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2020 में नीतीश को हराने की 'कसम' खाने वाला महागठबंधन साल भर में दरक गया, RJD-कांग्रेस के रास्ते अलग - Congress and RJD alliance broke in Bihar

तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan) सीट पर आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) ने अपने-अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं. इसके साथ ही बिहार में महागठबंधन टूट गया है. मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) ने इसके लिए आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया है.

कांग्रेस
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Published : Oct 5, 2021, 9:46 PM IST

पटना: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा करने वाला महागठबंधन एक साल के भीतर ही बिखर गया. आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) के रास्ते अलग-अलग हो गए और दोनों एक-दूसरे को हराने के लिए तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan By-elections) के लिए अकेले ही मैदान में उतर गए हैं.

ये भी पढ़ें: महागठबंधन टूटा: बोले अखिलेश- कुशेश्वरस्थान और तारापुर में RJD को हराकर चुनाव जीतेगी कांग्रेस

सीट शेयरिंग के तहत 2020 में तारापुर से जहां आरजेडी ने उम्मीदवारा उतारा था, वहीं कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी को खड़ा किया था. ऐसे में अब उपचुनाव के लिए दोनों सीटों पर आरजेडी के एकतरफा ऐलान से कांग्रेस नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. पार्टी नेताओं का साफ कहना है कि बिहार में महागठबंधन टूटने के लिए सिर्फ और सिर्फ आरजेडी ही जिम्मेदार है.

देखें रिपोर्ट

दरअसल दोनों दलों के बीच कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट को लेकर विवाद खड़ा हुआ. पिछले विधानसभा चुनाव में कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस के पाले में थी और कम मतों के अंतर से कांग्रेस की हार हुई थी. इस बार भी उपचुनाव में कांग्रेस कुशेश्वरस्थान सीट चाहती थी, लेकिन आरजेडी ने बगैर बातचीत किए प्रत्याशी घोषित कर दिए.

ये भी पढ़ें: तारापुर और कुशेश्वरस्थान में फ्रेंडली फाइट तय! तेजस्वी बोले- कांग्रेस भी उतारे उम्मीदवार.. हमें कोई परेशानी नहीं

तारापुर विधानसभा सीट से जहां राजेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया, वहीं कुशेश्वरस्थान सीट पर पूर्व विधायक अशोक राम के बेटे डॉ. अतिरेक को टिकट दिया गया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) ने कहा कि आरजेडी के अड़ियल रवैये के चलते हमें दोनों सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करना पड़ा. हमने बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फैसला सुना दिया. उन्होंने कहा कि मैं आलाकमान का शुक्रगुजार हूं. जिन्होंने दोनों सीटों पर लड़ने का फैसला किया है.

वहीं, विधायक डॉ. शकील अहमद ने कहा कि गठबंधन बनने के कुछ कारण होते हैं तो टूटने के भी कुछ कारण होते हैं. आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया और एकतरफा फैसला किया. उन्होंने कहा कि आरजेडी को बताना चाहिए कि गठबंधन अगर टूटा है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है?

पटना: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा करने वाला महागठबंधन एक साल के भीतर ही बिखर गया. आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) के रास्ते अलग-अलग हो गए और दोनों एक-दूसरे को हराने के लिए तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan By-elections) के लिए अकेले ही मैदान में उतर गए हैं.

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सीट शेयरिंग के तहत 2020 में तारापुर से जहां आरजेडी ने उम्मीदवारा उतारा था, वहीं कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी को खड़ा किया था. ऐसे में अब उपचुनाव के लिए दोनों सीटों पर आरजेडी के एकतरफा ऐलान से कांग्रेस नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. पार्टी नेताओं का साफ कहना है कि बिहार में महागठबंधन टूटने के लिए सिर्फ और सिर्फ आरजेडी ही जिम्मेदार है.

देखें रिपोर्ट

दरअसल दोनों दलों के बीच कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट को लेकर विवाद खड़ा हुआ. पिछले विधानसभा चुनाव में कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस के पाले में थी और कम मतों के अंतर से कांग्रेस की हार हुई थी. इस बार भी उपचुनाव में कांग्रेस कुशेश्वरस्थान सीट चाहती थी, लेकिन आरजेडी ने बगैर बातचीत किए प्रत्याशी घोषित कर दिए.

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तारापुर विधानसभा सीट से जहां राजेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया, वहीं कुशेश्वरस्थान सीट पर पूर्व विधायक अशोक राम के बेटे डॉ. अतिरेक को टिकट दिया गया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) ने कहा कि आरजेडी के अड़ियल रवैये के चलते हमें दोनों सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करना पड़ा. हमने बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फैसला सुना दिया. उन्होंने कहा कि मैं आलाकमान का शुक्रगुजार हूं. जिन्होंने दोनों सीटों पर लड़ने का फैसला किया है.

वहीं, विधायक डॉ. शकील अहमद ने कहा कि गठबंधन बनने के कुछ कारण होते हैं तो टूटने के भी कुछ कारण होते हैं. आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया और एकतरफा फैसला किया. उन्होंने कहा कि आरजेडी को बताना चाहिए कि गठबंधन अगर टूटा है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है?

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