भागलपुर: जिले में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का चयन खाद्य प्रसंस्करण यूनिट के रूप में किया गया है.
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किसानों को दी जाएगी जानकारी
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर उद्यान लगाने में किसानों को ना केवल मुफ्त में विशेषज्ञता प्रदान करेगा, बल्कि ऋण कैसे लिया जाए. कच्चे माल की सप्लाई कहां करनी है, उसे कैसे बाजार में बेचा जाना है, आदि के बारे में बताया जायेगा. केंद्र सरकार की योजना के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ओर से उद्यमिता विकास के लिए जिले के विश्वविद्यालय का चयन किया गया है.
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किसानों को दी जाएगी जानकारी
सुक्ष्म, लधु और मध्यम उद्यमियों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए बीएयू में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा. फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए माहौल अनुकूल बनाने के बारे में विशेषज्ञ तकनीकी ज्ञान भी किसानों को देंगे. विश्वविद्यालय में किसानों को उद्योग लगाने के लिए खाद्य वस्तु कैसे पोषण बढ़ा सकती है, उसके तौर-तरीके बताए जाएंगे. जीएसटी और अन्य कर भुगतान प्रणाली और फूड प्रोसेसिंग यूनिट के कामगारों को किस तरह से सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी, यह भी सिखाया जाएगा. प्रोविडेंट फंड का लाभ कैसे मिले, इसकी विस्तृत जानकारी भी यहां दी जाएगी.
कुलपति डॉ. आर. के. सोहाने ने दी जानकारी
फूड प्रोसेसिंग यूनिट के रूप में बीएचयू का चयन होने की जानकारी प्रेस वार्ता कर बीएयू के कुलपति डॉ. आर. के. सोहाने ने दी. उन्होंने बताया कि खुशी की बात है कि भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय का चयन भारत सरकार द्वारा प्रोसेसिंग यूनिट के रूप में किया गया है.
उन्होंने कहा कि यहां पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगवाने के इच्छुक किसानों और छोटे उद्यमियों को स्कीम के बारे में बेहतर तरीके से जानकारी दी जाएगी. उन्हें यूनिट लगाने से लेकर मार्केटिंग करने के तरीके बताए जाएंगे. कैसे कच्चा माल को कैसे रखा जाना है और फिर तैयार होने के बाद उसे किस तरह से बाजार तक पहुंचाना है. उसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी.
7 दिन में ही परीक्षा का परिणाम हुआ घोषित
वहीं, इस अवसर पर कुलपति ने बताया कि बीएयू के इतिहास में पहली बार परीक्षा के उपरांत 7 दिन में ही परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है. विश्वविद्यालय के अंगीभूत सभी ग्रेजुएट महाविद्यालयों के रिजल्ट को प्रकाशित किये गये हैं. उन्होंने कहा कि 13 मार्च को ही परीक्षा संपन्न हुई थी. कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई वर्चुअल हुई थी. जिसके बाद परीक्षा ली गई है.
पारदर्शी तरीके से रिजल्ट हुआ प्रकाशित
परीक्षा संपन्न होने के साथ ही हमने रजिस्ट्रार को निर्देश दिया था कि 7 दिनों के अंदर पारदर्शी तरीके से रिजल्ट को प्रकाशित किया जाए. उन्होंने कहा कि एकेडमी सेशन भी जारी कर दिया गया है. विश्वविद्यालय के सभी कृषि विज्ञान केंद्र में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा. लोगों को कृषि आधारित उद्योग लगाने के बारे में जानकारी दी जाएगी.