पटना: बिहार सरकार ने छठे दौर के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली प्रक्रिया (Sixth Phase of Shikshak Niyojan) में पटना उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद एक बड़ा निर्णय लिया है. अब वैसे शिक्षक अभ्यर्थी जो 2011 स्टेट पास थे और सत्र 2017-19 में बीएड की परीक्षा 26 सितम्बर 2019 तक पास कर लिए हो, उनको भी अब छठे दौर की माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली में शामिल कर लिया गया है.
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पटना हाईकोर्ट का हस्तक्षेप: शिक्षा विभाग ने ये आदेश पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) द्वारा दिनांक 9 फरवरी 2022 को पारित आदेश के आलोक में लिया है. इस संबध में याचिका कर्ता प्रीति प्रिया एवं अन्य ने नियोजन प्रक्रिया में सम्मलित होने के लिए दिये अभ्यावेदन दिया था. जिसके बाद पटना हाई कोर्ट ने शिक्षण नियोजन प्रक्रिया में हस्तेक्षप की थी. जिसके बाद छठे दौर के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली प्रक्रिया को रोक दिया गया था. शिक्षा विभाग के नए फैसले के बाद अब छठे दौर की बहाली का रास्ता साफ हो गया है.
शिक्षक बहाली का रास्ता साफ: शिक्षा विभाग ने समर्पित अभ्यावेदन के समीक्षा के बाद कहा की अब स्टेट प्रमाणपत्र की पात्रता वैलिडिटी आजीवन कर दिया गया है. छठे दौर के नियोजन में काफी विलम्ब हो चुका है. ऐसे में शिक्षक अभ्यर्थियों की आवेदन की आयु सीमा समाप्त होने के कगार में है. जिसको देखते हुए विभाग ने ऐसे तमाम अभ्यर्थियों को छठे दौर के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली में शामिल करने का फैसला लिया है, जो 2011 स्टेट पास थे और सत्र 2017-19 में बीएड की परीक्षा 26 सितम्बर 2019 तक पास कर लिए है.
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