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राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MRI और सीटी स्कैन मशीन लगाने पर HC में सुनवाई पूरी, 28 को फैसला

पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है कि जब निजी अस्पतालों में जांच करवाने में ज्यादा पैसा खर्च हो रहे हैं तो इसकी व्यवस्था सरकारी अस्पतालों में क्यों नहीं की गयी है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने यह बात कही. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court
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Published : Jul 18, 2022, 3:54 PM IST

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन (Medical Colleges In Bihar) अब तक नहीं लगाए जाने के मामले पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने नागरिक अधिकार मंच की जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस जनहित याचिका पर निर्णय 28 जुलाई, 2022 को दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें : सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अवैध अतिक्रमण मामले पर हाईकोर्ट की सुनवाई

सरकार ने पांच महीने का समय मांगा : आज राज्य सरकार की ओर से सीटी स्कैन और एम आर आई मशीन सभी मेडिकल कालेजों में लगाने के लिए पांच महीने का समय मांगा जा रहा था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा कि ये मशीन कब तक लग कर चालू होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि आम जनता को सरकारी अस्पताल में इस तरह की जांच कम पैसे में होती है, जबकि निजी अस्पतालों में काफी पैसा खर्च करना होता हैं, तो अब तक सरकार ने इन्हें क्यों नहीं लगाया.

'आमलोगों को होती हैं काफी मुश्किलें' : ये जनहित याचिका 2015 में दायर की गई थी. इन वर्षो में कोर्ट ने राज्य सरकार को सरकारी मेडिकल कालेजों में इन मशीनों को लगाने व चालू करने के कई आदेश दिया. लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. इसका नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के बार बार आदेश करने के बाद भी सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन इन अस्पतालों में अब तक नहीं लगाया गया है. इससे आमलोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.


28 जुलाई को सुनाया जाएगा फैसला : दीनू कुमार ने बताया कि जहां सरकारी अस्पताल में इन जांचों में काफी कम खर्च होता है, वहीं निजी अस्पतालों में आमलोगों को काफी खर्च करना पड़ता है. इससे उन्हें काफी आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इस जनहित याचिका पर 28 जुलाई,2022 को कोर्ट निर्णय सुनाएगा.

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन (Medical Colleges In Bihar) अब तक नहीं लगाए जाने के मामले पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने नागरिक अधिकार मंच की जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस जनहित याचिका पर निर्णय 28 जुलाई, 2022 को दिया जाएगा.

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सरकार ने पांच महीने का समय मांगा : आज राज्य सरकार की ओर से सीटी स्कैन और एम आर आई मशीन सभी मेडिकल कालेजों में लगाने के लिए पांच महीने का समय मांगा जा रहा था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा कि ये मशीन कब तक लग कर चालू होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि आम जनता को सरकारी अस्पताल में इस तरह की जांच कम पैसे में होती है, जबकि निजी अस्पतालों में काफी पैसा खर्च करना होता हैं, तो अब तक सरकार ने इन्हें क्यों नहीं लगाया.

'आमलोगों को होती हैं काफी मुश्किलें' : ये जनहित याचिका 2015 में दायर की गई थी. इन वर्षो में कोर्ट ने राज्य सरकार को सरकारी मेडिकल कालेजों में इन मशीनों को लगाने व चालू करने के कई आदेश दिया. लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. इसका नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के बार बार आदेश करने के बाद भी सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन इन अस्पतालों में अब तक नहीं लगाया गया है. इससे आमलोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.


28 जुलाई को सुनाया जाएगा फैसला : दीनू कुमार ने बताया कि जहां सरकारी अस्पताल में इन जांचों में काफी कम खर्च होता है, वहीं निजी अस्पतालों में आमलोगों को काफी खर्च करना पड़ता है. इससे उन्हें काफी आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इस जनहित याचिका पर 28 जुलाई,2022 को कोर्ट निर्णय सुनाएगा.

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