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बाढ़: कार्तिक मास के पहले दिन गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी

कार्तिक महीने के पहले दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इसको लेकर गंगा घाटों पर भक्तों की काफी भीड़ उमड़ी. जहां कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गई.

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Published : Nov 1, 2020, 3:52 PM IST

पटना(बाढ़): जिले के बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों में कार्तिक मास में गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. श्रद्धालु 3 बजे भोर से ही गंगा घाटों पर पहुंचने लगे और पौ फटते ही स्नान करते नजर आए. बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण इसका अलग ही महत्व है. उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में खासा महत्व है.

कहा जाता है कि उत्तरायण गंगा में कार्तिक मास में स्नान करने के बाद लोगों को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसी को लेकर बाढ़ अनुमंडल के दूर-दूर गांव से लोग आज पूरे दिन गंगा स्नान करेंगे. पूरे कार्तिक मास पूरे गंगा घाटों में मेले के रूप में तब्दील हो जाता है. वहीं स्थानीय लोगों द्वारा फूल,फल, पूजा सामग्री की दुकान लगाई गई.

1 नवंबर से शुरू हुआ कार्तिक स्नान
कार्तिक मास आज यानी 1 नवंबर से शुरु होकर 30 नवंबर तक रहेगा. हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है. यह चतुर्मास का आखिरी महीना होता है. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में ही धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसके अलावा दीपदान और कार्तिक स्नान से शुभ फल की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि यह मास भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी अतिप्रिय होता है. ऐसे में इस माह में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और भक्त को किसी चीज की कमी नहीं रहती है.

उड़ाई गई कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां
कहते हैं कि कार्तिक मास श्रीहरि और मां लक्ष्मी को अतिप्रिय है. यही कारण है कि इस महीने में धन प्राप्ति की मान्यता है. कहते हैं कि इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और धरती लोक में विचरण कर कृपा बरसाते हैं. इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस माह में त्रयोदशी, दिपावली और गोपाष्टमी मनाई जाती है. गंगा स्नान को लेकर घाट पर पहुंचे भक्तों में कोरोना का खौफ नहीं नजर आया. वे मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन किए बगैर भक्ति में लीन नजर आए.

पटना(बाढ़): जिले के बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों में कार्तिक मास में गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. श्रद्धालु 3 बजे भोर से ही गंगा घाटों पर पहुंचने लगे और पौ फटते ही स्नान करते नजर आए. बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण इसका अलग ही महत्व है. उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में खासा महत्व है.

कहा जाता है कि उत्तरायण गंगा में कार्तिक मास में स्नान करने के बाद लोगों को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसी को लेकर बाढ़ अनुमंडल के दूर-दूर गांव से लोग आज पूरे दिन गंगा स्नान करेंगे. पूरे कार्तिक मास पूरे गंगा घाटों में मेले के रूप में तब्दील हो जाता है. वहीं स्थानीय लोगों द्वारा फूल,फल, पूजा सामग्री की दुकान लगाई गई.

1 नवंबर से शुरू हुआ कार्तिक स्नान
कार्तिक मास आज यानी 1 नवंबर से शुरु होकर 30 नवंबर तक रहेगा. हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है. यह चतुर्मास का आखिरी महीना होता है. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में ही धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसके अलावा दीपदान और कार्तिक स्नान से शुभ फल की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि यह मास भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी अतिप्रिय होता है. ऐसे में इस माह में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और भक्त को किसी चीज की कमी नहीं रहती है.

उड़ाई गई कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां
कहते हैं कि कार्तिक मास श्रीहरि और मां लक्ष्मी को अतिप्रिय है. यही कारण है कि इस महीने में धन प्राप्ति की मान्यता है. कहते हैं कि इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और धरती लोक में विचरण कर कृपा बरसाते हैं. इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस माह में त्रयोदशी, दिपावली और गोपाष्टमी मनाई जाती है. गंगा स्नान को लेकर घाट पर पहुंचे भक्तों में कोरोना का खौफ नहीं नजर आया. वे मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन किए बगैर भक्ति में लीन नजर आए.

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