पटनाः बिहार में गर्मी का सितम बढ़ (heat wave in bihar) गया है. इस साल तो इतनी गर्मी पड़ रही है कि बुधवार को गर्मी ने 43 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. पटना में बुधवार को एक बार फिर से अधिकतम तापमान 44 डिग्री पर पहुंच गया, जबकि इससे पहले मंगलवार को 44.1 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था. मौसम विज्ञान केंद्र पटना की माने तो अब तक इससे पहले 29 अप्रैल 1980 को पटना का अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. 43 साल के बाद बुधवार को इतनी गर्मी पड़ी है.
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इस दिन से मिलेगी राहतः मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि मंगलवार को भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में हीटवेव और कुछ जिलों में सीवियर हीटवेव रहा. इस दौरान अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. गुरुवार को भी मौसम में कोई परिवर्तन के आसार नहीं है, लेकिन शुक्रवार से अधिकतम तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे लोगों को राहत मिल सकती है.
इस समय घर से निकलने से बचेंः 22 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच अधिकतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस रहेगा. इस दौरान प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे और गिने-चुने एक-दो स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है. इस बार पटना में 1980 के बाद इतनी गर्मी पड़ रही है. पटना में जिस प्रकार गर्मी पड़ रही है, इसको देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेज रहा है कि जरूरी काम दिन के 12:00 बजे तक निपटा लें और फिर 4:00 बजे के बाद ही कोई काम करें. दिन के 12:00 से 4:00 के बीच धूप में बाहर निकलने से परहेज करें.
"इस साल 43 साल का रिकॉर्ड टूटा है. इससे पहले 1980 में इतनी गर्मी पड़ी थी. आज बिहार में 44 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है. 48 घंटे तक मौसम ऐसा ही रहेगा, लेकिन शुक्रवार से अधिकतम तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे लोगों को राहत मिल सकती है." -आशीष कुमार, मौसम वैज्ञानिक
डॉक्टर की सलाहः पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार अप्रैल के महीने में काफी अधिक गर्मी पड़ रही है. कई वर्षों के बाद इस प्रकार की गर्मी अप्रैल के महीने में पड़ रही है. इसके साथ ही हीटवेव की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या भी अस्पताल में बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि हीटवेव में डिहाईड्रेशन की शिकायत रहती है. ऐसे में सभी अस्पताल में जरूरी दवा उपलब्ध होनी चाहिए, ओआरएस का घोल पिलाया जाता है, जरूरत पड़ने पर सलाइन भी चढ़ाया जाता है.
बरतें सावधानीः डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि गर्मी से बचने के लिए जरूरी है कि सुबह के समय अपना काम निपटा लें. उसके बाद शाम के समय काम में लगे. दिन में धूप में बेवजह बाहर न घूमे. घर से बाहर निकलते हैं तो अपने साथ पानी की बोतल रखें और सर को टोपी या गमछा से ढ़क कर रखें. शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी ना हो इसके लिए ओआरएस का घोल पिएं. जो लोग मधुमेह और हाइपरटेंशन से पीड़ित है, वह नारियल पानी पिए. घर से बाहर निकले तो भरपूर पानी पीकर निकले और खाली पेट कभी भी बाहर न निकले. ताजा और सुपाच्य भोजन का सेवन करें और जितना हो सके रसदार सीजनल फल का सेवन करें