पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार में महागठबंधन सरकार पर जमकर तंज कसा है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार जब से राजद से हाथ मिलाने के बाद सत्ता में आए हैं, तब से लगातार पुलिस अधिकारियों का मनोबल तोड़ने वाला रवैया अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिस्टम से पीड़ित आईजी विकास वैभव को ही सार्वजनिक रूप से फटकारना और विधायकों-मंत्रियों को अपमानित करने वाले आईएएस अफसर केके पाठक को संरक्षण देना कार्यपालिका को गलत संदेश देना है.
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"इस सरकार में काबिल अफसर ही प्रताड़ित हैं. आइपीएस अमित लोढा की कार्यशैली से लोग खुश थे और उन पर "खाकी" सीरियल बनाया गया. इस पर लोढा की प्रशंसा करने के बजाय उन्हें निलम्बित करने की कार्रवाई शुरू की गई. अफसरों को पता है कि उन्हें सोशल मीडिया पर क्या कहना चाहिए और क्या नहीं?. लेकिन जब मानसिक दबाव असहाय होता है, तभी कोई सर्विस कोड का उल्लंघन करता है. मुख्यमंत्री को रूल बुक दिखाने की बजाय एक सीनियर आइपीएस की मनोदशा समझने का प्रयास करना चाहिए था." - सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद
शोभा अहोतकर पर गाली देने का आरोपः गौरतलब है कि बिहार में दो सीनियर आईपीएस के बीच तकरार से सूबे का माहौल गर्म है. होमगार्ड और फायर सर्विसेज के आईजी विकास वैभव बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. उन्होंने ट्वीट कर सीनियर आईपीएस शोभा अहोतकर पर आरोप लगाया था कि वो उन्हें गाली देती हैं. आईपीएस विकास वैभव के लगाए गए आरोप के बाद के बाद बिहार के प्राशनिक विभाग में खूब किचकिच हुई है.
विकास वैभव को कारण बताओं नोटिस जारी : बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने भी मामले की जांच के लिए आदेश दिए हैं. इधर, डीजी शोभा अहोतकर ने विकास वैभव की ट्विट को लेकर कारण बताओं नोटिस जारी किया है. इस सबको लेकर बिहार सरकार पर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी के नेता इसे बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था से जोड़कर महागठबंधन सरकार पर निशाना साध रहे हैं.