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अपनी मां के साथ बिहार के जेलों में बंद बच्चे की शिक्षा को लेकर HC में सुनवाई - बिहार के जेलों में बंद बच्चे

नौनिहाल का भविष्य कैसे उज्ज्वल हो, इसको लेकर हर सरकारें काम करती हैं. माता-पिता भी अपनी संतानों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं. लेकिन कई ऐसे भी हैं जो इससे दूर रह जाते हैं. ऐसे में बिहार के जेलों में बंद बच्चों को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 19, 2024, 5:21 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट में राज्य के जेलों में अपनी मां के साथ बंद एक से छह वर्ष के बच्चों को शिक्षित करने के मामले पर सुनवाई 23 फरवरी 2024 को होगी. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इन बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को दिया था.

सरकार को किया गया जवाब-तलब : कोर्ट ने इससे पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने बताया कि राज्य सरकार ने पुनः जवाब देने के मोहलत लिया. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि अगली सुनवाई में राज्य सरकार ने जवाब दायर नहीं की, तो सम्बन्धित अधिकारियों को कोर्ट तलब कर सकता है.

328 बच्चे जेल में : पिछली सुनवाईओं में कोर्ट ने शिक्षा विभाग के डीईओ को हर संभव सहयोग करने का निर्देश दिया था. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ द्वारा की जा रही है. कोर्ट ने राज्य के विभिन्न जेलों में अपनी मां के साथ एक से छह वर्ष के बीच बंद 103 बालक एवं 125 बालिकाओं को शिक्षित करने के कार्रवाई पर जोर दिया था. इसके पूर्व कोर्ट को बताया गया कि राज्य के जेलों में 50682 पुरूष और 2350 महिला विचाराधीन बंद हैं, जबकि 6995 पुरुष और 212 महिला सजायफ्ता बन्द हैं.

किस जेल में कितने बच्चे : कोर्ट को बताया गया था कि सबसे ज्यादा भागलपुर महिला मंडल कारा और नवादा मंडल कारा में 16-16, कटिहार मंडल कारा में 14, गया केंद्रीय कारा में 13, बेतिया मंडल कारा में 10, बेऊर आदर्श केंद्रीय कारा में 9, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया केंद्रीय कारा, सिवान, आरा, सीतामढ़ी, जहानाबाद मंडल कारा में 8-8, दरभंगा मंडल कारा में 7 नाबालिग बच्चे अपनी माताओं के साथ बंद हैं.

पटना : पटना हाईकोर्ट में राज्य के जेलों में अपनी मां के साथ बंद एक से छह वर्ष के बच्चों को शिक्षित करने के मामले पर सुनवाई 23 फरवरी 2024 को होगी. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इन बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को दिया था.

सरकार को किया गया जवाब-तलब : कोर्ट ने इससे पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने बताया कि राज्य सरकार ने पुनः जवाब देने के मोहलत लिया. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि अगली सुनवाई में राज्य सरकार ने जवाब दायर नहीं की, तो सम्बन्धित अधिकारियों को कोर्ट तलब कर सकता है.

328 बच्चे जेल में : पिछली सुनवाईओं में कोर्ट ने शिक्षा विभाग के डीईओ को हर संभव सहयोग करने का निर्देश दिया था. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ द्वारा की जा रही है. कोर्ट ने राज्य के विभिन्न जेलों में अपनी मां के साथ एक से छह वर्ष के बीच बंद 103 बालक एवं 125 बालिकाओं को शिक्षित करने के कार्रवाई पर जोर दिया था. इसके पूर्व कोर्ट को बताया गया कि राज्य के जेलों में 50682 पुरूष और 2350 महिला विचाराधीन बंद हैं, जबकि 6995 पुरुष और 212 महिला सजायफ्ता बन्द हैं.

किस जेल में कितने बच्चे : कोर्ट को बताया गया था कि सबसे ज्यादा भागलपुर महिला मंडल कारा और नवादा मंडल कारा में 16-16, कटिहार मंडल कारा में 14, गया केंद्रीय कारा में 13, बेतिया मंडल कारा में 10, बेऊर आदर्श केंद्रीय कारा में 9, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया केंद्रीय कारा, सिवान, आरा, सीतामढ़ी, जहानाबाद मंडल कारा में 8-8, दरभंगा मंडल कारा में 7 नाबालिग बच्चे अपनी माताओं के साथ बंद हैं.

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