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नागपंचमी: इस गांव में कभी लगता था नागों का जमावड़ा, इसीलिए नाम पड़ा 'नागस्थान' - Nagasthan village of Masaudhi

पटना से सटे मसौढ़ी में नागस्थान नामक गांव है. जहां के बारे में वहां के लोगों का कहना है कि इस गांव में कभी सांपों का जमावड़ा हुआ करता था. यहां नागपंचमी के मौके पर लोग नाग देवता की पूजा करते हैं. पढ़ें खास रिपोर्ट

नागस्थान गांव में पूजा-अर्चना करते लोग
नागस्थान गांव में पूजा-अर्चना करते लोग
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Published : Aug 13, 2021, 1:08 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 2:10 PM IST

पटना: सावन का महीना विभिन्न पर्वों व त्योहारों का महीना है. इन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक नाग पंचमी का त्योहार है. आज नाग पंचमी (Nagpanchami) है. राजधानी पटना (Patna) से 40 किलोमीटर दूर मसौढ़ी प्रखंड (Masaurhi Block) में नागस्थान नामक एक गांव है. ग्रामीणों की माने तो यहां कभी नागों का जमावड़ा हुआ करता था. जिसके चलते इस गांव का नाम नागस्थान (Nagsthan Village) पड़ गया.

ये भी पढ़ें:Nag Panchami : जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा, राहु-केतु दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

नाग पंचमी पर सांप की विशेष रूप से पूजा होती है. वहीं कई जगहों पर नाग देवता के मंदिर भी बनाए गए हैं. नागों के प्रति ऐसी ही आस्था का एक केंद्र है नागस्थान गांव. नागस्थान गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां कभी सांपों का जमावड़ा हुआ करता था. इस गांव के लोग आज भी नागपंचमी के मौके पर नाग की पूजा करते हैं. मान्यता है कि यहां सच्चे दिल से मांगी मुराद को नाग देवता जरूर पूरा करते हैं. जानिए इस नाग मंदिर को लेकर तमाम मान्यताएं.

देखें वीडियो

मसौढ़ी के नागस्थान गांव में नाग पंचमी के दिन भव्य पूजा-अर्चना होती है. हालांकि कोरोना काल में बहुत कम संख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं. किसी ने कहा कि खेतों में काम करने पर सैकड़ों की संख्या में यहां सांप रहते थे. जिससे बचने के लिए लोग पूजा-अर्चना करने लगे. जिसके कारण सांप कभी किसी भी ग्रामीण को हानि नहीं पहुंचाते हैं.

वहीं किसी ने कहा कि प्राचीन काल में जब गरुड़ सभी सांपों को भक्षण करने लगे तो अपनी जान बचाने के लिए सांप यहां पर एकत्रित हो गए. जिसके बाद सांपों के गुरू महाराज ने सब को बचाया था. इसी के चलते पूरे गांव का नाम नागस्थान पड़ गया. यहां नागपंचमी पर हर साल भव्य आयोजन होता है.

ये भी पढ़ें:VIDEO: नागपंचमी पर नागों के साथ ऐसा परेड देखा है क्या

पटना: सावन का महीना विभिन्न पर्वों व त्योहारों का महीना है. इन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक नाग पंचमी का त्योहार है. आज नाग पंचमी (Nagpanchami) है. राजधानी पटना (Patna) से 40 किलोमीटर दूर मसौढ़ी प्रखंड (Masaurhi Block) में नागस्थान नामक एक गांव है. ग्रामीणों की माने तो यहां कभी नागों का जमावड़ा हुआ करता था. जिसके चलते इस गांव का नाम नागस्थान (Nagsthan Village) पड़ गया.

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नाग पंचमी पर सांप की विशेष रूप से पूजा होती है. वहीं कई जगहों पर नाग देवता के मंदिर भी बनाए गए हैं. नागों के प्रति ऐसी ही आस्था का एक केंद्र है नागस्थान गांव. नागस्थान गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां कभी सांपों का जमावड़ा हुआ करता था. इस गांव के लोग आज भी नागपंचमी के मौके पर नाग की पूजा करते हैं. मान्यता है कि यहां सच्चे दिल से मांगी मुराद को नाग देवता जरूर पूरा करते हैं. जानिए इस नाग मंदिर को लेकर तमाम मान्यताएं.

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मसौढ़ी के नागस्थान गांव में नाग पंचमी के दिन भव्य पूजा-अर्चना होती है. हालांकि कोरोना काल में बहुत कम संख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं. किसी ने कहा कि खेतों में काम करने पर सैकड़ों की संख्या में यहां सांप रहते थे. जिससे बचने के लिए लोग पूजा-अर्चना करने लगे. जिसके कारण सांप कभी किसी भी ग्रामीण को हानि नहीं पहुंचाते हैं.

वहीं किसी ने कहा कि प्राचीन काल में जब गरुड़ सभी सांपों को भक्षण करने लगे तो अपनी जान बचाने के लिए सांप यहां पर एकत्रित हो गए. जिसके बाद सांपों के गुरू महाराज ने सब को बचाया था. इसी के चलते पूरे गांव का नाम नागस्थान पड़ गया. यहां नागपंचमी पर हर साल भव्य आयोजन होता है.

ये भी पढ़ें:VIDEO: नागपंचमी पर नागों के साथ ऐसा परेड देखा है क्या

Last Updated : Aug 13, 2021, 2:10 PM IST
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