पटना: देशभर में लागू लॉक डाउन के बाद बिहार की तंग गलियों से लेकर गुलजार रहने वाले इलाकों में सन्नाटा पसरा दिखा. वहीं, जहां-तहां लोग अनावश्यक घूमते दिखायी दिये, तो उनपर कार्रवाई भी की गई. इनसब के बीच कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर काम करता नजर आया, तो दूसरी तरफ बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी हलचल दिखायी दी. कोरोना को हराने की लड़ाई में सांसद, मंत्रियों और संस्थानों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपनी स्वेच्छानुसार सहायता राशि दी. सुझाव के तौर पर प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार पर निशाना भी साधा गया. बात पुलिसिया कार्रवाई पर भी की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...
बिहार में संदेह पर राज्य में अब तक कुल 1हजार 228 लोगों को सर्विलांस पर लिया गया है. इनमें से अब तक 275 लोगों के सैम्पल जांच के लिए आरएमआरआइ भेजे गये, जिसमें से अब तक 268 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. दो रिपाेर्ट रिजेक्ट हुई हैं और एक की रिपोर्ट आनी बाकी है. राज्य में मंगलवार 24 मार्च तक कुल 4 कोरोना पॉजिटिव थे, जिसमें से मुंगेर के एक संक्रमित सैफ अली की मौत हो चुकी है. फिलहाल, 3 इलाजरत हैं. वहीं, बुधवार देर शाम आरएमआरआई सेंटर से 128 जांच सेंपल रिपोर्ट आई है. जिनमें दो मरीज पॉजिटिव मिले हैं.
बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के संदेह में 319 लोगों को सर्विलांस पर लिया है. इन्हें फिलहाल होम कोरेंटीन में रखा गया है. गोपालगंज और गया में मंगलवार की अपेक्षा 11-11 नए संदिग्ध मिले हैं. मंगलवार को आशंका के आधार पर कुल 909 लोगों को सर्विलांस पर लिया गया था, जिनकी संख्या आज बढ़कर 1हजार 228 हो गई.
इन जिलों से सर्विलांस पर लिये गये लोग
पटना-100, गोपालगंज-183, गया-66, भागलपुर-109, सिवान-107, भोजपुर-32, मुजफ्फरपुर-21, समस्तीपुर-88, सारण-57, नालंदा-88, पू. चंपारण-70, प. चंपारण 74, किशनगंज-19, मधुबनी-63, रोहतास-10, दरभंगा-28, जहानाबाद-19, कैमूर-12, सीतामढ़ी-7, अररिया-2, सुपौल-3, मधेपुरा-9, वैशाली-6, बांका-2, सहरसा-5, शिवहर-2, मुंगेर-18, लखीसराय-1, बेगूसराय-7, नवादा-9, कटिहार-3 और पूर्णिया से एक को सर्विलांस में लिया गया है.
लॉक डाउन उल्लंघन पर पुलिसिया कार्रवाई
- Covid-19 से बचाव के लिए लागू लॉक डाउन नियम को तोड़ने वालों पर कुल 15 लाख 87 हजार 800 रुपया का फाइन लगाया गया है
- 41 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई.
- वहीं, 531 वाहनों को सीज कर दिया गया.
- कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई.
- यह आंकड़ा बिहार पुलिस मुख्यालय ने जारी किया है.
'80 करोड़ लोगों को मिलेगा राशन'
बिहार सरकार का ऐलान- सभी राशन कार्ड धारकों को देंगे 1-1 हजार रुपये.
केंद्र सरकार का ऐलान- 80 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो के हिसाब से मिलेगा चावल.
इन्होंने दी सीएम रिलीफ फंड को सहायता राशि
- पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट ने खोला खजाना, मुख्यमंत्री राहत कोष में एक करोड़ की मदद
- कोरोना वायरस को लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष में विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी और जल संसाधन मंत्री संजय झा ने अपना एक माह का वेतन दिया.
- इसके अलावा बिहार स्टेट इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 5 करोड रुपए सीएम रिलीफ फंड में दिये.
- बुडको ने तीन करोड़ रुपए, बिहार स्टेट हाउसिंग बोर्ड ने दो करोड़ रुपए, महावीर न्यास समिति ने एक करोड़ का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया.
- डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ऐलान करते हुए कहा कि बीजेपी के सभी मंत्री एक लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे. वहीं, विधायक 1 महीने का वेतन.
- मुख्यमंत्री राहत कोष में बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने 10 करोड़ रुपये, बिहार टेस्ट बुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन ने 3 करोड़ रुपए और बिहार स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन ने दो करोड़ रुपए का चेक पहले ही दिया है.
बिहार राज पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने 20 करोड़ रुपये, बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इन्फ्राट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 10 करोड़ रुपये, भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ बिहार शाखा की तरफ से पांच लाख रुपए, बिहार स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 5 करोड़ 27 लाख रुपए, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड ने ढाई करोड़ रुपए, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ने 3 करोड़ का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दिया है.
तेजस्वी यादव ने भी दिया अपना वेतन
नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव सहित कई दलों के विधायकों ने भी अपने वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दिया है. वहीं, तेजस्वी ने सीएम नीतीश को सुझाव भी दिया.
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सांसदों ने दिया एक करोड़ रुपये
- सांसद पशुपति पारस ने की 1 करोड़ की अनुशंसा
- सांसद रामकृपाल यादव ने की 1 करोड़ की अनुशंसा
- सांसद चिराग पासवान ने की 1 करोड़ की अनुशंसा
- कटिहार सांसद दुलालचंद गोस्वामी ने की 1 करोड़ की
- दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने अपने सांसद निधि से एक करोड़ रुपए दरभंगा जिला प्रशासन को आवंटित किया.
- इससे पहले पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव ने भी एक करोड़ रुपया पटना जिलाधिकारी को सांसद निधि से आवंटित किया.
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रिहा होंगे कैदी!
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने जेल में विचाराधीन कैदियों को पेरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने संबंधी आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया है, ताकि जेलों में कैदियों की संख्या कम हो सके. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया. इस आदेश के अनुसार किसी भी विचाराधीन कैदी को तत्काल प्रभाव से कोर्ट में शारीरिक रूप से पेश नहीं करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लेने को भी कहा गया है.
पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने महानिबंधक को सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश का अनुपालन को लेकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस ने तत्काल प्रभाव से कैदियों को रिहा करने की कार्रवाई करने को भी कहा है. राज्य सरकार ने गठित कमेटी में लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी, गृह विभाग के प्रधान सचिव व डायरेक्टर जनरल(प्रिजन) शामिल होंगे.
पीके का सीएम पर वार
लॉक डाउन के दौरान हर कोई घर पर बैठा है और सोशल मीडिया पर एक्टिव नजर आ रहा है. ऐसे में राजनीति भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय है. #ShameOnNitishKumar का ट्रेंड सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. दरअसल, राजनीतिक रणनीतिकार सह पूर्व जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर सीएम नीतीश से बिहार के बाहर फंसे लोगों की मदद की बात कही. इसपर यूजर्स ने उनका सपोर्ट करना शुरू कर दिया फिर क्या...
पीके ने अपने ट्वीट पर लिखा, 'दिल्ली और अन्य कई जगहों पर बिहार के सैकड़ों गरीब लोग #lockdown की वजह से फंसे हुए हैं. नीतीश कुमार जी, जब दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही हैं, बिहार सरकार इनलोगों को इनके घरों तक पहुंचाने अथवा जहां ये लोग हैं. वहीं, कुछ फौरी राहत की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है?'
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