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सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से किया जवाब-तलब

पटना हाई कोर्ट ने पीएमसीएच में खराब पड़े मशीन और अवैध रुप से चलाये जा रहे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज पर राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से जवाब लतब किया है. मामले पर अगली सुनवाई क्रमश दो और तीन हफ्ते बाद होगी.

पटना हाई कोर्ट
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Published : Dec 9, 2019, 2:24 PM IST

पटना: हाई कोर्ट ने पीएमसीएच में डायलिसिस मशीन, वेंटिलेटर और टीएमटी मशीन बेकार पड़े होने के मामले पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. विकास चन्द्र की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

कोर्ट को बताया गया कि पीएमसीएच अस्पताल में ये जीवनरक्षक मशीनें लाकर रखी गई हैं लेकिन उन्हें चालू नहीं किया गया है. इस कारण जहां आम जनता को महंगे इलाज के लिए बाहर या निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है, वहीं उन्हें आर्थिक कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ता है. साथ ही ये सार्वजनिक धन का दुरुपयोग है. मामले पर 2 सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जाएगी.

अवैध रूप से चलाये जा रहे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज पर कोर्ट सख्त
वहीं दूसरी ओर, राजधानी समेत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रुप से चल रहे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट मांगा है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से अगली सुनवाई में तलब किया है.

ये भी पढ़ें- पटना में राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, लालू के निर्वाचन पर लगेगी मुहर

3 हफ्ते बाद होगी अगली सुनवाई
कोर्ट को बताया गया कि बगैर कानूनी प्रक्रिया पूरा किये बहुत सारे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज चलाये जा रहे हैं. इनमें न तो जांच की पूरी व्यवस्था है और न ही तकनीकी रुप से प्रशिक्षित स्टाफ हैं. इस कारण इलाज के लिए सही पैथोलॉजिकल रिपोर्ट नहीं मिल पाता है. इससे मरीज का सही इलाज नहीं हो पाता है. मामले पर अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी.

पटना: हाई कोर्ट ने पीएमसीएच में डायलिसिस मशीन, वेंटिलेटर और टीएमटी मशीन बेकार पड़े होने के मामले पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. विकास चन्द्र की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

कोर्ट को बताया गया कि पीएमसीएच अस्पताल में ये जीवनरक्षक मशीनें लाकर रखी गई हैं लेकिन उन्हें चालू नहीं किया गया है. इस कारण जहां आम जनता को महंगे इलाज के लिए बाहर या निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है, वहीं उन्हें आर्थिक कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ता है. साथ ही ये सार्वजनिक धन का दुरुपयोग है. मामले पर 2 सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जाएगी.

अवैध रूप से चलाये जा रहे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज पर कोर्ट सख्त
वहीं दूसरी ओर, राजधानी समेत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रुप से चल रहे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट मांगा है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से अगली सुनवाई में तलब किया है.

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3 हफ्ते बाद होगी अगली सुनवाई
कोर्ट को बताया गया कि बगैर कानूनी प्रक्रिया पूरा किये बहुत सारे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज चलाये जा रहे हैं. इनमें न तो जांच की पूरी व्यवस्था है और न ही तकनीकी रुप से प्रशिक्षित स्टाफ हैं. इस कारण इलाज के लिए सही पैथोलॉजिकल रिपोर्ट नहीं मिल पाता है. इससे मरीज का सही इलाज नहीं हो पाता है. मामले पर अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी.

पटना हाई कोर्ट ने पीएमसीएच अस्पताल में डायलिसिस मशीन,वेंटिलेटर और टीएमटी मशीन बेकार पड़े होने के मामलें पर राज्य सरकार से जवाबतलब किया हैं।विकास चन्द्र की जनहित याचिका पर चीफ़ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।कोर्ट को बताया गया कि पीएमसीएच अस्पताल में ये जीवनरक्षक मशीनें ला कर रखी गई हैं,लेकिन उन्हें चालू नहीं किया गया है ।इस कारण जहाँ आम जनता को को महंगे ईलाज के लिए बाहर या निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है,वहीं उन्हें आर्थिक कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ता हैं ।साथ ही ये सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हैं।मामलें पर 2 सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जाएगी।
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