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डेढ़ साल पहले BPSC में फेल शशि रंजन RTI के बाद हुई पास, आयोग ने मानी गलती - बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार

बिहार लोक सेवा आयोग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. आयोग ने डेढ़ साल पहले एक अभ्यर्थी को फेल घोषित कर दिया था जबकि आरटीआई में हुए खुलासे के बाद वह सफल पाई गई. मामले में आयोग ने अपनी गलती मानी है.

बिहार लोक सेवा आयोग
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Published : Jun 3, 2020, 6:24 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 7:35 PM IST

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग(बीपीएससी) का एक नया कारनामा सामने आया है. 60 से 62वीं संयुक्त मुख्य परीक्षा में एक अभ्यर्थी को कम अंक होने के कारण फेल घोषित कर दिया गया था. बाद में अभ्यर्थी की ओर से किए गए आरटीआई में आयोग की गलती सामने आई है.

मामले पर आयोग ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए उस अभ्यर्थी को पास घोषित किया और अब उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. आयोग की ओर से तकरीबन डेढ़ साल बाद अभ्यर्थी को इसकी सूचना देने के साथ-साथ इसका नोटिफिकेशन भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.

जुलाई में आ सकता है 64वीं बीपीएससी परीक्षा का रिजल्ट
बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित 64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जुलाई में आने की बात कही है. वहीं, एक स्टाफ की गलती से 60 से 62वीं मुख्य परीक्षा में फेल कर चुकी अभ्यर्थी के पास होने के बाद संयुक्त मुख्य लिखित परीक्षा का फ्रेश रिजल्ट जारी किया है. पीड़ित अभ्यर्थी का नाम शशि रंजन है.

आरटीआई से पता लगी सच्चाई
दरअसल, शशि रंजन ने आरटीआई के जरिए सभी विषयों की अपनी उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति आयोग से मांगी थी. जब छाया प्रति शशिरंजन को उपलब्ध कराई गई तो उसमें सामान्य अध्ययन प्रथम पत्र के उत्तर पुस्तिका की कोडिंग गलत होने के कारण उन्हें फेल घोषित कर दिया गया था, क्योंकि उनके प्राप्तांक कम थे.

दोषी पाए गए स्टाफ को किया गया सस्पेंड
जब इस बात को अभ्यर्थी ने आयोग के संज्ञान में लाया तो उसके बाद जांच के बाद अब आयोग ने अपनी गलती सुधारते हुए शशि रंजन को पास घोषित करते हुए जल्द ही उन्हें इंटरव्यू पर बुलाने का फैसला किया है. अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि जिस स्टाफ की गलती की वजह से शशि रंजन को फिर घोषित कर दिया गया था, उस स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया है. पूरे मामले की जांच चल रही है.

आयोग ने शिक्षा विभाग से की अनुशंसा
इधर, बिहार लोक सेवा आयोग ने राज्य के टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों में लेक्चरर पद पर नियुक्ति के लिए 455 अभ्यर्थियों के नाम की अनुशंसा शिक्षा विभाग से की है. इन अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होगा. जिसके लिए शिक्षा विभाग ने 10 से 19 जून तक की समय सीमा तय की है. इस बीच इन अभ्यर्थियों को 9 जून तक अपना विकल्प भी बताने को कहा गया है क्योंकि बहुत सारे अभ्यर्थियों का चयन एक से अधिक विषय के लिए हुआ है. इधर, बिहार कर्मचारी चयन आयोग के जरिए होने वाली इंटर स्तरीय मुख्य परीक्षा के आवेदन की डेट बढ़ाई गई और सचिवालय सहायक के पदों के लिए भी इंतजार हो रहा है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने लॉकडाउन के कारण प्रथम इंटर स्तरीय मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाइन परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 29 मई से बढ़ाकर 13 जून कर दिया है. वहीं, आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 31 मई से बढ़ाकर 15 जून तय की गई है.

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग(बीपीएससी) का एक नया कारनामा सामने आया है. 60 से 62वीं संयुक्त मुख्य परीक्षा में एक अभ्यर्थी को कम अंक होने के कारण फेल घोषित कर दिया गया था. बाद में अभ्यर्थी की ओर से किए गए आरटीआई में आयोग की गलती सामने आई है.

मामले पर आयोग ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए उस अभ्यर्थी को पास घोषित किया और अब उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. आयोग की ओर से तकरीबन डेढ़ साल बाद अभ्यर्थी को इसकी सूचना देने के साथ-साथ इसका नोटिफिकेशन भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.

जुलाई में आ सकता है 64वीं बीपीएससी परीक्षा का रिजल्ट
बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित 64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जुलाई में आने की बात कही है. वहीं, एक स्टाफ की गलती से 60 से 62वीं मुख्य परीक्षा में फेल कर चुकी अभ्यर्थी के पास होने के बाद संयुक्त मुख्य लिखित परीक्षा का फ्रेश रिजल्ट जारी किया है. पीड़ित अभ्यर्थी का नाम शशि रंजन है.

आरटीआई से पता लगी सच्चाई
दरअसल, शशि रंजन ने आरटीआई के जरिए सभी विषयों की अपनी उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति आयोग से मांगी थी. जब छाया प्रति शशिरंजन को उपलब्ध कराई गई तो उसमें सामान्य अध्ययन प्रथम पत्र के उत्तर पुस्तिका की कोडिंग गलत होने के कारण उन्हें फेल घोषित कर दिया गया था, क्योंकि उनके प्राप्तांक कम थे.

दोषी पाए गए स्टाफ को किया गया सस्पेंड
जब इस बात को अभ्यर्थी ने आयोग के संज्ञान में लाया तो उसके बाद जांच के बाद अब आयोग ने अपनी गलती सुधारते हुए शशि रंजन को पास घोषित करते हुए जल्द ही उन्हें इंटरव्यू पर बुलाने का फैसला किया है. अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि जिस स्टाफ की गलती की वजह से शशि रंजन को फिर घोषित कर दिया गया था, उस स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया है. पूरे मामले की जांच चल रही है.

आयोग ने शिक्षा विभाग से की अनुशंसा
इधर, बिहार लोक सेवा आयोग ने राज्य के टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों में लेक्चरर पद पर नियुक्ति के लिए 455 अभ्यर्थियों के नाम की अनुशंसा शिक्षा विभाग से की है. इन अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होगा. जिसके लिए शिक्षा विभाग ने 10 से 19 जून तक की समय सीमा तय की है. इस बीच इन अभ्यर्थियों को 9 जून तक अपना विकल्प भी बताने को कहा गया है क्योंकि बहुत सारे अभ्यर्थियों का चयन एक से अधिक विषय के लिए हुआ है. इधर, बिहार कर्मचारी चयन आयोग के जरिए होने वाली इंटर स्तरीय मुख्य परीक्षा के आवेदन की डेट बढ़ाई गई और सचिवालय सहायक के पदों के लिए भी इंतजार हो रहा है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने लॉकडाउन के कारण प्रथम इंटर स्तरीय मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाइन परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 29 मई से बढ़ाकर 13 जून कर दिया है. वहीं, आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 31 मई से बढ़ाकर 15 जून तय की गई है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 7:35 PM IST
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