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'जन औषधि केंद्रों से मात्र एक महीने में बिकी 1255 करोड़ रु. से अधिक की दवाइयां' - JAN AUSHADHI KENDRA

पीएमओ के अनुसार, जन औषधि केंद्रों से नवंबर तक बिकी 1,255 करोड़ रुपये से अधिक की सस्ती दवाइयां.

Jan Aushadhi Kendra
जन औषधि केंद्र (IANS)
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By IANS

Published : Jan 7, 2025, 6:39 PM IST

नई दिल्ली : जन औषधि केंद्रों से नवंबर 2024 के अंत तक 1,255 करोड़ रुपये से अधिक की सस्ती दवाइयों की बिक्री हुई है. यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा मंगलवार को दी गई. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएमओ ने कहा कि इन आउटलेट्स के जरिए दवाइयों की खरीद करने से नागरिकों को 5,020 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

जन औषधि केंद्र विशेष केंद्र हैं जो आम जनता को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराते हैं. इसकी स्थापना प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत की गई थी, जो नवंबर 2008 में शुरू की गई एक जन कल्याणकारी योजना है.

इस योजना को फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है. इससे पहले रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बताया कि नवंबर 2024 तक देशभर में 14,320 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं.

2023-24 में फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तहत पीएमबीआई ने 1,470 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की थी, जिससे नागरिकों को लगभग 7,350 करोड़ रुपये की बचत हुई थी. पिछले 10 वर्षों में इस परियोजना के तहत लगभग 30,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

2024 में पीएमबीजेपी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और असम राइफल्स (सीएपीएफ, एनएसजी और एआर) के साथ कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे सीएपीएफ, एनएसजी और एआर (एमएचए) अस्पतालों में जन औषधि दवाएं उपलब्ध करा कर स्वास्थ्य सेवा पहुंच को बढ़ाया जा सके.

इसके अलावा मॉरीशस में पहला विदेशी जन औषधि केंद्र खोला जा चुका है. मंत्रालय ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ फार्मास्युटिकल उद्योग को मजबूत करने के लिए एक योजना लागू की है.

इस योजना का उद्देश्य देश भर में मौजूदा फार्मा क्लस्टरों और एमएसएमई को उनकी उत्पादकता, गुणवत्ता और एमएसएमई क्लस्टरों में सुधार करने के लिए सहायता प्रदान करना है.

ये भी पढ़ें : हरेक दिन इतने लोग जन औषधि केंद्र से खरीदते हैं दवा

नई दिल्ली : जन औषधि केंद्रों से नवंबर 2024 के अंत तक 1,255 करोड़ रुपये से अधिक की सस्ती दवाइयों की बिक्री हुई है. यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा मंगलवार को दी गई. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएमओ ने कहा कि इन आउटलेट्स के जरिए दवाइयों की खरीद करने से नागरिकों को 5,020 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

जन औषधि केंद्र विशेष केंद्र हैं जो आम जनता को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराते हैं. इसकी स्थापना प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत की गई थी, जो नवंबर 2008 में शुरू की गई एक जन कल्याणकारी योजना है.

इस योजना को फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है. इससे पहले रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बताया कि नवंबर 2024 तक देशभर में 14,320 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं.

2023-24 में फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तहत पीएमबीआई ने 1,470 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की थी, जिससे नागरिकों को लगभग 7,350 करोड़ रुपये की बचत हुई थी. पिछले 10 वर्षों में इस परियोजना के तहत लगभग 30,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

2024 में पीएमबीजेपी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और असम राइफल्स (सीएपीएफ, एनएसजी और एआर) के साथ कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे सीएपीएफ, एनएसजी और एआर (एमएचए) अस्पतालों में जन औषधि दवाएं उपलब्ध करा कर स्वास्थ्य सेवा पहुंच को बढ़ाया जा सके.

इसके अलावा मॉरीशस में पहला विदेशी जन औषधि केंद्र खोला जा चुका है. मंत्रालय ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ फार्मास्युटिकल उद्योग को मजबूत करने के लिए एक योजना लागू की है.

इस योजना का उद्देश्य देश भर में मौजूदा फार्मा क्लस्टरों और एमएसएमई को उनकी उत्पादकता, गुणवत्ता और एमएसएमई क्लस्टरों में सुधार करने के लिए सहायता प्रदान करना है.

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