पटना: छात्रवृत्ति योजना (scholarship scheme in bihar) को लेकर केंद्र और राज्य आमने-सामने है. बिहार सरकार ने केंद्र पर अति पिछड़ों को हाशिए पर रखने के आरोप लगाए हैं. सत्ताधारी दल जदयू ने अति पिछड़ों के सवाल पर केंद्र को घेरा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ा और अति पिछड़ा के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पर रोक दी गई है. जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा यह गरीबों के खिलाफ बड़ी साजिश है.
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पिछड़ा समाज के अधिकार पर हमलाः उमेश कुशवाहा ने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों से केंद्र सरकार द्वारा लगातार अति पिछड़ा समाज के अधिकार पर हमला किया जा रहा है. अति पिछड़ा समाज के बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का नया तरीका केंद्र ने निकाला है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी यह ना भूले यही छात्र छात्राएं देश के भविष्य हैं. जदयू अति पिछड़ा समाज के हक के साथ हो रहे खिलवाड़ को बर्दास्त नहीं करेगा. आज से ही जन आंदोलन और लोगों को जागृत करने की शुरुआत कर दी गई है.
पुतला दहन किया जाएगाः बिहार के सभी जिला मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ता द्वारा केंद्र सरकार का पुतला दहन किया जाएगा. छात्रवृत्ति योजना में केंद्र और राज्य दोनों का 50-50% पैसा लगता है. कुछ दिन पहले नवमी और दसवीं के बच्चों की छात्रवृत्ति बंद कर दी गयी. जदयू का कहना है कि केंद्र सरकार का अति पिछड़ा विरोधी चेहरा बेनकाब हो रहा है. जदयू इसे मुद्दा बनाने की तैयारी में है.
"पिछले 8-9 वर्षों से केंद्र सरकार द्वारा लगातार अति पिछड़ा समाज के अधिकार पर हमला किया जा रहा है. अति पिछड़ा समाज के बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का नया तरीका केंद्र ने निकाला है. नरेंद्र मोदी यह ना भूले यही छात्र छात्राएं देश के भविष्य हैं. जदयू अति पिछड़ा समाज के हक के साथ हो रहे खिलवाड़ को बर्दास्त नहीं करेगा"- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू