में है. सबका ध्यान भारत की ओर है. भारत ने जिस तरह से पर विपरीत परिस्थितियों में बेहतरीन काम किया है और अमेरिका को जरूरी दवाएं भी उपलब्ध कराई हैं, उससे भविष्य में चीन और अमेरिका की बजाय भारत उद्योग धंधों के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन बन सकता है. भारत में अगर ज्यादा इंडस्ट्रीज लगेगी, तो जाहिर तौर पर नौकरियां बढ़ेंगी और पर्यटन क्षेत्र भी बढ़िया प्रदर्शन करेगा.

पटना : कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को ऐसा नुकसान पहुंचाया है, जिससे उबरने में ना जाने कितने साल लगेंगे. एक तरफ जहां हजारों की संख्या में उद्योग और दफ्तर बंद हो जाएंगे. वहीं, करोड़ों लोगों के रोजगार जाने की भी आशंका है. इन सबके बीच आर्थिक विश्लेषकों ने भारत के लिए बड़ी उम्मीद जगाई है.

भूखे मरने की आ सकती है नौबत
राजधानी स्थित एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सतीश चंद्र झा ने कहा कि चाहे विश्व की महाशक्ति अमेरिका, जापान, चीन हो या ब्रिटेन हर देश फिलहाल पूरी तरह लॉकडाउन है. इस दौरान सबकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है. इन सब के बीच सभी तरह के उद्योग बंद, दफ्तर, दुकानें, होटल, स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर भी बंद पड़े हैं. ऐसी आशंका है कि भारत में लाखों लोगों का रोजगार छिन चुका है और आने वाले वक्त में भी ना सिर्फ बड़ी संख्या में उद्योग धंधे बंद होंगे. बल्कि विशेष रूप से मध्यवर्ग के लिए भूखे मरने की नौबत आ सकती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

भारत आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है
लेकिन इन सबके बीच चाहे आर्थिक विश्लेषक हों या फिर उद्योगपति, सभी भारत के लिए सुनहरा भविष्य देख रहे है. आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय कुमार झा ने कहा कि अभी कुछ समय तो वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त रहेगी. लेकिन यह समय ज्यादा लंबा नहीं होगा, क्योंकि जो प्रमुख आर्थिक शक्तियां हैं. उनके मौलिक ढांचे पहले से काफी मजबूत हैं. उन्हें सिर्फ एक निर्देशित आर्थिक पोस्ट देने की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका और पूर्व एशिया के देशों ने अगर चुस्ती और शीघ्रता दिखलाई और अपने-अपने देशों में मैन्युफैक्चरिंग ट्रेड और सर्विसेज को माकूल अवसर देने में कोताही नहीं की तो आने वाले समय में चीन के लिए कठिन स्थिति पैदा हो सकती है और भारत आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है.

सामाजिक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ डीएम डॉ. दिवाकर ने कहा कि भारत ने जिस तरह से समय रहते लॉकडाउन का निर्णय लिया. उससे कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सहायता मिली है. डॉ. दिवाकर ने कहा कि कुछ खास बिंदुओं पर अगर काम हो तो भारत आने वाले वक्त में आर्थिक महाशक्तियों में शामिल हो सकता है.

  • नए तरीके से प्रोडक्शन सिस्टम को ऑर्गेनाइज करना
  • असंगठित क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना
  • कृषि को प्रायरिटी सेक्टर के तौर पर लेना और किसानों की आमदनी पर ध्यान देना, जिसमें प्रमुख प्रमुख रूप से लाइवस्टॉक (मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि) के बिजनेस पर विशेष ध्यान देना होगा.
  • स्मॉल एंड कॉटेज इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देना होगा
  • कोरोना के कारण पूरे विश्व में स्किल्ड लेबर शॉर्टेज होगा और इस दौरान भारत एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर पर फोकस करके बड़ी संख्या में स्किल लेवल फोर्स विदेश भेज सकता है
  • वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर भारत को खर्च बढ़ाने की सलाह भी डॉ. दिवाकर ने दी है

भारत में बढ़ेंगी नौकरियां
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने आने वाले समय में भारत के लिए उद्योग के क्षेत्र में अच्छी संभावना जताई है. रामलाल खेतान ने कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में जब चीन से उद्योगपतियों का भरोसा खत्म हुआ है और अमेरिका बेहद मुश्किल घड़ी में है. सबका ध्यान भारत की ओर है. भारत ने जिस तरह से पर विपरीत परिस्थितियों में बेहतरीन काम किया है और अमेरिका को जरूरी दवाएं भी उपलब्ध कराई हैं, उससे भविष्य में चीन और अमेरिका की बजाय भारत उद्योग धंधों के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन बन सकता है. भारत में अगर ज्यादा इंडस्ट्रीज लगेगी, तो जाहिर तौर पर नौकरियां बढ़ेंगी और पर्यटन क्षेत्र भी बढ़िया प्रदर्शन करेगा.

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