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पटना: गंगा के जलस्तर में आई कमी, दियारा के लोगों ने ली राहत की सांस - दियारावासी को सरकार उपलब्ध करा रही सेवाएं

बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार एक समय का भोजन उपलब्ध करा रही थी. साथ ही स्वास्थ्य के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी भेजी गई थी.

गंगा का जलस्तर घटा
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Published : Oct 4, 2019, 10:57 AM IST

पटना: पटना के पास गंगा नदी का जलस्तर घटने से लोगों के बीच खुशी का माहौल है. लोगों का कहना है कि हालात सामान्य होने पर अब वो अपने घर जा पायेंगे. बता दें कि एक तरफ पटना शहर में बरसात के कारण जलजमाव से लोग परेशान ही थे कि गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने पटना की बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी थी. हालांकि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं.

सब्जी की खेती से करते थे कमाई
बाढ़ के कारण कई दियारा वासी टेंट लगाकर रोड पर रहने को मजबूर थे, तो कई सरकारी भवनों में शरण लिए हुए थे. लेकिन गंगा का जलस्तर घटने की वजह से उनके चेहरो पर खुशी की लहर दौड़ गई है. दियारा वासियों का मुख्य पेशा मछली उत्पादन और दियारा में खेती करना है. दियारा वासी सब्जी की खेती कर अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं. लेकिन बाढ़ की वजह से उनका सारा काम रूका हुआ था. इसके चलते उन्हें काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं अलखनाथ घाट पर भी गंगा के जलस्तर में काफी कमी आई है.

गंगा के जलस्तर घटने से बाढ़ पीड़ितों में खुशी की लहर

सरकार उपलब्ध करा रही सेवाएं
बता दें कि करीब 15 दिनों से बाढ़ से प्रभावित दियारा वासी ऊंचे स्थानों पर रह रहे थे. जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार एक समय का भोजन उपलब्ध करा रही थी. साथ ही स्वास्थ्य के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी भेजी गई थी.

पटना: पटना के पास गंगा नदी का जलस्तर घटने से लोगों के बीच खुशी का माहौल है. लोगों का कहना है कि हालात सामान्य होने पर अब वो अपने घर जा पायेंगे. बता दें कि एक तरफ पटना शहर में बरसात के कारण जलजमाव से लोग परेशान ही थे कि गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने पटना की बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी थी. हालांकि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं.

सब्जी की खेती से करते थे कमाई
बाढ़ के कारण कई दियारा वासी टेंट लगाकर रोड पर रहने को मजबूर थे, तो कई सरकारी भवनों में शरण लिए हुए थे. लेकिन गंगा का जलस्तर घटने की वजह से उनके चेहरो पर खुशी की लहर दौड़ गई है. दियारा वासियों का मुख्य पेशा मछली उत्पादन और दियारा में खेती करना है. दियारा वासी सब्जी की खेती कर अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं. लेकिन बाढ़ की वजह से उनका सारा काम रूका हुआ था. इसके चलते उन्हें काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं अलखनाथ घाट पर भी गंगा के जलस्तर में काफी कमी आई है.

गंगा के जलस्तर घटने से बाढ़ पीड़ितों में खुशी की लहर

सरकार उपलब्ध करा रही सेवाएं
बता दें कि करीब 15 दिनों से बाढ़ से प्रभावित दियारा वासी ऊंचे स्थानों पर रह रहे थे. जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार एक समय का भोजन उपलब्ध करा रही थी. साथ ही स्वास्थ्य के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी भेजी गई थी.

Intro:


Body:गंगा के जलस्तर में 2 दिनों से हो रही लगातार कमी के बाद तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों के खुशी का माहौल है। तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोग को अब लग रहा है कि वह फिर से जाकर दियारा में अपने घर में रह पाएंगे। कई दिनों से बाढ़ प्रभावित द्वारा वासी बाढ़ आ जाने के कारण दियारा में अपने घर द्वार छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।वहीं कई दियारा वासी टेंट लगाकर रोड पर भी शरण लिए हुए हैं। कई सरकारी भवनों में शरण लिए हुए हैं।लेकिन गंगा का जलस्तर घटने के बाद उनके चेहरे पर खुशी का माहौल है।क्योंकि दियारा वासियों मुख्य पेशा मत्स्य उत्पादन एवं दियारा में खेती करना है वह सब्जी की खेती कर अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं। वही अलखनाथ घाट पर गंगा का स्तर मैं काफी तेजी से कमी हो रही है। जिससे दीयावासी काफी खुश हैं।

आपको बता दें कि करीब 15 दिन से दियारावासी बाढ़ से प्रभावित होकर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।वहीं दियारा वासियों के लिए सरकार की तरफ से एक टाइम का भोजन चूड़ा गुड़ और स्वास्थ्य के लिए डॉक्टरों की टीम भेजी गई थी।

वाइट- पुनित महतो (बाढ़ पीड़ित)
वाइट-विकास कुमार (बाढ़ पीड़ित)


Conclusion:
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