पटना: केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है. वह हर हाल में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, अपनी मंशा उन्होंने जाहिर कर दी है. जहानाबाद में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 40 सीटों के लिए तैयार रहिये, किसी भी सूरत में हम 20 से कम पर नहीं लड़ेंगे.
जीतनराम मांझी ने ठोका 20 सीटों पर दावा: गुरुवार को जहानाबाद जिले के बसंतपुर में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के विधानसभा स्तरीय सम्मेलन सह मिलन समारोह को संबोधित करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि इस बार हमारे कार्यकर्ताओं का कहना है कि 40 सीटों पर लड़िए. हम अपने मन से कह रहे हैं कि 20 सीट मिले तो अच्छा है लेकिन कार्यकर्ताओं की बात को भी देखना होगा. जब पटना के गांधी में बैठक करेंगे. वहां जो निर्णय होगा, उसके लिए लड़ाई करेंगे.
40 सीट नहीं मिलेगा तो?: वहीं बाद में जब पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री से पूछा कि अगर 40 सीट नहीं मिलेगी तो क्या आप एनडीए से अलग हो जाएंगे? इस सवाल पर जीतनराम मांझी ने कहा कि अगर-मगर का कोई सवाल नहीं है. हम एनडीए में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम लोगों को सम्मान देते है. वहीं, जब हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंचते हैं तो हमारा कोई भी काम हो जाता है. यह प्यार कहां मिलेगा?
''हमें भूख लगेगी तो क्या हम खाना नहीं मांगेंगे. यह लड़ाई तो नहीं हुई. यह पारिवारिक मामला है. कोशिश करेंगे कि कार्यकर्ताओं की बात को सुना जाय. हम पार्टी के संरक्षक के नाते कह रहे हैं कि 20 सीट मिल जाय.''- जीतनराम मांझी, केंद्रीय मंत्री सह हम संरक्षक
2020 में कितनी सीट पर लड़े थे मांझी?: 2020 के विधानसभा चुनाव में जीतनराम मांझी की पार्टी 7 सीटों पर लड़ी थी, जिसमें 4 पर जीत मिली थी. उस वक्त भी वह एनडीए में ही थे लेकिन 2025 चुनाव आते-आते कई चीजें बदल गईं है. पिछली बार हम को जेडीयू कोटे से सीट मिली थी लेकिन इस बार बीजेपी कोटे से सीट बंटवारा होना है, क्योंकि नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद उन्होंने जेडीयू का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया था.
खरमास के बाद खेला की अटकलें तेज: विपक्ष की ओर से खरमास के बाद खेला का दावा किया जा रहा था लेकिन अभी तक ऐसी कोई स्थिति देखने को नहीं मिली है, जिससे किसी सियासी बदलाव की संभावना प्रबल हो. मकर संक्रांति पर न तो नीतीश कुमार राबड़ी आवास गए और न ही चूड़ा-दही भोज पर लालू परिवार के किसी सदस्य से उनकी मुलाकात हुई. हालांकि पिछले दिनों लालू यादव ने जरूर उनके लिए दरवाजा खुला होने की बात कही थी लेकिन सीएम ने साफ कर दिया कि वह तीसरी बार आरजेडी के साथ जाने की गलती नहीं करेंगे. उधर, तेजस्वी यादव भी नीतीश के साथ गठबंधन को खारिज करते हैं.
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