पटनाः बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने आज बिहार के कार्यालय में रमजान के महीने में अल्पसंख्यक समाज को एक घंटा पहले कार्यालय आने और एक घंटा पहले कार्यालय से छुट्टी हो जाने के मामले को लेकर बिहार सरकार पर तंज कसा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने इसका जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है जो सिर्फ जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करना जानती है.
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'बीजेपी का विरोध उचित नहीं है' : अखिलेश सिंह ने कहा कि रमजान के महीने को लेकर राज्य सरकार ने कार्यालय के कामकाज के लिए कुछ आदेश निकाला है. तो इसमें गलती क्या है. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों की सोच ही ऐसी है. धर्म के नाम पर राजनीति करना चाहते हैं अगर कार्यालय में कर्मचारी के लिए कोई नियम बनता है कहीं भी कार्यालय का कामकाज प्रभावित नहीं होता है तो अच्छी बात है. इसको लेकर बीजेपी का विरोध उचित नहीं है.
"बीजेपी जो इसे धर्म से जोड़ रही है वह गलत है. हिंदू धर्म का भी जब त्योहार होता है तो उसकी भी छुट्टियां होती हैं और उस समय में भारतीय जनता पार्टी के लोग कुछ नहीं बोलते हैं. आज अल्पसंख्यकों के लिए रमजान के महीने में कोई नई व्यवस्था लागू की गई है तो भाजपा के पेट में दर्द क्यों हो रहा है. जब से महागठबंधन की सरकार बिहार में बनी है, बीजेपी के लोगों में बेचैनी हो रही है और कोई न कोई मुद्दा लेकर वो लोग तरह-तरह की बयानबाजी करते हैं. जो कि कहीं से भी उचित नहीं है."- अखिलेश सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
नीतीश को नोबेल पुरस्कार देने पर दिया ये जवाबः जब उनसे पूछा गया कि आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि नीतीश कुमार सबसे बड़ा पलटी मार नेता है और उन्हें पलटी मारने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए तो, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उनके हैं और प्रधानमंत्री से जाकर वो ये बात क्यों नहीं कहते. अखिलेश सिंह ने कहा कि इन सब बातों को प्रधानमंत्री से कहके करवाना चाहिए, सिर्फ बयान क्यों देते हैं अनुशंसा तो प्रधानमंत्री करते हैं. प्रधानमंत्री से वह अनुशंसा करवा दें उन्होंने कहा की बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. इसीलिए ये लोग कुछ से कुछ कहते रहते हैं.