पटना: बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Kumar Modi) ने कहा है कि खजूरबन्नी के पीड़ितों की तरह ही सारण के गरीबों को भी सरकार तत्काल मुआवजा दे. बाद में इस राशि की वसूली के लिए शराब माफिया से वसूलती रहे. उन्होंने कहा कि छपरा शराब कांड के पीड़ितों की मदद करें उसे प्रतिष्ठा का सवाल न बनाएं. मोदी ने कहा कि पहले तो सरकार साफ झूठ बोल रही थी कि जहरीली शराब से मृत्यु के मामले में मुआवजा देने का कोई प्रावधान ही नहीं है.
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''जब भाजपा ने उत्पाद कानून की धारा-42 में मुआवजा देने के प्रावधान की बात सार्वजनिक की, तब सरकार ने इसे स्वीकार किया अब इस राशि की पहले जहरीली शराब बनाने-बेचने वालों से वसूली करने के नाम पर अड़ी हुई है. यह रवैया संवेदनहीन और गरीब-विरोधी है.''- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद
'पहले मुआवजा दो फिर वसूली की नीती पर काम करो': सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने ही गोपालगंज के खजूरबन्नी में जहरीली शराब से मरे 19 लोगों के आश्रितों को "पहले मुआवजा, फिर वसूली" की नीति अपनायी थी. अब सारण के पीड़ितों के लिए यही नीति क्यों नहीं अपनायी जा सकती ?
शराबबंदी कानून की समीक्षा चाहती है बीजेपी: उन्होंने कहा कि मोटर वाहन कानून सहित कई मामलों में पहले पीड़ित को मुआवजा देने और बाद में दोषी व्यक्ति से वसूली का नियम है. भाजपा बिहार में शराबबंदी कानून के पक्ष में है, लेकिन जहरीली शराब से मौत की घटनाओं को देखते हुए इस कानून को लागू करने के तौर-तरीके की समीक्षा चाहती है. छपरा जहरीली शराब कांड में 76 लोगों की मौत हो गई है. वहीं विपक्ष का दावा है कि 100 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई है. सरकारी आंकड़े में 38 के मौत की पुष्टि हुई है.