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CM नीतीश ने की जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा, कहा- लोगों को मिला रोजगार

पटना में सीएम नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है.

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Published : Sep 8, 2020, 5:41 PM IST

patna
जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अन्ने मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्यों से संबंधित मुख्यमंत्री को जानकारी दी.

अधिकारियों को दिया निर्देश
जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्य को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया.

मोबाइल ऐप का लोकार्पण
बिहार सरकार जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 3 सालों में 25 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने वाली है. पिछले साल इस पर काम शुरू हुआ है. जलवायु परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से यह अभियान चलाया गया है. मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान की सूचना प्रबंधन प्रणाली और मोबाइल ऐप का भी लोकार्पण किया.

कई अधिकारी हुए शामिल
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और कई अधिकारी सभी डीएम जुड़े हुए थे. वहीं मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल हुए.



जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए

  • आहर, पाइन,तालाब, पोखर और चापाकल को चिन्हित कर उनका ब्यौरा रखें. खासकर उत्तरी बिहार के जिलों में आहर पाइन का रिकॉर्ड रखें. इसका ध्यान रखें कि आहार पाइन एक दूसरे से लिंक्ड हैं.
  • सार्वजनिक कुओं का मार्च तक जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करें. सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे. चापाकलों का मेंटेनेंस सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग निरंतर निगरानी रखे. चापाकल और कुओं के किनारे सोखता का निर्माण अवश्य कराएं.
  • चापाकल के पानी का लोग दुरुपयोग नहीं करें. अगर पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो, 90% बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा.
  • हर घर नल का जल योजना के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. चापाकल और कुओं की उपलब्धता से भी इस कार्य में और सहूलियत होगी. लोग उपलब्ध पेयजल का दुरुपयोग ना करें.
  • राजगीर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री परिसर में जल संचयन के लिए बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है. इस मॉडल के आधार पर अन्य जिलों में भी पहाड़ों के किनारे तलहटी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को तलाशें.
  • सौर ऊर्जा के उपयोग, उसके उत्पादन और ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करते रहें. इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी.
  • स्ट्रीट लाइटों को जलाने के लिए सौर ऊर्जा का ही उपयोग करें.
  • अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए समुचित कार्रवाई करें.
  • जल-जीवन-हरियाली अभियान के माध्यम से कई कार्य किए जा रहे हैं. इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.
  • जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों का तेजी से कार्य पूर्ण करें. इसके व्यावहारिक पहलुओं पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.





पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अन्ने मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्यों से संबंधित मुख्यमंत्री को जानकारी दी.

अधिकारियों को दिया निर्देश
जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्य को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया.

मोबाइल ऐप का लोकार्पण
बिहार सरकार जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 3 सालों में 25 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने वाली है. पिछले साल इस पर काम शुरू हुआ है. जलवायु परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से यह अभियान चलाया गया है. मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान की सूचना प्रबंधन प्रणाली और मोबाइल ऐप का भी लोकार्पण किया.

कई अधिकारी हुए शामिल
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और कई अधिकारी सभी डीएम जुड़े हुए थे. वहीं मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल हुए.



जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए

  • आहर, पाइन,तालाब, पोखर और चापाकल को चिन्हित कर उनका ब्यौरा रखें. खासकर उत्तरी बिहार के जिलों में आहर पाइन का रिकॉर्ड रखें. इसका ध्यान रखें कि आहार पाइन एक दूसरे से लिंक्ड हैं.
  • सार्वजनिक कुओं का मार्च तक जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करें. सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे. चापाकलों का मेंटेनेंस सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग निरंतर निगरानी रखे. चापाकल और कुओं के किनारे सोखता का निर्माण अवश्य कराएं.
  • चापाकल के पानी का लोग दुरुपयोग नहीं करें. अगर पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो, 90% बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा.
  • हर घर नल का जल योजना के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. चापाकल और कुओं की उपलब्धता से भी इस कार्य में और सहूलियत होगी. लोग उपलब्ध पेयजल का दुरुपयोग ना करें.
  • राजगीर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री परिसर में जल संचयन के लिए बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है. इस मॉडल के आधार पर अन्य जिलों में भी पहाड़ों के किनारे तलहटी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को तलाशें.
  • सौर ऊर्जा के उपयोग, उसके उत्पादन और ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करते रहें. इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी.
  • स्ट्रीट लाइटों को जलाने के लिए सौर ऊर्जा का ही उपयोग करें.
  • अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए समुचित कार्रवाई करें.
  • जल-जीवन-हरियाली अभियान के माध्यम से कई कार्य किए जा रहे हैं. इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.
  • जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों का तेजी से कार्य पूर्ण करें. इसके व्यावहारिक पहलुओं पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.





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