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कोरोना वायरस के लेकर प्रशासन अलर्ट, बिहार के सभी जिलों में टोल-फ्री नंबर जारी करने का निर्देश

राजधानी पटना में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को पत्र जारी किया है. उन्होंने कहा कि बिहार के प्रत्येक जिलों में टोल-फ्री नंबर जारी किया जाए. इसके साथ ही एम्बुलेंस आदि व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराया जाए.

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Published : Aug 1, 2020, 9:03 AM IST

पटना: कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए जांच की संख्या में वृद्धि कर दी गई है. जिलों में जहां एक ओर एंटी रैपिड एंटीजेन किट से कोरोना की जांच बढ़ाई गई है, तो दूसरी ओर अब कोविड-19 के मरीजों को परेशानी से बचाने के लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देश पर जिलों को निर्देश जारी कर दिया गया है.


जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को जारी किया गया पत्र
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को पत्र जारी किया है. उन्होंने कहा है कि जिले में एक नियंत्रण कक्ष बनाएं और एक टोल-फ्री नंबर जारी करें. टोल-फ्री नंबर के साथ 10 हंटिंग लाइल टैग रहना चाहिए. इसके साथ ही नियंत्रण कक्ष का प्रभार किसी वरीय प्रशासनिक अधिकारी को दिया जाए.


डॉक्टर और नर्स की तैनाती
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने हिदायत दी गई है कि नियंत्रण कक्ष में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, नर्स और दूसरे पारा मेडिक्स तैनात की जाए. इसके साथ ही पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस और पीपीई किट जैसे संसाधन भी रखा जाए. इसके साथ ही मनोज कुमार ने कहा कि यह कक्ष 24 घंटे काम करेंगे. यदि कोई प्राइवेट डॉक्टर नियंत्रण कक्ष में अपनी सेवा देंगे तो उन्हें दो हजार रुपये प्रति दिन मानदेय के आधार पर दिया जा सकता हैं.


एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश
मनोज कुमार ने कहा कि नियंत्रण कक्ष प्राथमिकता के आधार पर उच्च जोखिम युक्त व्यक्ति, गर्भवती महिलााओं और गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को एंबुलेंस उपलब्ध कराएगा. यदि इस दौरान कोई कोविड-19 का मरीज मिलता है तो उसे आवश्यकता होने पर उसे एंबुलेंस की सुविधा देकर पास के कोविड अस्पताल में पहुंचाया जाए. इसके साथ ही जिले में 24 घंटे नियंत्रण कक्ष बनाकर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया हैं.

पटना: कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए जांच की संख्या में वृद्धि कर दी गई है. जिलों में जहां एक ओर एंटी रैपिड एंटीजेन किट से कोरोना की जांच बढ़ाई गई है, तो दूसरी ओर अब कोविड-19 के मरीजों को परेशानी से बचाने के लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देश पर जिलों को निर्देश जारी कर दिया गया है.


जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को जारी किया गया पत्र
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को पत्र जारी किया है. उन्होंने कहा है कि जिले में एक नियंत्रण कक्ष बनाएं और एक टोल-फ्री नंबर जारी करें. टोल-फ्री नंबर के साथ 10 हंटिंग लाइल टैग रहना चाहिए. इसके साथ ही नियंत्रण कक्ष का प्रभार किसी वरीय प्रशासनिक अधिकारी को दिया जाए.


डॉक्टर और नर्स की तैनाती
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने हिदायत दी गई है कि नियंत्रण कक्ष में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, नर्स और दूसरे पारा मेडिक्स तैनात की जाए. इसके साथ ही पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस और पीपीई किट जैसे संसाधन भी रखा जाए. इसके साथ ही मनोज कुमार ने कहा कि यह कक्ष 24 घंटे काम करेंगे. यदि कोई प्राइवेट डॉक्टर नियंत्रण कक्ष में अपनी सेवा देंगे तो उन्हें दो हजार रुपये प्रति दिन मानदेय के आधार पर दिया जा सकता हैं.


एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश
मनोज कुमार ने कहा कि नियंत्रण कक्ष प्राथमिकता के आधार पर उच्च जोखिम युक्त व्यक्ति, गर्भवती महिलााओं और गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को एंबुलेंस उपलब्ध कराएगा. यदि इस दौरान कोई कोविड-19 का मरीज मिलता है तो उसे आवश्यकता होने पर उसे एंबुलेंस की सुविधा देकर पास के कोविड अस्पताल में पहुंचाया जाए. इसके साथ ही जिले में 24 घंटे नियंत्रण कक्ष बनाकर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया हैं.

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