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'शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करने में मिल रहा पड़ोसी राज्यों का सहयोग'- संजीव गुप्ता

संजीव गुप्ता ने बताया कि अलग- अलग राज्यों से अलग- अलग मुद्दा पर बातचीत की गई. बैठक में शामिल सभी राज्यों का सकरात्मक रवैया रहा. शराबबंदी को लेकर भी बातचीत हुई.

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Published : Oct 23, 2019, 8:01 PM IST

पटना

पटना: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों की बैठक बुधवार को पटना में आयोजित की गई. इस बैठक में शामिल राज्यों से कई मुद्दों पर बातचीत की गई. इसको लेकर इंटर स्टेट काउंसिल के सेक्रेटरी संजीव गुप्ता ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बिहार को पूरा सहयोग मिल रहा है.

संजीव गुप्ता ने बताया कि अलग- अलग राज्यों से अलग- अलग मुद्दों पर बातचीत की गई. बैठक में शामिल सभी राज्यों का सकारात्मक रवैया रहा. शराबबंदी को लेकर भी बातचीत हुई. बिहार और झारखंड में पूर्ण सहमति है कि बिहार में कैसे प्रभावी शराबबंदी लागू हो. इस मुद्दे पर दोनों राज्यों ने कई सुझाव भी दिए.

320 करोड़ राशि है बाकी
इसके साथ इंटर स्टेट काउंसिल के सेक्रेटरी ने बताया कि रेलवे के लिए भूमि अधिग्रहण, बैंकों का मुद्दा, सिंचाई, पेंशन सहित कई मुद्दों पर बातचीत की गई. अधिकतर मामलों में सहमति भी बनी. कुल 43 एजेंडों पर बातचीत हुई. वहीं, बिहार ने एक बार फिर झारखंड से 320 करोड़ बकाया की भुगतान करने की बात कही. यह बकाया बिहार और झारखंड के बंटवारे के बाद पेंशन राशि के रूप में लंबित है.

इंटर स्टेट काउंसिल के सेक्रेटरी संजीव गुप्ता का बयान

ये भी पढ़ें: पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक, पड़ोसी राज्यों के प्रतिनिधि हुए शामिल

कई राज्यों के प्रतिनिधि हुए शामिल
बता दें कि बैठक में बिहार के साथ झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि शामिल हुए. मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में सुबह 11 बजे बैठक शुरू हुई. बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बिहार में शराबबंदी के मामले में पड़ोसी राज्यों से मदद मांगी.

पटना: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों की बैठक बुधवार को पटना में आयोजित की गई. इस बैठक में शामिल राज्यों से कई मुद्दों पर बातचीत की गई. इसको लेकर इंटर स्टेट काउंसिल के सेक्रेटरी संजीव गुप्ता ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बिहार को पूरा सहयोग मिल रहा है.

संजीव गुप्ता ने बताया कि अलग- अलग राज्यों से अलग- अलग मुद्दों पर बातचीत की गई. बैठक में शामिल सभी राज्यों का सकारात्मक रवैया रहा. शराबबंदी को लेकर भी बातचीत हुई. बिहार और झारखंड में पूर्ण सहमति है कि बिहार में कैसे प्रभावी शराबबंदी लागू हो. इस मुद्दे पर दोनों राज्यों ने कई सुझाव भी दिए.

320 करोड़ राशि है बाकी
इसके साथ इंटर स्टेट काउंसिल के सेक्रेटरी ने बताया कि रेलवे के लिए भूमि अधिग्रहण, बैंकों का मुद्दा, सिंचाई, पेंशन सहित कई मुद्दों पर बातचीत की गई. अधिकतर मामलों में सहमति भी बनी. कुल 43 एजेंडों पर बातचीत हुई. वहीं, बिहार ने एक बार फिर झारखंड से 320 करोड़ बकाया की भुगतान करने की बात कही. यह बकाया बिहार और झारखंड के बंटवारे के बाद पेंशन राशि के रूप में लंबित है.

इंटर स्टेट काउंसिल के सेक्रेटरी संजीव गुप्ता का बयान

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कई राज्यों के प्रतिनिधि हुए शामिल
बता दें कि बैठक में बिहार के साथ झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि शामिल हुए. मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में सुबह 11 बजे बैठक शुरू हुई. बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बिहार में शराबबंदी के मामले में पड़ोसी राज्यों से मदद मांगी.

Intro:बिहार में 2016 से पूर्ण शराब बंदी कानून लागू है। बावजूद इसके सीमावर्ती राज्यों से भारी संख्या में बिहार में अवैध शराब का कारोबार जारी है। बिहार में सीमावर्ती राज्यों से बॉर्डर पर स्थित गांव में शराब की दुकानें बंद करने की अपील की है। यह अपील पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में की गई। संजीव गुप्ता ने बताया शराबबंदी पर पड़ोसी राज्यों से सहयोग बिहार को मिल रहा है। 2 राज्यों के पुलिस के सहयोग से बिहार के शराब बंदी कानून को मजबूती दी जाएगी।
बैठक में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बिहार और केंद्रीय सरकार के आला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कुल 43 एजेंटों पर बातचीत हुई। बिहार ने एक बार फिर झारखंड से 320 करोड़ बकाया भुगतान की मांग की। यह बकाया बिहार और झारखंड के बंटवारे के दौरान पेंशन राशि का है।


Body:इंटर स्टेट काउंसिल के सेक्रेटरी संजीव गुप्ता ने बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी दी। तीस्ता नदी जल बंटवारे पर सकारात्मक बातचीत हुई है। गर्मी के मौसम में पानी मिलने पर सहमति बनी है।
सचिव संजीव गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इन चार राज्यों में जमीन विवाद के कारण 11 रेल परियोजनाएं लंबित है। आज की बैठक में रेल परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने पर विशेष और सकारात्मक बातचीत हुई है।


Conclusion:उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में के मछुआरों को दिया जाएगा विशेष आई कार्ड। दरअसल उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के समुद्री तटों पर मछुआरों को मछली मारने के लिए कई किलोमीटर दूर तक जाना पड़ रहा है। जिसके कारण वह रास्ता तक भटक जाते हैं और उन्हें वापस लौटने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए मछुआरों को विशेष आई कार्ड बना कर दिया जाएगा ।
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में गांजा और चरस की खेती को बंद करने पर भी विशेष चर्चा हुई। इसके अलावा बिहार में साइबर क्राइम को रोकने के लिए विशेष टीम के गठन की भी बात की गई।
गौरतलब है कि पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार और केंद्र सरकार के कई विभागों के आला अफसर मौजूद थे। बैठक का नेतृत्व इंटर स्टेट काउंसिल सचिव संजीव गुप्ता कर रहे थे।
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