पटनाः पटना: जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच विवाद (Dispute Between Lalan Singh and RCP Singh) गहराता जा रहा है. एक तरफ जहां आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार के जन्मदिन से बिहार में बड़ा अभियान शुरू करने का ऐलान किया है, वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसी अभियान को शुरू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बैठक कर फैसला लिया जाता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष का सिग्नेचर होता है. अभी सदस्यता अभियान शुरू करने जैसी बात नहीं है.
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'सदस्यता अभियान राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति से चलता है. सदस्यता अभियान एक सिस्टम से चलता है. 2019 में 3 साल के लिए पार्टी में जिन्हें सदस्य बनाया गया है. 2022 अक्टूबर में उनकी सदस्यता समाप्त हो रही है. एक तय तिथि से अभियान शुरू होता है और उसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बैठक कर फैसला लिया जाता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष का सिग्नेचर होता है और एक साथ सभी प्रदेश में अभियान शुरू करने का फैसला होता है. इसलिए अभी सदस्यता अभियान शुरू करने की कोई बात ही नहीं है. आरसीपी सिंह ने क्या कहा है उस पर मैं सक्षम आदमी नहीं हूं बोलने के लिए.' -ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
वहीं ललन सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को दोषी करार दिए जाने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि पहले यह आरोप लगता था कि फंसाया गया है. लेकिन अब ट्रायल के बाद उन्हें दोषी करार दिया गया है. अब उनका कोई भी आरोप समाप्त हो गया है, अब जो कानूनी प्रक्रिया है वह पूरी होगी.
आपको बताएं कि केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त से ही जदयू में आंतरिक विवाद चल रहा है, जो अब उभरकर सामने आ गया है. आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए गए और ललन सिंह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. नीतीश कुमार ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का था. मेरा उस फैसले से कोई लेना-देना नहीं था. बाद में ललन सिंह की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया.
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही ललन सिंह ने अपने तेवर दिखाए और सांगठनिक स्तर पर बड़े फेरबदल किए. आरसीपी सिंह खेमे के नेताओं को एक-एक कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. आरसीपी सिंह भी बहुत देर चुप नहीं बैठ सके और संगठन को लेकर फिर हरकत में आए. पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाई और शक्ति प्रदर्शन किया. केंद्रीय मंत्री ने पार्टी के बगैर सहमति के सीधे-सीधे अगले 1 साल के लिए पार्टी के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि 1 मार्च से अगले 1 साल तक नीतीश कुमार की उपलब्धियों को जन-जन तक कार्यकर्ता ले जाने का काम करेंगे.
केंद्रीय मंत्री आरसीपी के बयान पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार करने में देरी नहीं की. ललन सिंह ने कहा कि मुझे मालूम नहीं है कि आरसीपी सिंह कौन सा अभियान चलाना चाहते हैं. पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के कंधों पर है और वह पार्टी को मजबूत करने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं.
इसके पहले भी आरसीपी सिंह तब मुखर हुए थे, जब उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया था. तब आरसीपी सिंह ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि लोग बाएं दाएं देखने का काम ना करें और पार्टी के हित में काम करें. हमारे नेता नीतीश कुमार हैं. 2025 तक के लिए जनता ने एनडीए को बहुमत दिया है.
बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच अंदरखाने में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जेडीयू (JDU) में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए कुर्मी और कुशवाहा को एकजुट करने की कोशिश की तो वहीं संगठन स्तर पर भी बड़े बदलाव किए. इस बीच ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के समय बनाए गए सभी प्रकोष्ठों और इकाई को भंग करवा दिया था. तभी से गुटबाजी का खेल पार्टी के अंदर जारी है.
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