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क्या नौकरशाह करा रहे नीतीश की फजीहत! हर साल आने वाली आपदा की भी नहीं तैयारी

अज्ञात बीमारी ने जब महामारी का रूप धारण कर लिया तब जागरूकता कार्यक्रम का दिखावा किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए लू-प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा तय कर दिया गया. जब खबरें मीडिया में आईं तो इसे स्थगित किया गया.

बैठक करते नीतीश कुमार(फाइल फोटो)
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Published : Jun 22, 2019, 10:05 PM IST

पटना: बिहार में चमकी बुखार और लू से इतनी मौतों के बाद अब नीतीश सरकार और उसके नौकरशाहों की नींद खुली है. 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद जागरूकता कार्यक्रम शुरू किये गये. हालांकि इससे भी कुछ खास असर नहीं हुआ और मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. नौकरशाहों की इस लापरवाही ने बिहार में ब्यूरोक्रेसी की पोल तो खोली ही साथ ही नीतीश सरकार को बेइज्जत कराने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा.

बिहार में नौकरशाहों की चलती है. सरकार भी नौकरशाहों के भरोसे है. अज्ञात बीमारी फैलने के बाद सरकारी तंत्र की लापरवाही उजागर हुई. बीमारी फैलने से पहले जागरूकता के लिए कदम नहीं उठाए गए और 100 से ज्यादा बच्चों की जान जाने के बाद जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया. डैमेज कंट्रोल के लिए अधिकारियों ने लू-प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम भी तय कर दिए.

संवाददाता रंजीत कुमार की रिपोर्ट

नीतीश सरकार की फजीहत करा रहे नौकरशाह
नीतीश के चहेते अधिकारी सरकार की फजीहत करा रहे हैं. अज्ञात बीमारी ने जब महामारी का रूप धारण कर लिया तब जागरूकता कार्यक्रम का दिखावा किया गया. आई-वॉश के लिए अधिकारियों ने कई बार हास्यास्पद स्थिति पैदा कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए लू-प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा तय कर दिया गया. जब खबरें मीडिया में आईं तो इसे स्थगित किया गया.

इतनी मौतों के बाद दिया गया विज्ञापन
बात यहीं खत्म नहीं हुई, जागरूकता कार्यक्रम को लेकर जब सरकार पर दबाव बढ़ा तब अखबारों में विज्ञापन दिए जाने लगे. 19 जून को एक ही अखबार में लू से बचने के लिए दो विज्ञापन छापे गए. एक विज्ञापन राज्य स्वास्थ्य समिति के हवाले से छपा और उसी अखबार में दूसरा विज्ञापन आपदा प्रबंधन की ओर से छपवाया गया.

विपक्ष ने लगाया सरकारी खजाने के दुरूपयोग का आरोप
विपक्ष ने इसे सरकारी खजाने का दुरुपयोग बता दिया. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि सरकार के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विज्ञापन की बदौलत ही चल रही है. इस तरह के कुकृत्य में जो भी अधिकारी लिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

भाजपा ने कही जांच की बात
वहीं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस तरह की चूक को लापरवाही करार दिया. भाजपा नेता का कहना है कि सरकार समय-समय पर समीक्षा करती है और समीक्षा के दौरान जो भी अधिकारी दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इस मामले में भी अगर कोई अधिकारी दोषी होगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पटना: बिहार में चमकी बुखार और लू से इतनी मौतों के बाद अब नीतीश सरकार और उसके नौकरशाहों की नींद खुली है. 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद जागरूकता कार्यक्रम शुरू किये गये. हालांकि इससे भी कुछ खास असर नहीं हुआ और मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. नौकरशाहों की इस लापरवाही ने बिहार में ब्यूरोक्रेसी की पोल तो खोली ही साथ ही नीतीश सरकार को बेइज्जत कराने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा.

बिहार में नौकरशाहों की चलती है. सरकार भी नौकरशाहों के भरोसे है. अज्ञात बीमारी फैलने के बाद सरकारी तंत्र की लापरवाही उजागर हुई. बीमारी फैलने से पहले जागरूकता के लिए कदम नहीं उठाए गए और 100 से ज्यादा बच्चों की जान जाने के बाद जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया. डैमेज कंट्रोल के लिए अधिकारियों ने लू-प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम भी तय कर दिए.

संवाददाता रंजीत कुमार की रिपोर्ट

नीतीश सरकार की फजीहत करा रहे नौकरशाह
नीतीश के चहेते अधिकारी सरकार की फजीहत करा रहे हैं. अज्ञात बीमारी ने जब महामारी का रूप धारण कर लिया तब जागरूकता कार्यक्रम का दिखावा किया गया. आई-वॉश के लिए अधिकारियों ने कई बार हास्यास्पद स्थिति पैदा कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए लू-प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा तय कर दिया गया. जब खबरें मीडिया में आईं तो इसे स्थगित किया गया.

इतनी मौतों के बाद दिया गया विज्ञापन
बात यहीं खत्म नहीं हुई, जागरूकता कार्यक्रम को लेकर जब सरकार पर दबाव बढ़ा तब अखबारों में विज्ञापन दिए जाने लगे. 19 जून को एक ही अखबार में लू से बचने के लिए दो विज्ञापन छापे गए. एक विज्ञापन राज्य स्वास्थ्य समिति के हवाले से छपा और उसी अखबार में दूसरा विज्ञापन आपदा प्रबंधन की ओर से छपवाया गया.

विपक्ष ने लगाया सरकारी खजाने के दुरूपयोग का आरोप
विपक्ष ने इसे सरकारी खजाने का दुरुपयोग बता दिया. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि सरकार के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विज्ञापन की बदौलत ही चल रही है. इस तरह के कुकृत्य में जो भी अधिकारी लिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

भाजपा ने कही जांच की बात
वहीं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस तरह की चूक को लापरवाही करार दिया. भाजपा नेता का कहना है कि सरकार समय-समय पर समीक्षा करती है और समीक्षा के दौरान जो भी अधिकारी दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इस मामले में भी अगर कोई अधिकारी दोषी होगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बिहार में नौकरशाहों की चलती है सरकार भी नौकरशाहों के भरोसे है लेकिन बिहार में अज्ञात बीमारी फैलने के बाद नौकरशाहों की लापरवाही भी उजागर हुई है बीमारी फैलने से पहले जागरूकता के लिए कदम नहीं उठाए गए लेकिन 100 बच्चों की जान जाने के बाद जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया । डैमेज कंट्रोल के लिए अधिकारियों ने लू प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम भी तय कर दिए


Body:नीतीश के चहेते अधिकारी सरकार का फजीहत करा रहे हैं अज्ञात बीमारी ने जब महामारी का रूप धारण कर लिया तब जागरूकता कार्यक्रम का दिखावा किया गया आई वॉश के लिए अधिकारियों ने कई बार हास्यास्पद स्थिति पैदा कर दी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए लो प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा तय कर दिया गया जब खबरें मीडिया में आई तब स्थगित किया गया


Conclusion:बात यहीं खत्म नहीं हुई जागरूकता कार्यक्रम को लेकर जब सरकार पर दबाव बढ़ा तब अखबारों में विज्ञापन दिए जाने लगे 19 जून को एक ही अखबार में लू से बचने के लिए दो विज्ञापन छप गए एक विज्ञापन राज्य स्वास्थ्य समिति के हवाले से छापा और उसी अखबार में दूसरा विज्ञापन आपदा प्रबंधन के हवाले से छपवा या गया।
विपक्ष इसे सरकारी खजाने का दुरुपयोग बता रही हैं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि सरकार के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ऐसी स्थिति हो रही है पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विज्ञापन के बदौलत ही चल रही है ऐसे कुकृत्य में जो भी अधिकारी शामिल हू
है उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि अगर इस तरह की चूक हुई है तो लापरवाही है सरकार समय-समय पर समीक्षा करती है और समीक्षा के दौरान जो भी अधिकारी दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है इस मामले में भी अगर कोई अधिकारी दोषी होंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी
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