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'ग्रीन एनर्जी मिशन पर काम जारी, सोलर निभाएगा बड़ी भूमिका' - GREEN ENERGY CAPACITY

भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

PM Modi
वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन में पीएम मोदी (IANS)
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By IANS

Published : Jan 13, 2025, 7:24 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, भारत की कुल रिन्यूबल एनर्जी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में दिसंबर 2024 तक 15.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो दिसंबर 2023 में 180.80 गीगावाट से बढ़कर अब 209.44 गीगावाट हो गई है.

बयान में कहा गया है कि 2024 के दौरान जोड़ी गई कुल कैपेसिटी 28.64 गीगावाट थी, जो 2023 में जोड़े गए 13.05 गीगावाट की तुलना में 119.46 प्रतिशत की सालाना वृद्धि को दर्शाती है. सोलर एनर्जी सेक्टर ने 24.54 गीगावाट की वृद्धि के साथ इस वृद्धि का नेतृत्व किया, जो इसकी क्यूमलेटिव इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में 33.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो 2023 में 73.32 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 97.86 गीगावाट हो गई है.

विंड एनर्जी ने भी इस विस्तार में योगदान दिया, 2024 में एडिशनल 3.42 गीगावाट स्थापित होने से कुल विंड कैपेसिटी बढ़कर 48.16 गीगावाट हो गई, जो 2023 से 7.64 प्रतिशत की वृद्धि है. बायोएनर्जी ने भी शानदार वृद्धि दिखाई है, इसकी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी दिसंबर 2023 में 10.84 गीगावाट से बढ़कर दिसंबर 2024 में 11.35 गीगावाट हो गई है, जो 4.70 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है.

बयान में कहा गया है कि छोटे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में वृद्धि देखी गई, इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 2023 में 4.99 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 5.10 गीगावाट हो गई, जो 2.20 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. बयान में कहा गया है कि "एमएनआरई 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रमुख पहल कर रहा है, जो ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करते हुए अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ये आंकड़े भारत में रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करते हैं."

भारत एनर्जी ट्रांजिशन में दुनिया के लीडर्स में से एक के रूप में उभरा है और 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें सोलर एनर्जी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी. राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक सोलर कैपेसिटी वृद्धि में अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल इंस्टॉलेशन का 94 प्रतिशत हिस्सा है.

ये भी पढ़ें : पीएम मोदी ने ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी निवेशक सम्मेलन का किया उद्घाटन

नई दिल्ली : केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, भारत की कुल रिन्यूबल एनर्जी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में दिसंबर 2024 तक 15.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो दिसंबर 2023 में 180.80 गीगावाट से बढ़कर अब 209.44 गीगावाट हो गई है.

बयान में कहा गया है कि 2024 के दौरान जोड़ी गई कुल कैपेसिटी 28.64 गीगावाट थी, जो 2023 में जोड़े गए 13.05 गीगावाट की तुलना में 119.46 प्रतिशत की सालाना वृद्धि को दर्शाती है. सोलर एनर्जी सेक्टर ने 24.54 गीगावाट की वृद्धि के साथ इस वृद्धि का नेतृत्व किया, जो इसकी क्यूमलेटिव इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में 33.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो 2023 में 73.32 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 97.86 गीगावाट हो गई है.

विंड एनर्जी ने भी इस विस्तार में योगदान दिया, 2024 में एडिशनल 3.42 गीगावाट स्थापित होने से कुल विंड कैपेसिटी बढ़कर 48.16 गीगावाट हो गई, जो 2023 से 7.64 प्रतिशत की वृद्धि है. बायोएनर्जी ने भी शानदार वृद्धि दिखाई है, इसकी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी दिसंबर 2023 में 10.84 गीगावाट से बढ़कर दिसंबर 2024 में 11.35 गीगावाट हो गई है, जो 4.70 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है.

बयान में कहा गया है कि छोटे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में वृद्धि देखी गई, इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 2023 में 4.99 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 5.10 गीगावाट हो गई, जो 2.20 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. बयान में कहा गया है कि "एमएनआरई 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रमुख पहल कर रहा है, जो ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करते हुए अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ये आंकड़े भारत में रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करते हैं."

भारत एनर्जी ट्रांजिशन में दुनिया के लीडर्स में से एक के रूप में उभरा है और 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें सोलर एनर्जी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी. राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक सोलर कैपेसिटी वृद्धि में अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल इंस्टॉलेशन का 94 प्रतिशत हिस्सा है.

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