पटनाः बिहार में कोरोना से लगातार लोगों की मौत हो रही है. लेकिन कहा जा रहा है कि सरकार के पास मौत या फिर संक्रमित मरीजों की सही जानकारी नहीं है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि निजी या फिर सरकारी अस्पतालों में इसे लेकर लापरवाही बरती जा रही है. जिसका खामियाजा मृतकों के परिजनों को भुगतना पड़ रहा है. पूरे मामले को लेकर पटना सिविल सर्जन से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उन्होंने कई बातें बताई.
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डाटा नहीं किया अपलोड तो होगी कार्रवाई
पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि सरकारी या फिर निजी जांच केन्द्रों को कोरोना जांच संबंधी सारी जानकारी सरकार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा चुका है. इस दौरान किसी भी तरह की समस्या की जिम्मेदारी संबंधित अस्पताल प्रशासन या फिर लैब संचालक की होगी. इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई करने का भी प्रावधान है.
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जिला प्रशासन बनाएगा कंट्रोल रूम
बिहार में कोरोना से मरने वालों के परिजनों को चार लाख की सहायता राशि देने का सरकार की ओर से प्रावधान है. लेकिन पोर्टल पर मृतक का नाम नहीं होने के कारण मुआवजा राशि के लिए मृतकों के परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इसे लेकर जिला प्रशासन ने कोरोना कंट्रोल रूम बनाने का निर्णय लिया है, जहां से आवेदनों को सत्यापित कर स्वास्थ्य विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.