पटना: वर्चुअल रैली का विरोध वामदल शुरू से कर रहा है. इसी सिलसिले में भाकपा माले के नेताओं ने राज्य के विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की. साथ ही सबसे चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपने को लेकर अपील भी की.
विपक्षी नेताओं से मुलाकात
भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और भाकपा माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव ने एक साथ राज्य के विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से साथ अलग-अलग मुलाकात की. इसी क्रम में विधायक महबूब आलम ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जिस तरीके से राज्य में अभी वर्चुअल तरीके से चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. इसके विरोध में हमने सभी दलों से अपील की है कि सभी संयुक्त रूप से चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपें.
इस दौरान उन्होंने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, सीपीएम के अवधेश कुमार और रालोसपा के नेताओं से भी मुलाकात की. उन्होंने बताया कि कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं से मुलाकात नहीं हो पाई है. लेकिन उन्हें ज्ञापन दिया जा चुका है. लगभग सभी से सहमति भी मिल चुकी है.
वर्चुअल रैली को लेकर छोटी और कमजोर पार्टियों का छलका दर्द
महबूब आलम ने कहा कि जिस तरीके से कोरोना का संक्रमण बढ़ते जा रहा है. उसी तरीके से सत्ताधारी भाजपा और जदयू से जनता मुंह मोड़ रही है. अब वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार कर जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का भी हनन किया जा रहा है. सत्ताधारी पार्टी चाहती है कि वर्चुअल तरीके से चुनाव हो. जिससे वे अपनी ताकत और पैसे का खुलकर इस्तेमाल करें. लेकिन इससे छोटी और कमजोर पार्टियां अपनी बात जनता तक पहुंचाने में असमर्थ हो जाएंगी.
सभी दलों को मिले समान अधिकार
आगे महबूब आलम ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम सभी बिहार चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर उनसे मांग करेंगे कि सभी दलों को समान अधिकार मिले और साथ ही चुनाव में जनता भी व्यापक भागीदारी से जुड़े. चुनाव आयोग विचार करके कोई बेहतर विकल्प निकाले, जिससे सभी को एक समान अधिकार मिले.