अमरावती: आंध्र प्रदेश में आने वाले समय में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी. यहां एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना लगायी जाएगी. रिलायंस एनयू सनटेक की ओर से 465 मेगावाट बैटरी भंडारण सुविधा के साथ-साथ 930 मेगावाट का विशाल सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की तैयारी कर रहा है. 10 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ यह महत्वाकांक्षी परियोजना राज्य को अक्षय ऊर्जा केंद्र में बदलने के लिए तैयार है.
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
स्थान: परियोजना के लिए कुरनूल जिले में दो साइटों को चुना गया है.
रोजगार के अवसर: परियोजना से निर्माण के दौरान 1,000 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और 5,000 से अधिक व्यक्तियों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.
क्षमता: सौर संयंत्र की उत्पादन क्षमता 930 मेगावाट होगी. इसे 465 मेगावाट की बैटरी भंडारण इकाई में संरक्षित रखा जाएगा.
टाइमलाइन: निर्माण जल्द ही शुरू करने की योजना है. इसे 24 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
SECI का साथ सहयोग
यह परियोजना भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के सहयोग से शुरू की जा रही है. 25 वर्षों के लिए बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिससे देश भर में वितरण कंपनियों को बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
बीओटी मॉडल कार्यान्वयन
सौर उर्जा संयंत्र और बैटरी भंडारण परियोजना का निर्माण-स्वामित्व-संचालन (बीओटी) मॉडल के तहत क्रियान्वयन किया जाएगा. इससे रिलायंस एनयू सनटेक को कुशल प्रबंधन और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करते हुए स्वामित्व और संचालन अधिकार बनाए रखने की अनुमति मिलेगी.
आंध्र प्रदेश के लिए महत्व
इस सौर परियोजना की स्थापना से अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आंध्र प्रदेश काफी आगे निकल जाएगा. यह न केवल राज्य की ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देता है, बल्कि इसे भारत के स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन में एक प्रमुख राज्य के रूप में भी स्थापित करेगा. अपने मजबूत बुनियादी ढांचे, रणनीतिक सहयोग के साथ यह परियोजना पूरे एशिया में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एक मानक स्थापित करेगी.