पटना: भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बुधवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि वह अपनी पार्टी का विस्तार कर रहे हैं. साथ साथ उन्होंने चुनाव कभी नहीं लड़ने का भी ऐलान किया. वहीं भूमिहार - ब्राह्मण एकता मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयकांत वत्स और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विकास प्रसून उर्फ भल्ला को बनाया गया.
आशुतोष कुमार ने बिहार में बेरोजगारी की समस्या को लेकर सत्ता और विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बाद बीते 30 सालों में जेपी-लोहिया–कर्पूरी के अनुयायियों ने प्रदेश की जनता को सिर्फ बरगलाने का काम किया है.
सरकार हुई बेनकाब
वहीं आशुतोष कुमार ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले राज्य के लोगों को बिहार में ही प्रवासी कहा गया. जबकि वे प्रवासी दूसरे प्रदेश में थे, ना कि अपने प्रदेश बिहार में. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का आंकड़ा सरकार 20 लाख बता रही है. सही मायने में देखा जाए तो यह आंकड़ा 40 लाख से अधिक है. रोजगार का दावा करने वाली प्रदेश की मौजूदा सरकार इस संकट में पूरी तरह बेनकाब हुई है.
'हमारे पास है रोड मैप'
आशुतोष कुमार ने कहा कि नशा मुक्ति, दहेज प्रथा, जल जीवन हरियाली जैसे मुद्दों पर सरकारी खर्च कर मानव श्रृंखला बनाने वाली सरकार के मुंह पर कोरोना के दौरान तमिलनाडू वाया दिल्ली से बिहार तक बनी मानव श्रंखला एक जोरदार तमाचा है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था. आज जब कुछ महीने में चुनाव होने वाले हैं. तब सत्ता में बैठे लोग पेपर में यह छपवाते हैं कि वो 50 हजार लोगों को रोजगार देंगे. ऐसे लोग 15 सालों से कहां थे. हम युवा उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या रोजगार के लिए उनके पास कोई रोड मैप है. उन्होंने कहा कि हमारे पास रोड मैप है. बिहार में छोटे मंझौले उद्योग धंधे स्थापित किए बिना बेरोजगारी कम नहीं हो सकती.
रोजगार युक्त बिहार बनाने का लक्ष्य
वहीं उन्होंने कहा कि एक पार्टी इनदिनों प्रदेश में ‘बेरोजगारी भगाओ यात्रा’ पर निकली है. आखिर बेरोजगारी की फैक्टरी उनकी मां–पिता ने ही लगायी है. साथ ही ‘बिहारी फर्स्ट’ का नारा लेकर घूमने वाले के पास भी कोई रोड मैप नहीं है. उनकी पार्टी के एजेंडे में बिहार से परिवार फर्स्ट है. लेकिन हम बिहार को हुनर मंद और रोजगार युक्त बनाने के लिए लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं.