पटना: बिहार में विभिन्न वजह से होने वाली मौतों में एक बड़ा आंकड़ा सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों का भी है. सड़क दुर्घटनाओं में हर साल करीब 6000 लोगों की जान चली जाती है. ऐसे में परिवहन विभाग, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की कवायद कर रहा है.
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सड़क दुर्घटनाओं में कमी का प्रयास
विभाग ने अपने पदाधिकारियों को टास्क दिया है कि 5 नेशनल हाइवे, जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं उन सड़कों का सर्वे कराएं. दुर्घटनाएं कम करने के लिए सघन वाहन जांच अभियान चलाया जाता है. जिसके तहत हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने पर जोर होता है. एक और बड़ा प्रयास जो परिवहन विभाग की तरफ से किया जा रहा है वह है सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों की मदद करने वालों को सम्मानित करना. राज्य भर में अब तक 597 गुड सेमेरिटन को परिवहन विभाग सम्मानित कर चुका है.
'सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए हम कई प्रयास कर रहे हैं. वाहन चालकों के ड्राइविंग स्किल को डेवेलप करने के लिए जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जा रहे हैं.'- संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग
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पिछले 5 साल के आंकड़े
वर्ष | मौत | घायल |
2016 | 4901 | 5651 |
2017 | 5554 | 6014 |
2018 | 6729 | 6679 |
2019 | 7205 | 7206 |
2020 | 6699 | 7019 |
आंकड़ों से स्पष्ट है कि परिवहन विभाग के सामने सड़क दुर्घटनाएं कम करने और लोगों की जान बचाने का एक बड़ा टास्क है. रोड सेफ्टी को लेकर कई तरह के प्रयास बिहार में परिवहन विभाग की ओर से किए जा रहे हैं.
दुर्घटनाएं कम करने के लिए हो रहे प्रयास
- हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने पर जोर
- ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उन जगहों पर एक्स्ट्रा सेफ्टी
- जागरूकता अभियान
- सड़क हादसे में घायल की मदद करनेवाले का सम्मान
- ड्राइविंग स्किल डेवलप करने के लिए जिलों में खोले जा रहे ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
- सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं वाले 5 NH का सर्वे
- गंभीर सड़क दुर्घटनाओं का संयुक्त एवं वैज्ञानिक जांच/अनुसंधान
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