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मुजफ्फरपुर में बच्ची के अपहरण का मामला: पटना हाईकोर्ट ने CBI को सौंपा जांच का जिम्मा

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में 5 साल की बच्ची के अपहरण मामले को लेकर सुनवाई की गई. जिसमें कोर्ट ने अपहरण के मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. गौरतलब है कि यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. इसका सुराग आज तक नहीं मिला है.

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Published : Dec 5, 2022, 2:10 PM IST

Hearing in Patna High Court
Hearing in Patna High Court

पटना: पटना हाईकोर्ट (Hearing in Patna High Court) ने मुजफ्फरपुर जिला के अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के चर्चित अपहरण के मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए एसएसपी मुजफ्फरपुर को निर्देश दिया है. कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले मे यथाशीघ्र कार्रवाई कर अपहृत बालिका को ढूंढने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को इस मामलें से सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौपने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- OBC-EBC आयोग बनाएगी नीतीश सरकार, हाईकोर्ट से पुनर्विचार याचिका वापस लिया

पहले भी मामले की हो चूकी है सुनवाई: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और नई दिल्ली के सीएफएसएल निदेशक को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. पूर्व की इस मामलें की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित रहे थे. अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी मुजफ्फरपुर के द्वारा आजतक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है. उन्होंने बताया कि लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया गया.

सभी कागजात सीबीआई को मुहैया कराने का था आदेश: पिछली सुनवाई मे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है. जिसमे संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है. वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है. इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एसएसपी को दिया जाए. जिसके बाद एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें. लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फाइल किया गया था. उसमें ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नही किया गया कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब मुजफ्फरपुर के एसएसपी के द्वारा नहीं हो सकता है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह भी आदेश दिया था कि 14.10.2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए. कोर्ट ने सीबीआई के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था.

पिछले साल का है मामला: यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. इसका सुराग आज तक नहीं मिला है. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे. जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था. इसमे याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढ़वाने का आग्रह किया था.

ये भी पढ़ें- '.. तो सिविल कोर्ट बंद कर दें'.. बुलडोजर ऐक्शन पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पण

पटना: पटना हाईकोर्ट (Hearing in Patna High Court) ने मुजफ्फरपुर जिला के अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के चर्चित अपहरण के मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए एसएसपी मुजफ्फरपुर को निर्देश दिया है. कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले मे यथाशीघ्र कार्रवाई कर अपहृत बालिका को ढूंढने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को इस मामलें से सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौपने का निर्देश दिया है.

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पहले भी मामले की हो चूकी है सुनवाई: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और नई दिल्ली के सीएफएसएल निदेशक को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. पूर्व की इस मामलें की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित रहे थे. अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी मुजफ्फरपुर के द्वारा आजतक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है. उन्होंने बताया कि लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया गया.

सभी कागजात सीबीआई को मुहैया कराने का था आदेश: पिछली सुनवाई मे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है. जिसमे संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है. वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है. इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एसएसपी को दिया जाए. जिसके बाद एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें. लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फाइल किया गया था. उसमें ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नही किया गया कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब मुजफ्फरपुर के एसएसपी के द्वारा नहीं हो सकता है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह भी आदेश दिया था कि 14.10.2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए. कोर्ट ने सीबीआई के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था.

पिछले साल का है मामला: यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. इसका सुराग आज तक नहीं मिला है. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे. जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था. इसमे याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढ़वाने का आग्रह किया था.

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