पटना(बाढ़): राजधानी से सटे बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर कार्तिक मास में स्नान को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. कई श्रद्धालु कार्तिक पूरे मास स्नान करते हैं. बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण इसका अलग ही महत्व है. उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में खासा महत्व है. उत्तरायण गंगा में कार्तिक मास में स्नान करने के बाद लोगों को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसी को लेकर बाढ़ अनुमंडल के दूर-दूर गांव से लोग शुक्रवार को पूरे दिन गंगा स्नान करेंगे.
कार्तिक मास का विशेष महत्व
कार्तिक मास शुक्रवार यानी 1 नवंबर से शुरु होकर 30 नवंबर तक रहेगा. हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है. यह चतुर्मास का आखिरी महीना होता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में ही धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसके अलावा दीपदान और कार्तिक स्नान से शुभ फल की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि यह मास भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी अतिप्रिय होता है. ऐसे में इस महीने में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और भक्त को किसी चीज की कमी नहीं रहती है.
धन प्राप्ति का है योग
कहते हैं कि कार्तिक मास श्रीहरि और मां लक्ष्मी को अतिप्रिय है. यही कारण है कि इस महीने में धन प्राप्ति की मान्यता है. कहते हैं कि इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और धरती लोक में विचरण कर कृपा बरसाते हैं. इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस महीने में त्रयोदशी, दिपावली और गोपाष्टमी मनाई जाती है. पूरे कार्तिक मास पूरे गंगा घाटों में मेले के रूप में तब्दील हो जाता है. वहीं स्थानीय लोगों की ओर से फूल,फल, पूजा सामग्री की दुकान लगाई गई.