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अपराधियों के आगे बेबस DGP; क्या बिहार में जंगलराज-2 की शुरुआत? - Fearless criminal in Bihar

बिहार में कानून का राज समाप्त हो चुका है. सरकार भले ही ना माने लेकिन जंगलराज-2 की शुरूवात हो चुकी है.

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Published : Aug 24, 2019, 9:12 AM IST

Updated : Aug 24, 2019, 9:24 AM IST

पटनाः राज्य में एक के बाद एक हो रही अपराधिक घटनाओं ने बिहार के पुराने दिनों की याद ताजा कर दी है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे लगातार कहते रहे हैं कि अपराधियों को पुलिस के डर से भागते दिखना चाहिए. लेकिन यहां दिनदहाड़े अपराधी पुलिस को ही निशाना बना रहे हैं. डीजीपी यहां तक कह देते हैं कि कोई भी किसी की हत्या कर सकता है डीजीपी की भी हत्या कर सकता है. यानी जनता को सुरक्षा की गांरटी देने वाले पुलिस के आला अफसर ही अपराधियों को आगे बेबस हो चुके हैं.

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कॉनसेप्ट इमेज

डीजीपी के बयानों से साफ लगता है कि बिहार में सुशासन की बात बेमानी हो गई है. विपक्ष तो कहता है कि यहां कानून का राज समाप्त हो चुका है. सरकार भले ही ना माने लेकिन जंगलराज-2 की शुरूवात हो चुकी है. वहीं, बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि कानून का डर अगर खत्म हो चुका है तो उसे फिर से सरकार कायम करेगी. पेश है खास रिपोर्ट--

nitish kumar
फाइल फोटो

अपराधियों ने उड़ाई सरकार की नींद
लगातार हो रही अपराधिक घटनाओं से बिहार सरकार की नींद उड़ी हुई है. पिछले विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ने भी माना कि लूट हत्या और डकैती की घटनाओं में वृद्धि हुई है और इसके पीछे मुख्यमंत्री ने तर्क भी दिया. लेकिन अपराधियों ने बिहार पुलिस का चैन छीन लिया है. दिनदहाड़े पुलिसकर्मियों को अपराधी निशाना बना रहे हैं और एके-47 जैसे हथियार लूटकर चले जा रहे हैं. ऐसे में पूरे पुलिस महकमे पर सवाल खड़ा हो रहे हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

'कानून का राज समाप्त हो गया है'
आरजेडी के नेता कह रहे हैं कि बिहार में कानून का राज समाप्त हो गया है. पुलिस का खौफ अपराधियों पर नहीं है. हम के नेता भी यही कह रहे हैं कि बिहार में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. सरकार को नैतिकता के नाम पर इस्तीफा दे देना चाहिये. वहीं, बीजेपी नेता अजित चौधरी का कहना है कि अगर अपराधियों में पुलिस का डर समाप्त हो गया है. तो उसे फिर से वापस लाना होगा. जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि हर घटना को पुलिस चुनौती के रूप में ले रही है.

rjd leader
भाई वीरेंद्र, नेता आरजेडी

सीएम के कामकाज पर भी उठ रही उंगली
गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही है. 2005 से जब से बिहार की सत्ता मुख्यमंत्री ने संभाली है कानून व्यवस्था को उन्होंने अपना यूएसपी बनाया है. लेकिन जिस प्रकार से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है. अब मुख्यमंत्री के कामकाज पर भी उंगली उठने लगी है. हालांकि मुख्यमंत्री लगातार अपराध नियंत्रण को लेकर आला अधिकारियों के साथ बैठक भी करते रहे हैं. कई दिशा निर्देश भी दिया है. कई तरह के प्रयोग भी हो रहे हैं. लेकिन उसका असर अपराधियों पर नहीं दिख रहा है.

jdu office
फाइल इमेज

समाप्त हो रही पुलिस की हनक
बहरहाल पुलिस की जो हनक होती है वह कहीं ना कहीं समाप्त होती दिख रही है. सरकार यह जरूर कहती रही है कि हम न तो फंसाते हैं और ना ही बचाते हैं. हर घटना के बाद पुलिस एक्शन लेती है. यह सच्चाई है कि पुलिस एक्शन ले रही है. लेकिन जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उन पर तो सवाल उठना लाजमी है.

पटनाः राज्य में एक के बाद एक हो रही अपराधिक घटनाओं ने बिहार के पुराने दिनों की याद ताजा कर दी है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे लगातार कहते रहे हैं कि अपराधियों को पुलिस के डर से भागते दिखना चाहिए. लेकिन यहां दिनदहाड़े अपराधी पुलिस को ही निशाना बना रहे हैं. डीजीपी यहां तक कह देते हैं कि कोई भी किसी की हत्या कर सकता है डीजीपी की भी हत्या कर सकता है. यानी जनता को सुरक्षा की गांरटी देने वाले पुलिस के आला अफसर ही अपराधियों को आगे बेबस हो चुके हैं.

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डीजीपी के बयानों से साफ लगता है कि बिहार में सुशासन की बात बेमानी हो गई है. विपक्ष तो कहता है कि यहां कानून का राज समाप्त हो चुका है. सरकार भले ही ना माने लेकिन जंगलराज-2 की शुरूवात हो चुकी है. वहीं, बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि कानून का डर अगर खत्म हो चुका है तो उसे फिर से सरकार कायम करेगी. पेश है खास रिपोर्ट--

nitish kumar
फाइल फोटो

अपराधियों ने उड़ाई सरकार की नींद
लगातार हो रही अपराधिक घटनाओं से बिहार सरकार की नींद उड़ी हुई है. पिछले विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ने भी माना कि लूट हत्या और डकैती की घटनाओं में वृद्धि हुई है और इसके पीछे मुख्यमंत्री ने तर्क भी दिया. लेकिन अपराधियों ने बिहार पुलिस का चैन छीन लिया है. दिनदहाड़े पुलिसकर्मियों को अपराधी निशाना बना रहे हैं और एके-47 जैसे हथियार लूटकर चले जा रहे हैं. ऐसे में पूरे पुलिस महकमे पर सवाल खड़ा हो रहे हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

'कानून का राज समाप्त हो गया है'
आरजेडी के नेता कह रहे हैं कि बिहार में कानून का राज समाप्त हो गया है. पुलिस का खौफ अपराधियों पर नहीं है. हम के नेता भी यही कह रहे हैं कि बिहार में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. सरकार को नैतिकता के नाम पर इस्तीफा दे देना चाहिये. वहीं, बीजेपी नेता अजित चौधरी का कहना है कि अगर अपराधियों में पुलिस का डर समाप्त हो गया है. तो उसे फिर से वापस लाना होगा. जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि हर घटना को पुलिस चुनौती के रूप में ले रही है.

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भाई वीरेंद्र, नेता आरजेडी

सीएम के कामकाज पर भी उठ रही उंगली
गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही है. 2005 से जब से बिहार की सत्ता मुख्यमंत्री ने संभाली है कानून व्यवस्था को उन्होंने अपना यूएसपी बनाया है. लेकिन जिस प्रकार से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है. अब मुख्यमंत्री के कामकाज पर भी उंगली उठने लगी है. हालांकि मुख्यमंत्री लगातार अपराध नियंत्रण को लेकर आला अधिकारियों के साथ बैठक भी करते रहे हैं. कई दिशा निर्देश भी दिया है. कई तरह के प्रयोग भी हो रहे हैं. लेकिन उसका असर अपराधियों पर नहीं दिख रहा है.

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समाप्त हो रही पुलिस की हनक
बहरहाल पुलिस की जो हनक होती है वह कहीं ना कहीं समाप्त होती दिख रही है. सरकार यह जरूर कहती रही है कि हम न तो फंसाते हैं और ना ही बचाते हैं. हर घटना के बाद पुलिस एक्शन लेती है. यह सच्चाई है कि पुलिस एक्शन ले रही है. लेकिन जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उन पर तो सवाल उठना लाजमी है.

Intro:पटना-- एक के बाद एक अपराधिक घटनाओं ने बिहार के पुराने दिनों की याद ताजा कर दी है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे लगातार कहते रहे हैं अपराधियों को पुलिस की डर से भागते दिखना चाहिए लेकिन यहां दिनदहाड़े अपराधी पुलिस को ही शिकार बना रहे हैं । डीजीपी यहां तक कह देते हैं कि कोई किसी की हत्या कर सकता है डीजीपी की भी हत्या कर सकता है। ऐसे बयानों से साफ लगता है बिहार में सुशासन की बात बेमानी सी हो गई है विपक्ष तो कहता है कि यहां कानून का राज समाप्त है । बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि कानून का यदि डर समाप्त हुआ है तो उसे फिर से सरकार कायम करेगी।
पेश है खास रिपोर्ट--


Body:लगातार हो रही अपराधिक घटनाओं से बिहार सरकार की नींद उड़ी हुई है पिछले विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ने भी माना कि लूट हत्या और डकैती की घटनाओं में वृद्धि हुई है और इसके पीछे मुख्यमंत्री ने तर्क भी दिया लेकिन अपराधियों ने बिहार पुलिस की चेन छीन ली है दिनदहाड़े पुलिसकर्मियों को जिस दिन से अपराधी निशाना बना रहे हैं और एके-47 जैसे हथियार लूटकर चले जा रहे हैं पूरे पुलिस महकमे पर सवाल खड़ा हो रहा है आरजेडी के नेता कह रहे हैं कि बिहार में कानून का राज समाप्त हो गया है पुलिस का खोफ अपराधियों पर नहीं है । हम के नेता भी कह रहे हैं कि बिहार में क़ानून का चीज नहीं रह गया है सरकार को नैतिकता के नाम पर इस्तीफा दे देना चाहिये।
वहीं बीजेपी नेता अजित चौधरी कह रहे हैं यदि अपराधियों में पुलिस का डर यदि समाप्त हो गया है तो उसे फिर से वापस लाना होगा। जदयू के प्रबक्ता राजीव रंजन का कहना है कि हर घटना को पुलिस चुनौती के रूप में ले रही है ।
बाइट्स--- भाई बिरेंद्र आरजेडी के वरिष्ठ नेता संतोष मांझी विधान पार्षद और हम के वरिष्ठ नेता अजीत चौधरी बीजेपी प्रवक्ता राजीव रंजन जदयू प्रवक्ता।


Conclusion:गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही हैं और 2005 से जब से बिहार की सत्ता मुख्यमंत्री ने संभाली है कानून व्यवस्था को उन्होंने अपना यूएसपी बनाया है लेकिन जिस प्रकार से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है अब मुख्यमंत्री के कामकाज पर उंगली उठने लगा है ऐसे मुख्यमंत्री लगातार अपराध नियंत्रण को लेकर आला अधिकारियों के साथ बैठक भी करते रहे हैं कई दिशा निर्देश भी दिया है कई तरह के प्रयोग भी हो रहे हैं लेकिन उसका असर अपराधियों पर नहीं दिख रहा है । पुलिस का हनक होता है वह कहीं समाप्त होता दिख रहा है कि सरकार यह जरूर करती रही है कि हम न तो फंसाते हैं और ना ही बचाते हैं और घटना के बाद पुलिस एक्शन लेती है यह सच्चाई है पुलिस एक्शन ले रही है लेकिन जितनी घटनाएं हो रही है उस पर तो सवाल उठना लाजमी है।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Aug 24, 2019, 9:24 AM IST
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