पटना: नेपाल में हो रही बारिश के कारण बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंडक कोसी बागमती उफान पर है. वहीं गंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है. इसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है.
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बिहार पर फिर मंडराया बाढ़ का खतरा: बुधवार को खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गंगा के जलस्तर का जायजा लिया है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बातचीत में कहा कि कि नेपाल में आज बारिश नहीं हो रही है, लेकिन नेपाल में जब भी बारिश होगी उत्तर बिहार की नदियों में तेजी से जल आएगा और उसके कारण परेशानी बढ़ेगी. फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है. सभी को अलर्ट पर रखा गया है. राजधानी पटना पर भी फिलहाल कोई खतरा नहीं है लेकिन गंगा में सिल्ट के कारण हम लोगों की मुश्किलें बढ़ रही है.
गंडक में बढ़ा जलस्तर: नेपाल में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण उत्तर बिहार की नदियों में उफान है. गंडक, कोसी, कमला बलान, बागमती और गंगा में कई स्थानों पर जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. हालांकि जल संसाधन मंत्री संजय झा का कहना है कि अभी खतरे की कोई स्थिति नहीं है. नेपाल में अभी बारिश नहीं हो रही है और फिलहाल भारी बारिश का प्रिडिक्शन नहीं है लेकिन नेपाल में जब बारिश होती है तो हम लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है क्योंकि गंडक में बुधवार को काफी पानी आ गया था.
"2 लाख 93 हजार क्यूसेक पानी गंडक में आ गया था.गंडक, बागमती और कमला बलान यहां ज्यादा खतरा है और हमने विभाग के अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने भी बुधवार को गंगा में बढ़े जलस्तर का जायजा लिया था मैं भी साथ में था. हम स्थिति पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार
गंगा में सिल्ट के कारण बढ़ी चिंता: जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि गंगा में सिल्ट के कारण थोड़ा भी पानी आता है तो वह गांव में चला जाता है. खासकर भागलपुर इलाके में परेशानी बढ़ती है. ऐसे आज की स्थिति में खतरा कहीं से नहीं है और विभाग के चाहे इंजीनियर हो या अधिकारी सभी अलर्ट में हैं. इसके अलावा हम लोगों ने जो टेक्नोलॉजी अर्ली वार्निंग सिस्टम यूज किया उससे भी जानकारी मिल रही है.फोरकास्ट का 90% प्रिडिक्शन रहता है कि कहां पानी ज्यादा आएगा. उस हिसाब से वहां ज्यादा अलर्ट किया जाता है.
पटना को नहीं खतरा: पटना में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है तो क्या राजधानी पर खतरा है, इसके जवाब में संजय झा ने कहा अभी कोई खतरा नहीं है लेकिन गंगा में सिल्ट और फरक्का बांध हम लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है. यह एक बड़ा चैलेंज है. हम लोग लगातार केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि गंगा में सिल्ट हटाने के लिए सिल्ट पॉलिसी लाइए. हम लोगों ने जाकर केंद्र सरकार के मंत्रियों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने यहां सेमिनार भी किया. केंद्र सरकार भी कह रही है सिल्ट पॉलिसी लाएंगे, लेकिन 9 साल में कुछ हुआ नहीं. फरक्का बांध का गेट ओल्ड मॉडल का है. हम लोग कह रहे हैं उसको चेंज कीजिए. उसके कारण भागलपुर बक्सर तक समस्या होती है. वहां के इंजीनियरिंग कॉलेज पर भी खतरा रहता है.
नेपाल में बारिश.. बिहार में मुसीबत..: गंगा में जल परिवहन के कारण बोट चलता है तो क्या सिल्ट हटाने का काम नहीं होता है. संजय झा ने कहा कि सिल्ट नहीं हटाया जा रहा है. यहां तक कि जो बोट चला रहे हैं उसके कारण हम लोगों का एंटी इरोजन का काम क्षतिग्रस्त किया जाता है. उत्तर बिहार की कई नदियों में जलस्तर बढ़ा हुआ है तो क्या वहां कोई खतरा अभी है, संजय झा ने कहा कि अभी कोई खतरा नहीं है लेकिन नेपाल में जब भी बारिश होगी तो मुश्किलें बढ़ेगी.
'केंद्र सरकार के प्राथमिकता में बिहार है ही नहीं': जल संसाधन मंत्री ने कहा कि नेपाल में डैम बनाने की मांग हम लोगों की बरसों पुरानी है. इंटर नेशनल मामला है. हाई कोर्ट ने भी इसमें निर्देश दिया है लेकिन उसके बावजूद केंद्र सरकार की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं लिया जा रहा है. कोसी में डैम नेपाल के क्षेत्र में क्यों नहीं बन पा रहा है आखिर इसके पीछे समस्या क्या है, मंत्री संजय झा ने कहा कि केंद्र सरकार के प्राथमिकता में बिहार है ही नहीं इसीलिए इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बाढ़ के कारण हर साल हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है. ऐसा नहीं है कि इस साल कर दिए तो अगले साल काम नहीं करना पड़ेगा.
बाढ़ को लेकर बिहार में कैसी है तैयारी? सरकार की ओर से इस साल 1000 करोड़ की राशि बाढ़ सुरक्षात्मक और अन्य कार्य को लेकर खर्च किए गए हैं. 295 बाढ़ निरोधात्मक कार्य इस साल किए गए हैं. 700 करोड़ की राशि बाढ़ निरोधात्मक कार्य पर खर्च किया गया. वहीं 296 करोड़ से अधिक की राशि बाढ़ के दौरान होने वाले खर्च के लिए रखा गया है. 21 जिलों में एसडीआरएफ और 5 जिलों में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है. 29 जिले बिहार के बाढ़ से प्रभावित होते हैं और 15 जिले तो काफी संवेदनशील हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 4700 निजी नाव और 1500 सरकारी नाव की व्यवस्था की गई है. बाढ़ प्रभावित परिवारों को मिलने वाली राशि 6000 से बढ़कर 7000 कर दी गई है. 5000 राहत शिविर स्थल को चिह्नित किया गया है.
कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग: बाढ़ से हर साल बिहार को हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है और आम जनजीवन तीन से चार महीने पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाती है. इस साल क्योंकि शुरुआत में मानसून कमजोर रहा है लेकिन नेपाल में पिछले दिनों जिस प्रकार से बारिश हुई है कई नदियों में उफान है. जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. राहत की बात यह है कि नेपाल में आज (गुरुवार) बारिश नहीं हो रही है. ऐसे में जल संसाधन विभाग और बिहार सरकार की पूरी नजर आने वाले समय में नेपाल में होने वाली बारिश पर लगी है. ऐसे मंत्री संजय झा का दावा है कि तैयारी हम लोगों की पूरी तरह से है. अधिकारी और अभियंता अलर्ट पर हैं. लगातार कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग की जा रही है.