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बोले आपदा प्रबंधन मंत्री- बाढ़ से राहत की तैयारी के लेकर सरकार आश्वस्त, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में

आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ की 6 टीम और एसडीआरएफ की 4 टीमें विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात की गई हैं. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.

आपदा प्रबंधन मंत्री
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Published : Sep 25, 2019, 3:30 PM IST

पटना: बिहार में तकरीबन 12 नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. राज्य के 14 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. हालांकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव से बात की थी. इसके बाद फरक्का बराज के फाटक को खोला गया है. इससे नदियों के जलस्तर में कमी जरूर आई है. लेकिन अभी भी राज्य के 7 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि इन इलाकों में कुल 34 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है. इसके अलावा कुल 583 नाव की व्यवस्था की जा रही है.

मंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ की 6 और एसडीआरएफ की 4 टीमें विभिन्न जिलों में तैनात की गई हैं. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. तमाम तटबंधों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. अभी किसी भी तटबंध पर कोई खतरा नहीं है. लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण नदी किनारे स्थित कुछ जिलों में पानी जरूर घुस गया है. लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है. राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य के लिए पूरी तरह मुस्तैद है. लोगों के लिए सामुदायिक किचन में भोजन की व्यवस्था की जा रही है.

patna
राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
इधर, सरकार के तमाम दावों को विपक्ष नकार रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि सरकार सामुदायिक किचन की बात तो कह रही है, लेकिन यह किचन सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है. राठौर कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने कमजोर पड़ गए हैं कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से वो बिहार की समस्याओं को नहीं बता पा रहे. उन्हें प्रधानमंत्री के सचिव से बात कर अपना दुखड़ा रोना पड़ रहा है.

बयान देते आपदा प्रबंधन मंत्री और कांगेस प्रवक्ता

बिहार की जनता को गुमराह कर रही केंद्र और राज्य सरकार
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बिहार सरकार कहती है कि हमें पर्याप्त संसाधन नहीं मिल पा रहा है, तो केंद्र सरकार कहती है कि हम जो संसाधन राज्य को दे रहे हैं उसे राज्य की सरकार खर्च नहीं कर पा रही. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिहार की जनता का शोषण कर रही है.

पटना: बिहार में तकरीबन 12 नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. राज्य के 14 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. हालांकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव से बात की थी. इसके बाद फरक्का बराज के फाटक को खोला गया है. इससे नदियों के जलस्तर में कमी जरूर आई है. लेकिन अभी भी राज्य के 7 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि इन इलाकों में कुल 34 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है. इसके अलावा कुल 583 नाव की व्यवस्था की जा रही है.

मंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ की 6 और एसडीआरएफ की 4 टीमें विभिन्न जिलों में तैनात की गई हैं. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. तमाम तटबंधों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. अभी किसी भी तटबंध पर कोई खतरा नहीं है. लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण नदी किनारे स्थित कुछ जिलों में पानी जरूर घुस गया है. लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है. राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य के लिए पूरी तरह मुस्तैद है. लोगों के लिए सामुदायिक किचन में भोजन की व्यवस्था की जा रही है.

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राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
इधर, सरकार के तमाम दावों को विपक्ष नकार रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि सरकार सामुदायिक किचन की बात तो कह रही है, लेकिन यह किचन सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है. राठौर कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने कमजोर पड़ गए हैं कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से वो बिहार की समस्याओं को नहीं बता पा रहे. उन्हें प्रधानमंत्री के सचिव से बात कर अपना दुखड़ा रोना पड़ रहा है.

बयान देते आपदा प्रबंधन मंत्री और कांगेस प्रवक्ता

बिहार की जनता को गुमराह कर रही केंद्र और राज्य सरकार
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बिहार सरकार कहती है कि हमें पर्याप्त संसाधन नहीं मिल पा रहा है, तो केंद्र सरकार कहती है कि हम जो संसाधन राज्य को दे रहे हैं उसे राज्य की सरकार खर्च नहीं कर पा रही. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिहार की जनता का शोषण कर रही है.

Intro:बिहार के तकरीबन 12 नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जिसके कारण राज्य किए 14 जिले बाढ़ प्रभावित हो गए हैं। हालांकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव से बात करने के बाद फरक्का बराज के फाटको को खोला गया है। जिससे नदियों के जलस्तर में कमी जरूर आई है। लेकिन वर्तमान में भी राज्य के 7 जिले बाढ़ के पानी से ज्यादा प्रभावित है। आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने जानकारी देते हुए बताया कि इन इलाकों में कुल 34 सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है। इसके अलावा कुल 583 नावो से परिचालन की व्यवस्था की जा रही है।


Body:एनडीआरएफ की 6 टीम और एसडीआरएफ की 4 टीमें विभिन्न जिलों में तैनात किए गए हैं। आपदा मंत्री का मानना है, कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। तमाम तटबंध पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। सूचना मिलने तक किसी भी तटबंध पर किसी तरह का खतरा नहीं है। लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण नदी किनारे अवस्थित कुछ जिलों में पानी जरूर घुस गया है। लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। लोगों के लिए सामुदायिक किचन में भोजन की व्यवस्था की जा रही है।


Conclusion:सरकार के तमाम दावों को विपक्ष नकार रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर कर रहे हैं कि सरकार सामुदायिक किचन की बात तो कह रही है, लेकिन यह किचन सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है। राठौर कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने कमजोर पड़ गए हैं, कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से वह बिहार की समस्याओं को नहीं बता पा रहे। उन्हें प्रधानमंत्री के सचिव से बात कर अपना दुखड़ा रोना पड़ रहा है। बिहार सरकार कहती है कि हमें पर्याप्त संसाधन नहीं मिल पा रहा, तो केंद्र सरकार कहती है कि हम जो संसाधन राज्य को दे रहे हैं उसे राज्य की सरकार खर्च नहीं कर पा रही। राज्य की जनता दोनों सरकारों के रवैय्ये को देख रही है। उनके इस रवैय्ये से होने वाले असर का परिणाम झेलेने को मजबूर है।

जिला - सामुदायिक रसोई - नाव - NDRF/SDRF

1. खगड़िया - 14 - 70 - SDRF - 1 टीम

2. भोजपुर - 07 - 158 - NDRF - 1 टीम

3. बक्सर - 01 - 65 - NDRF - 2 टीम

4. समस्तीपुर - 06 - 61 - SDRF - 1 टीम

5. लखीसराय - 02 - 12 - -------

6. बेगूसराय - 01 - 142 - NDRF - 1 टीम

7. भगलपुर - 03 - 75 - NDRF - 2 टीम / SDRF - 2 - टीम
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