पटना : पटना हाईकोर्ट ने पिछले पांच वर्षों से अपहृत बच्चा की बरामदगी नहीं होने के मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है. कोर्ट ने शास्त्री नगर थानेदार सहित जांच अधिकारी को तलब किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने पटना सदर एएसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उपस्थित रहने का आदेश दिया है.
5 साल में नहीं ढूंढ पायी पुलिस : जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने विनय कुमार की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट को बताया गया कि आवेदक के पुत्र को 2018 में ही अपहृत कर लिया गया. लेकिन आज तक पुलिस सुराग तक नहीं लगा सकी है. उनका कहना था कि अपहृत बच्चा कहीं बाल तस्करी का शिकार तो नहीं हो गया.
अनहोनी की आशंका : याचिकाकर्ता के कवील का कहना था कि 25 सितम्बर, 2018 को शास्त्रीनगर थाना में केस नंबर 636/2018 दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है. हर गुजरते दिन के साथ आवेदक को अपने अपहृत बेटे के साथ किसी अनहोनी की आशंका सता रही है. कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 दिसंबर 2023 को तय की है.
हाईकोर्ट ने अपनाया सख्त रुख : पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट पुलिस अधिकारियों को पहले ही फटकार लगा चुकी है. लेकिन इसके बावजूद 5 साल में पुलिस लापता बच्चों को नही ढूंढ पाई है. बिहार में ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इधर हाईकोर्ट ने भी अफसरों से पिछली सुनवाई में जवाब तलब किया था. इस बार इस मामले में शास्त्री नगर के पुलिस अधिकारी को तलब कर एएसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहने का निर्देश दिया है.
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