पटना: 'बिहार का गौरव' और पटना का श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर 100 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो गया है. ये मंदिर बिहार के लिए पहला देश के लिए दूसरे भव्य मंदिर का काम लगभग पूरा हो गया है. सिर्फ मंदिर में अब सिर्फ फिनिसिंग का काम चल रहा है. कारीगर दिन रात काम कर इसे अंतिम रूप देने में जुटे हैं. बुद्धा मार्ग पर बन रहे इस्कॉन मंदिर में बांके बिहारी के दर्शन के लिए काफी अच्छी व्यवस्था की गई है. आने वाले दिनों में बढ़ती जनसंख्या को देख डबल डेकर में तैयार मंदिर अपने आप में एक अद्भुत होगा.
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भव्य मंदिर बनकर तैयार
इस्कॉन मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट बनाया गया है. भक्तों को मंदिर में आने जाने के समय में भीड़ का सामना ना करना पड़े, मंदिर की प्रवेश गेट पर ही भक्तों के अपने जूते चप्पल रखने के लिए अंडर ग्राउंड में व्यवस्था की गई है. इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता नन्द गोपाल दास ने बताया कि मंदिर में जो मार्बल का उपयोग किया जा रहा है, वह मार्बल राजस्थान के मकराना से के खदान को खरीदा गया है. वहां से मार्बल पटना इस्कॉन मंदिर में लाया जा रहा और यहां डिजाइन किया जा रहा है. 84 खंभों वाला यह मंदिर का 70 फीसदी निर्माण पूरा हो चुका है, सिर्फ फिनिसिंग का काम बाकी है.
ऑडिटोरियम की व्यवस्था
ये मंदिर अपने आप में कई खासियत समेटे हुए है, इसकी ऊंचाई लगभग 108 फीट से लेकर एक भव्य महल जैसा है. खंभों को बारीकी से डिजाइन कर लुक दिया जा रहा है, इस मंदिर के निर्माण में 300 कारीगर प्रतिदिन काम करते हैं, जो कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रहनेवाले हैं. ये कारीगर एक-एक डिजाइन को पूरा करने में लगे हुए हैं. इस मंदिर के अंदर ऑडिटोरियम बनाया गया है, जिसमें कुल 1200 लोगों के बैठने की क्षमता है. इसके साथ मंदिर परिसर में ही आर्ट गैलरी भी लगाया जाएगा. भगवान का जो लीला रहा पूरा उसका प्रदर्शनी के माध्यम से लोग देखकर लुफ्त उठा सकेंगे. वहीं ऑडिटोरियम में कोलकाता से मंगाया गया लाइटिंग झूमर मंदिर परिसर में पहुंचने वाले भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहेगा, इसके साथ ही मंदिर में सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है.
मंदिर को डबल डेकर बनाया
4 फ्लोर के इस इस्कॉन मंदिर में कई तरह की व्यवस्था है, दूसरे तल्ले पर तीन दरबार बनाए गए हैं. भगवान का मंदिर है, जिसमें सीता-राम, लक्ष्मण, हनुमान दरबार, राधे बांके बिहारी दरबार, श्री गौर निताई दरबार बनाया गया है. भगवान के गर्भ गृह में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं रहेगी सिर्फ जो मंदिर के पुजारी रहेंगे वहीं भगवान के गर्भगृह में भोग लगाने या वस्त्र चेंज करने के लिए जा सकते हैं. इस मंदिर को डबल डेकर बनाया गया है, इस मंदिर की खासियत यह है कि भगवान के दर्शन करने के लिए जब श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचेंगे तो भीड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा.
2800 लोगों के बैठने की क्षमता
मंदिर के विभिन्न जगहों पर लकड़ी का काम चल रहा है, इसके साथ ही खंभों पर डिजाइनिंग का काम भी चल रहा है, श्री राधा बांके बिहारी जी मंदिर में एक विशेष गैलरी भी बनी है . जिसका नाम रखा गया है ग्लोरी ऑफ बिहार, साथ ही साथ इस मंदिर में लाइब्रेरी की भी परिकल्पना की गई है, जहां पर लोग बैठकर पढ़ सकेंगे. इस मंदिर परिसर की कैपिसिटी 2800 लोगों की क्षमता है, भक्त एक साथ बैठकर धार्मिक त्यौहार में भगवान का भजन आरती का लुफ्त उठा सकते हैं. इस मंदिर में फायर सेफ्टी की पूरी व्यवस्था की गई है, परिसर में 35 कैमरे की नजर से निगरानी भी की जाएगी.
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ग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था
मंदिर परिसर में ही ग्राउंड में 50 गाड़ियों का पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है. इसके साथ ही 70 कमरों का गेस्ट हाउस भी मंदिर के पीछे बनाया गया है. जिसमें मंदिर के मेंबर जो बाहर से आएंगे उनके लिए रहने खाने पीने की व्यवस्था रहेगी, मंदिर का पूरा लाइटिंग, झूमर, साउंड सिस्टम दिल्ली और कोलकाता से मंगाकर लगाया जा रहा है. मंदिर में सुविधा की बात करें तो इस मंदिर परिसर में ही गोविंदा रेस्टोरेंट भी बनाया जा रहा है. तीन गुम्बजों वाला इस्कॉन मंदिर अपने आप में एक भव्य दरबार और महल जैसा दिखने वाला बिहार ही नहीं बल्कि देश का दूसरा बांके बिहारी मंदिर का उद्घाटन इसी साल होगा, सबसे खास बात इस्कॉन मंदिर में जो भगवान की विग्रह की मूर्ति आएगी, वह भी राजस्थान से लाई जाएगी.