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करवा चौथ को लेकर उत्तरायण गंगा में स्नान करने पहुंची महिलाएं, होती है सुख और समृद्धि की प्राप्ति

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Published : Nov 4, 2020, 12:17 PM IST

जिले में कार्तिक मास के अवसर पर गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. लोगों की मान्यता है कि उत्तरायण गंगा में कार्तिक मास में स्नान करने के बाद सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

crowd of devotees at ganga ghat on occasion of kartik month
गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़

पटना: जिले में बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों में कार्तिक मास और करवा चौथ में गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालु सुबह से ही गंगा स्नान कर रहे हैं. बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण इसका अलग ही महत्व माना जाता है.


उत्तरायण गंगा का खास महत्व
उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में खासा महत्व है. उत्तरायण गंगा में कार्तिक मास में स्नान करने के बाद लोगों को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसी क्रम में बाढ़ अनुमंडल के दूर-दूर गांव से लोग पूरे दिन गंगा स्नान करने आते हैं. पूरे कार्तिक मास गंगा घाटों पर मेले का आयोजन किया जाता है. वहीं स्थानीय लोग फूल, फल, पूजा सामग्री की दुकान भी लगाते हैं.


30 नवंबर तक कार्तिक मास
यह कार्तिक मास यानी 1 नवंबर से शुरु होकर 30 नवंबर तक रहेगा. यह चतुर्मास का आखिरी महीना होता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में ही धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसके अलावा दीपदान और कार्तिक स्नान से शुभ फल की प्राप्ति होती है. यह मास भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी अतिप्रिय होता है. ऐसे में इस माह में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और भक्त को किसी चीज की कमी नहीं रहती है.


सुख-समृद्धि की कामना के लिए उपवास
कार्तिक मास के चौथे दिन करवा चौथ मनाया जाता है. इसमें सुहागिन अपने सुहाग की सुख-समृद्धि की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है और रात में चंद्रमा को देखते हुए अर्घ्य देती है. हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है. सुहागिन महिला निर्जला व्रत रख पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं रात में चांद निकलने के बाद महिलाएं चलनी पर दीपक रखकर अर्ग देती है और पति को जल पिलाकर उपवास खोलती है.

पटना: जिले में बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों में कार्तिक मास और करवा चौथ में गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालु सुबह से ही गंगा स्नान कर रहे हैं. बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण इसका अलग ही महत्व माना जाता है.


उत्तरायण गंगा का खास महत्व
उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में खासा महत्व है. उत्तरायण गंगा में कार्तिक मास में स्नान करने के बाद लोगों को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसी क्रम में बाढ़ अनुमंडल के दूर-दूर गांव से लोग पूरे दिन गंगा स्नान करने आते हैं. पूरे कार्तिक मास गंगा घाटों पर मेले का आयोजन किया जाता है. वहीं स्थानीय लोग फूल, फल, पूजा सामग्री की दुकान भी लगाते हैं.


30 नवंबर तक कार्तिक मास
यह कार्तिक मास यानी 1 नवंबर से शुरु होकर 30 नवंबर तक रहेगा. यह चतुर्मास का आखिरी महीना होता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में ही धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसके अलावा दीपदान और कार्तिक स्नान से शुभ फल की प्राप्ति होती है. यह मास भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी अतिप्रिय होता है. ऐसे में इस माह में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और भक्त को किसी चीज की कमी नहीं रहती है.


सुख-समृद्धि की कामना के लिए उपवास
कार्तिक मास के चौथे दिन करवा चौथ मनाया जाता है. इसमें सुहागिन अपने सुहाग की सुख-समृद्धि की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है और रात में चंद्रमा को देखते हुए अर्घ्य देती है. हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है. सुहागिन महिला निर्जला व्रत रख पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं रात में चांद निकलने के बाद महिलाएं चलनी पर दीपक रखकर अर्ग देती है और पति को जल पिलाकर उपवास खोलती है.

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