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Bihar News: अधिकतम सजा काट चुके कैदी होंगे रिहा, योजना तैयार - सजायाफ्ता कैदियों को छोड़े जाने की योजना तैयार

बिहार (Bihar) के जेलों में भी कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का खतरा मंडराने लगा है. राज्य के कई जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. इसकी वजह से कैदियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत जेल में रखने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

पटना
कैदियों को छोड़े जाने की योजना तैयार
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Published : Jun 12, 2021, 5:05 PM IST

पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में जेलों में कैदियों की अधिक क्षमता के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश के बाद अहम फैसला लिया गया है. इसके तहत अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को रिहा किया जायेगा.

पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट (High Court) के न्यायाधीश अश्वनी कुमार सिंह (Judge Ashwani Kumar Singh), गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद (Chaitanya Prasad, Additional Chief Secretary) और जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा (Jail IG Mithilesh Mishra) की कमेटी ने उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह फैसला लिया.

ये भी पढ़ें...बिहार की जेलों में क्षमता से 75% अधिक कैदी, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बड़ी चुनौती

क्या था फैसला ?
इसमें कहा गया कि बिहार के जेलों में बंद अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को रिहा किए जाने को लेकर योजना बनाई गई है. इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. सरकार के निर्णय के बाद बिहार के लगभग 100 कैदियों को रिहा किया जाएगा.

ये भी पढ़ें...बिहार की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी, पैरोल पर अंडर ट्रायल कैदियों को छोड़ने का है आदेश

राज्य सरकार लेगी अंतिम फैसला
जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि योजना राज्य सरकार को भेज दी गई है. सरकार अंतिम फैसला लेगी.

10 साल की सजा पाये कैदियों की सजा पूरी होने से 6 माह पहले, 7 से 10 साल के बीच सजा पाये कैदियों को 5 माह पहले, 5 से 7 साल के बीच सजा पाये कैदियों को 4 माह पहले, 3 से 5 साल के बीच सजा पाने वाले कैदियों को 3 माह पहले, 1 से 3 साल के बीच सजा पाने वाले कैदियों को 2 माह पहले रिहा करने की योजना कमेटी ने बनायी है.

विशेष कानून के तहत गिरफ्तार कैदियों को राहत नहीं
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार के जेलों में अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को जेल में अच्छे आचरण के आधार पर रिहा करने की योजना तैयार की गई है. इसमें करीब 100 कैदी आते हैं.

वहीं, केंद्रीय एजेंसी से जुड़े मामले आतंकवाद (Terrorism), मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering), भ्रष्टाचार (Corruption), महिला और बाल अपराध (Women and Child Crime), आर्म्स एक्ट (Arms Act), राष्ट्रीय सुरक्षा आर्थिक धोखाधड़ी (National Security Economic Fraud), एसिड अटैक केस (Acid Attack Case) के साथ-साथ यूएपीए (UAPA) जैसे विशेष कानून के तहत गिरफ्तार सजायाफ्ता कैदियों को राहत नहीं मिलेगी.

ये भी पढ़ें...बेउर जेल की बाउंड्री के अंदर फेंके जा रहे आपत्तिजनक सामान, दीवार पर CCTV नहीं होने से आरोपी पकड़ से दूर

पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में जेलों में कैदियों की अधिक क्षमता के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश के बाद अहम फैसला लिया गया है. इसके तहत अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को रिहा किया जायेगा.

पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट (High Court) के न्यायाधीश अश्वनी कुमार सिंह (Judge Ashwani Kumar Singh), गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद (Chaitanya Prasad, Additional Chief Secretary) और जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा (Jail IG Mithilesh Mishra) की कमेटी ने उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह फैसला लिया.

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क्या था फैसला ?
इसमें कहा गया कि बिहार के जेलों में बंद अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को रिहा किए जाने को लेकर योजना बनाई गई है. इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. सरकार के निर्णय के बाद बिहार के लगभग 100 कैदियों को रिहा किया जाएगा.

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राज्य सरकार लेगी अंतिम फैसला
जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि योजना राज्य सरकार को भेज दी गई है. सरकार अंतिम फैसला लेगी.

10 साल की सजा पाये कैदियों की सजा पूरी होने से 6 माह पहले, 7 से 10 साल के बीच सजा पाये कैदियों को 5 माह पहले, 5 से 7 साल के बीच सजा पाये कैदियों को 4 माह पहले, 3 से 5 साल के बीच सजा पाने वाले कैदियों को 3 माह पहले, 1 से 3 साल के बीच सजा पाने वाले कैदियों को 2 माह पहले रिहा करने की योजना कमेटी ने बनायी है.

विशेष कानून के तहत गिरफ्तार कैदियों को राहत नहीं
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार के जेलों में अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को जेल में अच्छे आचरण के आधार पर रिहा करने की योजना तैयार की गई है. इसमें करीब 100 कैदी आते हैं.

वहीं, केंद्रीय एजेंसी से जुड़े मामले आतंकवाद (Terrorism), मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering), भ्रष्टाचार (Corruption), महिला और बाल अपराध (Women and Child Crime), आर्म्स एक्ट (Arms Act), राष्ट्रीय सुरक्षा आर्थिक धोखाधड़ी (National Security Economic Fraud), एसिड अटैक केस (Acid Attack Case) के साथ-साथ यूएपीए (UAPA) जैसे विशेष कानून के तहत गिरफ्तार सजायाफ्ता कैदियों को राहत नहीं मिलेगी.

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