पटना: सावन का महीना विभिन्न पर्वों व त्योहारों का महीना है. इन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक नाग पंचमी का त्योहार है. आज नाग पंचमी (Nagpanchami) है. राजधानी पटना (Patna) से 40 किलोमीटर दूर मसौढ़ी प्रखंड (Masaurhi Block) में नागस्थान नामक एक गांव है. ग्रामीणों की माने तो यहां कभी नागों का जमावड़ा हुआ करता था. जिसके चलते इस गांव का नाम नागस्थान (Nagsthan Village) पड़ गया.
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नाग पंचमी पर सांप की विशेष रूप से पूजा होती है. वहीं कई जगहों पर नाग देवता के मंदिर भी बनाए गए हैं. नागों के प्रति ऐसी ही आस्था का एक केंद्र है नागस्थान गांव. नागस्थान गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां कभी सांपों का जमावड़ा हुआ करता था. इस गांव के लोग आज भी नागपंचमी के मौके पर नाग की पूजा करते हैं. मान्यता है कि यहां सच्चे दिल से मांगी मुराद को नाग देवता जरूर पूरा करते हैं. जानिए इस नाग मंदिर को लेकर तमाम मान्यताएं.
मसौढ़ी के नागस्थान गांव में नाग पंचमी के दिन भव्य पूजा-अर्चना होती है. हालांकि कोरोना काल में बहुत कम संख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं. किसी ने कहा कि खेतों में काम करने पर सैकड़ों की संख्या में यहां सांप रहते थे. जिससे बचने के लिए लोग पूजा-अर्चना करने लगे. जिसके कारण सांप कभी किसी भी ग्रामीण को हानि नहीं पहुंचाते हैं.
वहीं किसी ने कहा कि प्राचीन काल में जब गरुड़ सभी सांपों को भक्षण करने लगे तो अपनी जान बचाने के लिए सांप यहां पर एकत्रित हो गए. जिसके बाद सांपों के गुरू महाराज ने सब को बचाया था. इसी के चलते पूरे गांव का नाम नागस्थान पड़ गया. यहां नागपंचमी पर हर साल भव्य आयोजन होता है.
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