पटना: राज्यभर के बच्चों के लिए राहत भरी खबर है. आगामी जुलाई से बच्चों को राज्य सरकार की ओर से रोटा वायरस का टीका लगेगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने काफी जोर शोर से तैयारी शुरू कर दी है. रोटा वायरस टीके का पहला डोज डेढ माह पर, दूसरा डोज ढाई माह और तीसरा डोज साढे तीन माह में लगाया जाएगा.
सिविल सर्जन की मानें तो रोटा वायरस टीकाकरण के बाद डायरिया से होने वाली मौतों में काफी कमी आएगी. डायरिया के अधिकांश केसों में रोटा वायरस प्रमुखता से पाया जाता है. रोटा वायरस का टीका लगाने से बच्चों की मौत में 30% की कमी हो सकती है.
पोलियो की तरह मिलेगी खुराक
बच्चों को रोटा वायरस की पांच बूंद दी जाएगी. यह सभी आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्रो और सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध होगा. विशेषज्ञों कि मानें तो रोटा वायरस पर लगाम लगाने के लिए पांच बूंद का टीकाकरण पोलियो की तरह दिया जाएगा. पोलियो की तरह ही रोटा वायरस का टीका भी ओरल है. इससे बच्चों के शरीर पर कोई नुकसान नहीं होता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से होता है डायरिया
सामन्यतः रोटा वायरस की बीमारी किसी को भी हो सकती है. लेकिन, बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की स्थिति में वह आसानी से बीमारी के शिकार हो जाते हैं. अब टीकाकरण होने से उन्हें काफी राहत मिल सकती है. देश के कई राज्यों में बच्चों को रोटा वायरस का टीका दिया जा रहा है. अब बिहार में भी सरकार यह सुविधा लाने जा रही है.