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पटना: बुधवार से नहाए-खाए के साथ शुरू हो रहा छठ महापर्व, घाटों पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ - कल से शुरू हो रहा छठ का त्योहार

बिहार में छठ पूजा को लेकर तैयारियां जोरो-शोरो से की जा रही है. प्रशासन हो या श्रद्धालु सभी अपने-अपने तरीके से तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं जिले में श्रद्धालु प्रसाद बनाने को लेकर गंगाजल लेने घाटों पर पहुंच रहे हैं.

chhath festival starting tomorrow
घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Nov 17, 2020, 3:49 PM IST

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा बुधवार से शुरू हो जाएगा. बुधवार को नहाए खाए और गुरुवार को खरना है. शुक्रवार को पहला अर्घ्य और शनिवार को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा. चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा में गंगाजल का काफी महत्व माना जाता है. वहीं गंगाजल से ही छठ का प्रसाद भी बनाया जाता है.


शुद्धता और पवित्रता का रखा जाता है ध्यान
छठ पूजा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसमें शुद्धता और पवित्रता का काफी ध्यान रखा जाता है. इस पर्व पर जितने भी पकवान बनते हैं, सब पवित्र गंगाजल से ही बनाए जाते हैं. इसे लेकर एनआईटी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है और लोग यहां से डब्बे में गैलन में बाल्टी और जलपात्र में गंगाजल लेकर घर की ओर जा रहे हैं.


गंगाजल से बनाया जाता है प्रसाद
शिव के जटा से निकला गंगा जल काफी पवित्र होता है. इसे भागीरथ ने अपने कड़ी निष्ठा और प्रयास के बाद धरती पर उतारा था. छठ व्रती श्रद्धालु रविंद्र ने बताया कि गंगाजल का काफी महत्व है और छठ का प्रसाद गंगाजल में ही बनता है. वहीं छठ व्रती रागिनी ने बताया कि गंगाजल काफी पवित्र माना जाता है और लोक आस्था के महापर्व छठ में गंगाजल का काफी महत्व है. इस गंगाजल से छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाएगा.

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा बुधवार से शुरू हो जाएगा. बुधवार को नहाए खाए और गुरुवार को खरना है. शुक्रवार को पहला अर्घ्य और शनिवार को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा. चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा में गंगाजल का काफी महत्व माना जाता है. वहीं गंगाजल से ही छठ का प्रसाद भी बनाया जाता है.


शुद्धता और पवित्रता का रखा जाता है ध्यान
छठ पूजा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसमें शुद्धता और पवित्रता का काफी ध्यान रखा जाता है. इस पर्व पर जितने भी पकवान बनते हैं, सब पवित्र गंगाजल से ही बनाए जाते हैं. इसे लेकर एनआईटी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है और लोग यहां से डब्बे में गैलन में बाल्टी और जलपात्र में गंगाजल लेकर घर की ओर जा रहे हैं.


गंगाजल से बनाया जाता है प्रसाद
शिव के जटा से निकला गंगा जल काफी पवित्र होता है. इसे भागीरथ ने अपने कड़ी निष्ठा और प्रयास के बाद धरती पर उतारा था. छठ व्रती श्रद्धालु रविंद्र ने बताया कि गंगाजल का काफी महत्व है और छठ का प्रसाद गंगाजल में ही बनता है. वहीं छठ व्रती रागिनी ने बताया कि गंगाजल काफी पवित्र माना जाता है और लोक आस्था के महापर्व छठ में गंगाजल का काफी महत्व है. इस गंगाजल से छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाएगा.

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