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NOTA दबाने में बिहार नंबर 1, बिगाड़ा दिग्गजों का खेल!

इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरे देश भर में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने ही नोटा के बटन का इस्तेमाल किया है.

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Published : May 25, 2019, 9:20 PM IST

पटना: 2018 में सवर्ण आंदोलन के दौरान देशभर में नोटा दबाने को लेकर लोगों ने जमकर समर्थन किया था. इसका बड़ा असर बिहार में देखने को मिला है. लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बिहार में नोटा का बटन दबाने वालों के आंकड़े सामने आए हैं.

इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरे देश भर में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने ही नोटा के बटन का इस्तेमाल किया है. बिहार के 8 लाख 17 हजार 139 मतदाताओं ने नोटा के बटन का इस्तेमाल किया है. प्रतिशत के हिसाब से अगर देखा जाए तो बिहार में हुए मतदान का 2% नोटा को पड़ा है. पूरे देशभर में बिहार के बाद राजस्थान में नोटा का इस्तेमाल ज्यादा हुआ है. यहां 3.27 लाख वोट नोटा को पड़ा है.

बिहार में नोटा के इस्तेमाल पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

गोपालगंज में सबसे ज्यादा वोट नोटा को
इस बार बिहार में 13 सीटें ऐसी रहीं जहां नोटा तीसरे नंबर पर रहा है. बाकी सीटों पर नोटा चौथे से पांचवें नंबर पर रहा है. सबसे ज्यादा बिहार के गोपालगंज में मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है. यहां 51,660 मत नोटा को मिले हैं. जो कि कुल मत का 5.04 प्रतिशत है.

यहां इनते वोट नोटा को
गोपालगंज के बाद पश्चिमी चंपारण और जमुई में नोटा का बटन अधिक दबाया गया है. पश्चिमी चंपारण में नोटा को 45,699 मत मिले हैं जो कि कुल मत का 4.51 फीसदी हैं. वहीं जमुई में 39,496 मत नोटा को पड़े हैं जो कि 4.16 फीसदी मत हैं.

पटना साहिब में सबसे कम नोटा
बिहार के पटना साहिब सीट पर सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हुआ है. यहां 5076 मत नोटा को मिले हैं जो कि कुल मत का 0.52 फ़ीसदी है. पटना साहिब के बाद मधुबनी और पाटलिपुत्र में सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हुआ है. मधुबनी में जहां 5623 वोट नोटा को पड़े हैं वही पाटलिपुत्र में 6576 वोट नोटा को पड़े हैं.

नोटा की निर्णायक भूमिका
बिहार में नोटा के इस्तेमाल में खास बात यह है कि इस बार जहानाबाद में 27,683 मत नोटा को पड़े हैं, जबकि वहां जीत हार का अंतर 16 सौ के करीब रहा है. इसके अलावा पोस्टल बैलट में भी नोटा का इस्तेमाल हुआ है.

पोस्टल बैलेट में भी नोटा
इस बार के चुनाव में दिलचस्प यह है कि बिहार में पोस्टल बैलट में भी नोटा का इस्तेमाल खूब हुआ है. जहानाबाद में सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट के जरिए नोटा का इस्तेमाल हुआ है. यहां 109 मत पोस्टल बैलेट के जरिए नोटा को मिले हैं. नवादा में भी पोस्टल बैलेट के जरिए 103 मत नोटा को मिले हैं. जबकि पोस्टल बैलेट के जरिए सबसे कम किशनगंज में नोटा को मत मिले हैं. यहां पोस्टल बैलेट के जरिए मात्र 3 मत नोटा को मिले हैं.

शरद और पप्पू के इलाके में भी नोटा
मधेपुरा की सीट जहां महागठबंधन से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, जन अधिकार पार्टी से तत्कालीन सांसद पप्पू यादव और एनडीए के दिनेश चंद्र यादव मैदान में थे वहां नोटा को 38,450 मत मिले हैं.

कहां कितने वोट नोटा को

  • अररिया- 20618
  • आरा- 21825
  • औरंगाबाद- 22632
  • बांका- 6625
  • बेगूसराय- 20445
  • भागलपुर- 31567
  • बक्सर- 16447
  • दरभंगा- 20468
  • गया- 30030
  • गोपालगंज- 51660
  • हाजीपुर- 25256
  • जहानाबाद- 27683
  • जमुई- 39496
  • झंझारपुर- 9203
  • काराकाट- 22104
  • कटिहार- 20584
  • खगड़िया- 7596
  • किशनगंज- 19722
  • मधेपुरा- 38450
  • मधुबनी- 5623
  • महाराजगंज- 22168
  • मुंगेर- 9742
  • मुजफ्फरपुर- 9171
  • नालंदा- 8426
  • नवादा- 35147
  • पश्चिमी चंपारण- 45699
  • पाटलिपुत्र- 6576
  • पटना साहिब- 5076
  • पूर्णिया- 18569
  • पूर्वी चंपारण- 22706
  • समस्तीपुर- 35417
  • सारण- 28267
  • सासाराम- 18988
  • शिवहर- 7017
  • सीतामढ़ी- 10318
  • सिवान- 8486
  • सुपौल- 9343
  • उजियारपुर- 14434
  • वैशाली- 9217
  • वाल्मीकि नगर- 34338

पटना: 2018 में सवर्ण आंदोलन के दौरान देशभर में नोटा दबाने को लेकर लोगों ने जमकर समर्थन किया था. इसका बड़ा असर बिहार में देखने को मिला है. लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बिहार में नोटा का बटन दबाने वालों के आंकड़े सामने आए हैं.

इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरे देश भर में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने ही नोटा के बटन का इस्तेमाल किया है. बिहार के 8 लाख 17 हजार 139 मतदाताओं ने नोटा के बटन का इस्तेमाल किया है. प्रतिशत के हिसाब से अगर देखा जाए तो बिहार में हुए मतदान का 2% नोटा को पड़ा है. पूरे देशभर में बिहार के बाद राजस्थान में नोटा का इस्तेमाल ज्यादा हुआ है. यहां 3.27 लाख वोट नोटा को पड़ा है.

बिहार में नोटा के इस्तेमाल पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

गोपालगंज में सबसे ज्यादा वोट नोटा को
इस बार बिहार में 13 सीटें ऐसी रहीं जहां नोटा तीसरे नंबर पर रहा है. बाकी सीटों पर नोटा चौथे से पांचवें नंबर पर रहा है. सबसे ज्यादा बिहार के गोपालगंज में मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है. यहां 51,660 मत नोटा को मिले हैं. जो कि कुल मत का 5.04 प्रतिशत है.

यहां इनते वोट नोटा को
गोपालगंज के बाद पश्चिमी चंपारण और जमुई में नोटा का बटन अधिक दबाया गया है. पश्चिमी चंपारण में नोटा को 45,699 मत मिले हैं जो कि कुल मत का 4.51 फीसदी हैं. वहीं जमुई में 39,496 मत नोटा को पड़े हैं जो कि 4.16 फीसदी मत हैं.

पटना साहिब में सबसे कम नोटा
बिहार के पटना साहिब सीट पर सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हुआ है. यहां 5076 मत नोटा को मिले हैं जो कि कुल मत का 0.52 फ़ीसदी है. पटना साहिब के बाद मधुबनी और पाटलिपुत्र में सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हुआ है. मधुबनी में जहां 5623 वोट नोटा को पड़े हैं वही पाटलिपुत्र में 6576 वोट नोटा को पड़े हैं.

नोटा की निर्णायक भूमिका
बिहार में नोटा के इस्तेमाल में खास बात यह है कि इस बार जहानाबाद में 27,683 मत नोटा को पड़े हैं, जबकि वहां जीत हार का अंतर 16 सौ के करीब रहा है. इसके अलावा पोस्टल बैलट में भी नोटा का इस्तेमाल हुआ है.

पोस्टल बैलेट में भी नोटा
इस बार के चुनाव में दिलचस्प यह है कि बिहार में पोस्टल बैलट में भी नोटा का इस्तेमाल खूब हुआ है. जहानाबाद में सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट के जरिए नोटा का इस्तेमाल हुआ है. यहां 109 मत पोस्टल बैलेट के जरिए नोटा को मिले हैं. नवादा में भी पोस्टल बैलेट के जरिए 103 मत नोटा को मिले हैं. जबकि पोस्टल बैलेट के जरिए सबसे कम किशनगंज में नोटा को मत मिले हैं. यहां पोस्टल बैलेट के जरिए मात्र 3 मत नोटा को मिले हैं.

शरद और पप्पू के इलाके में भी नोटा
मधेपुरा की सीट जहां महागठबंधन से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, जन अधिकार पार्टी से तत्कालीन सांसद पप्पू यादव और एनडीए के दिनेश चंद्र यादव मैदान में थे वहां नोटा को 38,450 मत मिले हैं.

कहां कितने वोट नोटा को

  • अररिया- 20618
  • आरा- 21825
  • औरंगाबाद- 22632
  • बांका- 6625
  • बेगूसराय- 20445
  • भागलपुर- 31567
  • बक्सर- 16447
  • दरभंगा- 20468
  • गया- 30030
  • गोपालगंज- 51660
  • हाजीपुर- 25256
  • जहानाबाद- 27683
  • जमुई- 39496
  • झंझारपुर- 9203
  • काराकाट- 22104
  • कटिहार- 20584
  • खगड़िया- 7596
  • किशनगंज- 19722
  • मधेपुरा- 38450
  • मधुबनी- 5623
  • महाराजगंज- 22168
  • मुंगेर- 9742
  • मुजफ्फरपुर- 9171
  • नालंदा- 8426
  • नवादा- 35147
  • पश्चिमी चंपारण- 45699
  • पाटलिपुत्र- 6576
  • पटना साहिब- 5076
  • पूर्णिया- 18569
  • पूर्वी चंपारण- 22706
  • समस्तीपुर- 35417
  • सारण- 28267
  • सासाराम- 18988
  • शिवहर- 7017
  • सीतामढ़ी- 10318
  • सिवान- 8486
  • सुपौल- 9343
  • उजियारपुर- 14434
  • वैशाली- 9217
  • वाल्मीकि नगर- 34338
Intro:बिहार के 817139 मतदाताओं ने दबाया नोटा का बटन

17वें लोकसभा का चुनाव इस बार संपन्न हुआ है. इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरे देश भर में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने ही नोटा के बटन का इस्तेमाल किया है. बिहार के 8 लाख 17 हजार 139 मतदाताओं ने नोटा के बटन का इस्तेमाल किया है. प्रतिशत के हिसाब से अगर देखा जाए तो बिहार में हुए मतदान का 2% नोटा को पड़ा है. पूरे देश भर में बिहार के बाद राजस्थान में नोटा का इस्तेमाल ज्यादा हुआ है. यहां 3.27 लाख वोट नोटा को पड़ा है.

इस बार बिहार में 13 सीटें ऐसी रही जहां नोटा तीसरे नंबर पर रहा है. बाकी सीटों पर नोटा चौथे से पांचवें नंबर पर रहा है.


Body:इस बार के लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता ने भरपूर नोटा का इस्तेमाल किया है. सबसे ज्यादा बिहार के गोपालगंज में मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है. यहां 51660 मत नोटा को मिले हैं जो कि कुल मत का 5.04 प्रतिशत है. गोपालगंज के बाद पश्चिमी चंपारण और जमुई में नोटा का बटन अधिक दबाया गया है. पश्चिमी चंपारण में नोटा को 45699 मत मिले हैं जो कि कुल मत का 4.51 फ़ीसदी मत है और जमुई में 39496 मत नोटा को पड़ा है जो कि 4.16 फ़ीसदी मत है.

बिहार के पटना साहिब सीट पर सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हुआ है. यहां 5076 मत नोटा को मिले हैं जो कि कुल मत का 0.52 फ़ीसदी है. पटना साहिब के बाद मधुबनी और पाटलिपुत्र में सबसे कम नोटा का इस्तेमाल हुआ है. मधुबनी में जहां 5623 वोट नोटा को पड़े हैं वही पाटलिपुत्र में 6576 वोट नोटा को पड़े हैं.

बिहार में नोटा के इस्तेमाल में खास बात यह है कि इस बार जहानाबाद में 27683 मत नोटा को पड़े हैं जबकि वहां जीत हार का अंतर 16 सौ के करीब रहा है.

पोस्टल बैलट में भी हुआ है नोटा का इस्तेमाल

इस बार के चुनाव में दिलचस्प यह है कि बिहार में पोस्टल बैलट में भी नोटा का इस्तेमाल खूब हुआ है. जहानाबाद में सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट के जरिए नोटा का इस्तेमाल हुआ है. यहां 109 मत पोस्टल बैलेट के जरिए नोटा को मिले हैं. नवादा में भी पोस्टल बैलेट के जरिए 103 मत नोटा को मिले हैं. जबकि पोस्टल बैलेट के जरिए सबसे कम किशनगंज में नोटा को मत मिले हैं. यहां पोस्टल बैलेट के जरिए मात्र 3 मत नोटा को मिले हैं.

मधेपुरा की सीट जहां महागठबंधन से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, जन अधिकार पार्टी से तत्कालीन सांसद पप्पू यादव और एनडीए के दिनेश चंद्र यादव मैदान में थे वहां नोटा को 38450 मत मिले हैं.


Conclusion:बिहार के सभी सीटों पर मिले नोटा के मतों की सूची:-

अररिया- 20618
आरा- 21825
औरंगाबाद- 22632
बांका- 6625
बेगूसराय- 20445
भागलपुर- 31567
बक्सर- 16447
दरभंगा- 20468
गया- 30030
गोपालगंज- 51660
हाजीपुर- 25256
जहानाबाद- 27683
जमुई- 39496
झंझारपुर- 9203
काराकाट- 22104
कटिहार- 20584
खगड़िया- 7596
किशनगंज- 19722
मधेपुरा- 38450
मधुबनी- 5623
महाराजगंज- 22168
मुंगेर- 9742
मुजफ्फरपुर- 9171
नालंदा- 8426
नवादा- 35147
पश्चिमी चंपारण- 45699
पाटलिपुत्र- 6576
पटना साहिब- 5076
पूर्णिया- 18569
पूर्वी चंपारण- 22706
समस्तीपुर- 35417
सारण- 28267
सासाराम- 18988
शिवहर- 7017
सीतामढ़ी- 10318
सिवान- 8486
सुपौल- 9343
उजियारपुर- 14434
वैशाली- 9217
वाल्मीकि नगर- 34338
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