पटना: रेलवे यूनियनों की मान्यता को लेकर पूरे देश में चुनाव है. इसको लेकर यूनियनों की सक्रियता बढ़ गई है. इस बाबत पटना जंक्शन स्थित ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस कांग्रेस के कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में रेल कर्मचारी ट्रैक मेंटेनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल हुए.
रेल कर्मचारी ट्रैक मेंटेनर्स एसोसिएशन ने दिया एनएफआईआर को समर्थन
इस बैठक में रेल कर्मचारी ट्रैक मेंटेनर्स एसोसिएशन ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस कांग्रेस के यूनियन नेशनल फेडरेशन फॉर इंडियन रेलवे (एनएफआईआर) को समर्थन देने की बात कही है. समर्थन देने के बाद एनएफआईआर चुनाव में काफी मजबूत स्थिति में आ गया है.प्रेम शंकर चतुर्वेदी
पिछले वर्ष के चुनाव में एनएफआईआर रहा था दूसरे स्थान पर
भारतीय रेल में लंबे समय से दो रेल युनियनों का कब्जा है . एनएफआईआर और एआईआरएफ ये दोनों यूनियन मान्यता प्राप्त है इनका दबदबा होने से रेलकर्मियों की जायज मांगें और समस्याओं का निदान होते आ रहा है. यह चुनाव वेलेट पेपर से कराए जायंगे. इस चुनाव में फिलहाल मान्यता के लिए 30 प्रातिशत का फार्मूला लागू है . गत वर्ष के चुनाव एनएफआईआर 28 फ़ीसदी मत लाकर दूसरे स्थान पर रहा था.
रेलवे का निजीकरण रोकना है इस बार का मुद्दा - इसीआरएमके
पूरे भारतवर्ष होने वाले इस मान्यता चुनाव को लेकर ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस कांग्रेस के महासचिव प्रेम शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि इस बैठक में रेलवे के सभी जोनों में आरकेडीए ने हमें अपना समर्थन दिया है. जिससे संगठन काफी मजबूत हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि इस बार का चुनावी मुद्दा रेलवे का निजीकरण और निगमकरण को रोकना. एनपीएस को खत्म करना, पीएस लागू करना. ट्रैक मेंटेनर का ग्रेड पे 4200 और काम के घंटे को 8 घंटे तक में सीमित किया जाना है.