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बिहार में लॉकडाउन के दौरान नशीली पदार्थों के तस्कर रहे काफी एक्टिव- कुमार मनीष

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Published : Aug 11, 2020, 4:22 PM IST

नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के बिहार-झारखंड के ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष ने कहा कि पटना समेत पूरे बिहार में नशीले पदार्थों का गोरखधंधा लॉकडाउन और बाढ़ के दौरान भी लगातार जारी है. वहीं उन्होंने कहा कि गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, ओपियम जैसे नशीले पदार्थ की सप्लाई लॉकडाउन में लगातार जारी है.

बिहार
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पटना: नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के बिहार-झारखंड के ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष ने कहा कि पिछले 6 महीने में लॉकडाउन के दौरान नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के लिए बड़ी चुनौतियां भरी रही हैं. सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए हम लोग नशीली पदार्थों के गोरखधंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ने में कामयाब रहे हैं. पटना समेत पूरे बिहार में नशीले पदार्थों का गोरखधंधा लॉकडाउन और बाढ़ के दौरान भी लगातार जारी है. ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष ने कहा कि गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, ओपियम जैसे नशीले पदार्थ की सप्लाई लॉकडाउन में लगातार जारी है. इसी कड़ी में नशीली पदार्थों की खेप को ट्रकों में छिपाकर नॉर्थ इंडिया से बिहार-झारखंड समेत दूसरे राज्यों में पहुंचाया जा रहा है.

'नशीली पदार्थों को किया गया जब्त'
कुमार मनीष ने बताया कि नशीली पदार्थों की खेप को ट्रकों में छिपाकर नॉर्थ इंडिया से बिहार-झारखंड समेत दूसरे राज्यों में पहुंचाए जाने से पहले ही नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के हत्थे यह चढ़ गए हैं. नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की माने तो लॉकडाउन के दौरान नशीली पदार्थों का गोरख धंधा करने वाले ज्यादा एक्टिव हो गए हैं. गौरतलब है कि पूरे लॉकडाउन में ही अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने 2413.8 किलो गांजा, 53.9 किलो चरश और 7.9 किलो ओपीएम के साथ अन्य नशीली पदार्थों को जब्त किया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'गांजा और ओपियम की तस्करी में हुई है बढ़ोतरी'
साथ ही नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में छापेमारी के दौरान 32 तस्करों के साथ इसकी सप्लाई करने वाले ट्रक ड्राइवरों को भी गिरफ्तार किया है. लेकिन नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष की माने तो यातायात बाधित होने की वजह से सामान्य दिनों की तुलना में कमी आई है. कुमार मनीष की माने तो कोरोना महामारी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर ज्यादा चौकसी होने की वजह से बाहर से आने वाले नशीली पदार्थों पर रोक जरूर लगी है. परंतु राज्यों में उत्पादन होने वाले गांजा, ओपियम जैसे पदार्थों की तस्करी में बढ़ोतरी हुई है. पकड़े गए नशीली पदार्थों का मूल्य करोड़ों में लगाया जा रहा है.

patna
पत्र

'सूचना तंत्र काफी मजबूत'
बिहार में लॉकडाउन के साथ-साथ बाढ़ की समस्या भी उत्पन्न है. उम्मीद जताई जा रही है कि जिसका फायदा उठाकर नशीली पदार्थों के तस्कर भंडारण करने में सफलता हासिल कर रहे हैं. कुमार मनीष की मानें तो इस तरह की सूचना हमारे पास अभी नहीं आई है. हमारे जो सूचना तंत्र हैं वह काफी मजबूत हैं. अगर इस तरह की सूचना हमें मिलेगी, तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

'लॉकडाउन में नशीली पदार्थ के कारोबार में आई कमी'
कोरोना की वजह से नारकोटिक्स डिपार्टमेंट को भी दूसरे डिस्ट्रिक्ट इंटर डिस्ट्रिक्ट के में आने जाने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के पास संसाधन की कोई कमी नहीं है ना ही कोरोना से नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर इसका कोई असर पड़ा है. कुमार मनीष ने बताया कि हमारे पास जो डाटा है, उसके मुताबिक के सामान्य दिनों की तुलना में लॉकडाउन में नशीली पदार्थ के कारोबार में कमी आई है.

पटना: नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के बिहार-झारखंड के ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष ने कहा कि पिछले 6 महीने में लॉकडाउन के दौरान नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के लिए बड़ी चुनौतियां भरी रही हैं. सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए हम लोग नशीली पदार्थों के गोरखधंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ने में कामयाब रहे हैं. पटना समेत पूरे बिहार में नशीले पदार्थों का गोरखधंधा लॉकडाउन और बाढ़ के दौरान भी लगातार जारी है. ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष ने कहा कि गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, ओपियम जैसे नशीले पदार्थ की सप्लाई लॉकडाउन में लगातार जारी है. इसी कड़ी में नशीली पदार्थों की खेप को ट्रकों में छिपाकर नॉर्थ इंडिया से बिहार-झारखंड समेत दूसरे राज्यों में पहुंचाया जा रहा है.

'नशीली पदार्थों को किया गया जब्त'
कुमार मनीष ने बताया कि नशीली पदार्थों की खेप को ट्रकों में छिपाकर नॉर्थ इंडिया से बिहार-झारखंड समेत दूसरे राज्यों में पहुंचाए जाने से पहले ही नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के हत्थे यह चढ़ गए हैं. नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की माने तो लॉकडाउन के दौरान नशीली पदार्थों का गोरख धंधा करने वाले ज्यादा एक्टिव हो गए हैं. गौरतलब है कि पूरे लॉकडाउन में ही अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने 2413.8 किलो गांजा, 53.9 किलो चरश और 7.9 किलो ओपीएम के साथ अन्य नशीली पदार्थों को जब्त किया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'गांजा और ओपियम की तस्करी में हुई है बढ़ोतरी'
साथ ही नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में छापेमारी के दौरान 32 तस्करों के साथ इसकी सप्लाई करने वाले ट्रक ड्राइवरों को भी गिरफ्तार किया है. लेकिन नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष की माने तो यातायात बाधित होने की वजह से सामान्य दिनों की तुलना में कमी आई है. कुमार मनीष की माने तो कोरोना महामारी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर ज्यादा चौकसी होने की वजह से बाहर से आने वाले नशीली पदार्थों पर रोक जरूर लगी है. परंतु राज्यों में उत्पादन होने वाले गांजा, ओपियम जैसे पदार्थों की तस्करी में बढ़ोतरी हुई है. पकड़े गए नशीली पदार्थों का मूल्य करोड़ों में लगाया जा रहा है.

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'सूचना तंत्र काफी मजबूत'
बिहार में लॉकडाउन के साथ-साथ बाढ़ की समस्या भी उत्पन्न है. उम्मीद जताई जा रही है कि जिसका फायदा उठाकर नशीली पदार्थों के तस्कर भंडारण करने में सफलता हासिल कर रहे हैं. कुमार मनीष की मानें तो इस तरह की सूचना हमारे पास अभी नहीं आई है. हमारे जो सूचना तंत्र हैं वह काफी मजबूत हैं. अगर इस तरह की सूचना हमें मिलेगी, तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

'लॉकडाउन में नशीली पदार्थ के कारोबार में आई कमी'
कोरोना की वजह से नारकोटिक्स डिपार्टमेंट को भी दूसरे डिस्ट्रिक्ट इंटर डिस्ट्रिक्ट के में आने जाने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के पास संसाधन की कोई कमी नहीं है ना ही कोरोना से नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर इसका कोई असर पड़ा है. कुमार मनीष ने बताया कि हमारे पास जो डाटा है, उसके मुताबिक के सामान्य दिनों की तुलना में लॉकडाउन में नशीली पदार्थ के कारोबार में कमी आई है.

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