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Patna Crime: पटना के इस गांव में धड़ल्ले से हो रही गांजे की खेती! हर घर में दिखेगा हरा भरा पेड़

एक तरफ सरकार नशा मुक्ति अभियान को लेकर गांव-गांव में जागरूकता अभियान चला रही है. पुलिसिया कार्रवाई भी हो रही है लेकिन बिहार के पटना जिले में एक ऐसा गांव हैं जो प्रशासन के तमाम प्रयासों पर पानी फेर रहा है. गांवों के हर घर में आपको गांजे के पेड़ नजर आएंगे. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

cultivation of hemp in basadi village of patna
cultivation of hemp in basadi village of patna
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Published : Jan 31, 2023, 1:33 PM IST

बसाढ़ी गांव में गांजे की खेती

पटना: जिले के धनरूआ प्रखंड के कादिरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव हैं जहां, तकरीबन हर घर में गांजे का पेड़ लोग लगा रहे हैं. इस गांव का नाम है बसाढ़ी. दरअसल गांजा पीने के लिए लोग शौक से अपने अपने घरों में गांजा का पेड़ लगाते हैं. वहीं कुछ लोग इसका व्यापार भी करते हैं. इस गांव में लोग अब खेतों में खेती करने की बजाय घरों के आंगन में गांजे का पेड़ लगा रहे हैं. बसाढ़ी गांव में गांजे की खेती की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

ये भी पढे़ं- सुपौल में तस्करी: नेपाली तस्कर 600 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार, कीमत एक करोड़

बसाढ़ी गांव में गांजे की खेती: कुछ लोगों की मानें तो गांजा पीने के लिए शौक से घरों में 10 -20 पेड़ गांजे का लगाते हैं. हालांकि कई लोग इसका व्यापार भी करते हैं. गांजा बाजार में अच्छी कीमत पर बिक जाती है. कानूनी रूप से गांजा पीना और बेचना दोनों अवैध है. बावजूद कुछ लोग इस नियम कानून को ताक पर रखते हुए गांजा पी रहे हैं और बेच रहे हैं. लोगों के घरों में आसानी से गांजे के पेड़ देखे जा सकते हैं लेकिन पुलिस इन सभी मामलों से अंजान बनी हुई है.

पुलिस को तस्करों से चुनौती: कादिरगंज थाना क्षेत्र में गांजे की खेती की सूचना पर एएसपी शुभम आर्य ने बताया कि उन सबों पर कार्रवाई की जाएगी. लगातार अभियान के तहत गांजे के पेड़ों को काटा जा रहे है, नष्ट किया जा रहे है. उन पर केस भी किया जा रहा है. जो भी इस धंधे से जुड़े हुए हैं उनलोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

"जो भी गांजे की खेती कर रहे हैं उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. हम गांजे के पेड़ों को कटवाने का काम भी कर रहे हैं. जो लोग भी इससे जुड़े हैं उनपर केस फाइल किया जाएगा."- शुभम आर्य ,एएसपी



पुलिसया तंत्र पर उठे सवाल: लेकिन सवाल सीधे सिस्टम से है कि पुलिस विभाग में हर गांव में एक चौकीदार होता है, अगर गांव में गांजे की खेती हो रही है तो उस चौकीदार के माध्यम से खबर थाना तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है क्योंकि चौकीदार भी उसी गांव से होते हैं. अब तक पुलिसिया कार्रवाई क्यों नहीं हुई यह अहम सवाल भी है.

गांजा क्यों है हानिकारक: गांजा एक मादक पदार्थ है जो गांजे के पौधे से भिन्न-भिन्न विधियों से बनाया जाता है. इसका उपयोग मनोसक्रिय मादक के रूप में किया जाता है. मादा भांग के पौधे के फूल, आसपास की पत्तियों और तनों को सुखाकर बनने वाला गांजा सबसे सामान्य (कॉमन) है. गांजा का सेवन करने पर व्यक्ति की उत्तेजना बढ़ जाती है. गांजे मे मिलाई जाने वाली तम्बाकू मिरजी कर्करोग का प्रमुख कारण होता है. गांजा व्यसनी लोगों के चेहरे पर काले दाग पड़ जाते हैं. गांजा के पौधे के औषध से मनोरुग्ण का इलाज किया जाता है. फ्रान्स के लोग आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए गांजा का सेवन करते हैं.

बसाढ़ी गांव में गांजे की खेती

पटना: जिले के धनरूआ प्रखंड के कादिरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव हैं जहां, तकरीबन हर घर में गांजे का पेड़ लोग लगा रहे हैं. इस गांव का नाम है बसाढ़ी. दरअसल गांजा पीने के लिए लोग शौक से अपने अपने घरों में गांजा का पेड़ लगाते हैं. वहीं कुछ लोग इसका व्यापार भी करते हैं. इस गांव में लोग अब खेतों में खेती करने की बजाय घरों के आंगन में गांजे का पेड़ लगा रहे हैं. बसाढ़ी गांव में गांजे की खेती की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

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बसाढ़ी गांव में गांजे की खेती: कुछ लोगों की मानें तो गांजा पीने के लिए शौक से घरों में 10 -20 पेड़ गांजे का लगाते हैं. हालांकि कई लोग इसका व्यापार भी करते हैं. गांजा बाजार में अच्छी कीमत पर बिक जाती है. कानूनी रूप से गांजा पीना और बेचना दोनों अवैध है. बावजूद कुछ लोग इस नियम कानून को ताक पर रखते हुए गांजा पी रहे हैं और बेच रहे हैं. लोगों के घरों में आसानी से गांजे के पेड़ देखे जा सकते हैं लेकिन पुलिस इन सभी मामलों से अंजान बनी हुई है.

पुलिस को तस्करों से चुनौती: कादिरगंज थाना क्षेत्र में गांजे की खेती की सूचना पर एएसपी शुभम आर्य ने बताया कि उन सबों पर कार्रवाई की जाएगी. लगातार अभियान के तहत गांजे के पेड़ों को काटा जा रहे है, नष्ट किया जा रहे है. उन पर केस भी किया जा रहा है. जो भी इस धंधे से जुड़े हुए हैं उनलोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

"जो भी गांजे की खेती कर रहे हैं उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. हम गांजे के पेड़ों को कटवाने का काम भी कर रहे हैं. जो लोग भी इससे जुड़े हैं उनपर केस फाइल किया जाएगा."- शुभम आर्य ,एएसपी



पुलिसया तंत्र पर उठे सवाल: लेकिन सवाल सीधे सिस्टम से है कि पुलिस विभाग में हर गांव में एक चौकीदार होता है, अगर गांव में गांजे की खेती हो रही है तो उस चौकीदार के माध्यम से खबर थाना तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है क्योंकि चौकीदार भी उसी गांव से होते हैं. अब तक पुलिसिया कार्रवाई क्यों नहीं हुई यह अहम सवाल भी है.

गांजा क्यों है हानिकारक: गांजा एक मादक पदार्थ है जो गांजे के पौधे से भिन्न-भिन्न विधियों से बनाया जाता है. इसका उपयोग मनोसक्रिय मादक के रूप में किया जाता है. मादा भांग के पौधे के फूल, आसपास की पत्तियों और तनों को सुखाकर बनने वाला गांजा सबसे सामान्य (कॉमन) है. गांजा का सेवन करने पर व्यक्ति की उत्तेजना बढ़ जाती है. गांजे मे मिलाई जाने वाली तम्बाकू मिरजी कर्करोग का प्रमुख कारण होता है. गांजा व्यसनी लोगों के चेहरे पर काले दाग पड़ जाते हैं. गांजा के पौधे के औषध से मनोरुग्ण का इलाज किया जाता है. फ्रान्स के लोग आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए गांजा का सेवन करते हैं.

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