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'पनामा हमारी थी, हमारी रहेगी', छोटे से देश ने ट्रंप को दिखाई आंख, चीन भी भड़का - PANAMA CANAL

पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो कहा है कि पनामा नहर संयुक्त राज्य अमेरिका ने खैरात या गिफ्ट में नहीं दी.

trump and JOSé RAúL MULINO
डोनाल्ड ट्रंप और पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो (AP/ X@JOSé RAúL MULINO)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 23, 2025, 7:39 PM IST

पनामा सिटी: पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि अमेरिका पनामा नहर पर नियंत्रण कर सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जलमार्ग पनामा का है और पनामा के नियंत्रण में रहेगा.

दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में बोलते हुए मुलिनो ने नहर पर अपनी संप्रभुता पर जोर दिया. अपने उद्घाटन भाषण के दौरान ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका नहर को वापस ले लेगा.

मुलिनो ने घोषणा की, "हम ट्रंप की हर बात को पूरी तरह से खारिज करते हैं." क्योंकि यह झूठ है, और दूसरा, क्योंकि पनामा नहर पनामा की है और पनामा की ही रहेगी. पनामा नहर संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से कोई खैरात या गिफ्ट नहीं थी."

बता दें कि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली इस नहर का निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया गया था और इसका उद्घाटन 1914 में हुआ था. 1977 की टोरिजोस-कार्टर संधियों की शर्तों के तहत इसे आधिकारिक तौर पर 31 दिसंबर 1999 को पनामा को सौंप दिया गया था.

पनामा ने अंतरराष्ट्रीय कानून का दिया हवाला
पनामा ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का हवाला देते हुए ट्रंप की टिप्पणियों के बारे में औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र से शिकायत की है, जो किसी अन्य राज्य की क्षेत्रीय अखंडता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बल के प्रयोग या धमकी को प्रतिबंधित करता है. पनामा सरकार ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से इस मामले को सुरक्षा परिषद को संदर्भित करने का आग्रह किया है, हालांकि इसने तत्काल बैठक का अनुरोध नहीं किया है.

मुलिनो ने नहर की तटस्थता और वैश्विक व्यापार में इसकी रणनीतिक भूमिका के लिए पनामा की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसके तहत 40 प्रतिशत अमेरिकी कंटेनर यातायात जलमार्ग से होकर गुजरता है. उन्होंने कहा, "कोई भी क्राइटेरिया लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून को नजरअंदाज नहीं कर सकता है."

चीन ने ट्रंप की आलोचना की
ट्रंप की टिप्पणियों ने क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को भी लक्षित किया था. उन्होंने बीजिंग पर पनामा के बुनियादी ढांचे में अपने निवेश के माध्यम से नहर को संचालित करने का आरोप लगाया, जिसमें हांगकांग से जुड़े ऑपरेटर हचिसन पोर्ट्स भी शामिल हैं, जो नहर के दोनों छोर पर बाल्बोआ और क्रिस्टोबल के बंदरगाहों को चलाते हैं. चीन ने दृढ़ता से इसका जवाब दिया और उसे विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "चीन नहर के प्रबंधन और संचालन में भाग नहीं लेता है और उसने कभी भी नहर के मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया है."

गौरतलब है कि अपने कड़े रुख के बावजूद मुलिनो ने संकेत दिया कि पनामा प्रवास और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे व्यापक मुद्दों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ रचनात्मक जुड़ाव के लिए खुला है. उन्होंने कहा, "इससे इसे संकट कहें, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारी रुचि वाले अन्य मुद्दों पर काम करने के अवसर भी होने चाहिए."

मुलिनो ने कहा कि नहर ने 2000 से पनामा के सरकारी खजाने में 30 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान दिया है. यह देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला बनी हुई है. मुलिनो ने दोहराया कि यह पनामा के नेतृत्व में रहेगा. उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता के प्रतीक के रूप में नहर के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमें चिंता नहीं है, नहर पनामा की है और रहेगी."

यह भी पढ़ें- अमेरिका: ट्रंप सरकार के पहले दिन 300 से अधिक अवैध अप्रवासी हिरासत में लिए गए

पनामा सिटी: पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि अमेरिका पनामा नहर पर नियंत्रण कर सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जलमार्ग पनामा का है और पनामा के नियंत्रण में रहेगा.

दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में बोलते हुए मुलिनो ने नहर पर अपनी संप्रभुता पर जोर दिया. अपने उद्घाटन भाषण के दौरान ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका नहर को वापस ले लेगा.

मुलिनो ने घोषणा की, "हम ट्रंप की हर बात को पूरी तरह से खारिज करते हैं." क्योंकि यह झूठ है, और दूसरा, क्योंकि पनामा नहर पनामा की है और पनामा की ही रहेगी. पनामा नहर संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से कोई खैरात या गिफ्ट नहीं थी."

बता दें कि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली इस नहर का निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया गया था और इसका उद्घाटन 1914 में हुआ था. 1977 की टोरिजोस-कार्टर संधियों की शर्तों के तहत इसे आधिकारिक तौर पर 31 दिसंबर 1999 को पनामा को सौंप दिया गया था.

पनामा ने अंतरराष्ट्रीय कानून का दिया हवाला
पनामा ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का हवाला देते हुए ट्रंप की टिप्पणियों के बारे में औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र से शिकायत की है, जो किसी अन्य राज्य की क्षेत्रीय अखंडता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बल के प्रयोग या धमकी को प्रतिबंधित करता है. पनामा सरकार ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से इस मामले को सुरक्षा परिषद को संदर्भित करने का आग्रह किया है, हालांकि इसने तत्काल बैठक का अनुरोध नहीं किया है.

मुलिनो ने नहर की तटस्थता और वैश्विक व्यापार में इसकी रणनीतिक भूमिका के लिए पनामा की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसके तहत 40 प्रतिशत अमेरिकी कंटेनर यातायात जलमार्ग से होकर गुजरता है. उन्होंने कहा, "कोई भी क्राइटेरिया लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून को नजरअंदाज नहीं कर सकता है."

चीन ने ट्रंप की आलोचना की
ट्रंप की टिप्पणियों ने क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को भी लक्षित किया था. उन्होंने बीजिंग पर पनामा के बुनियादी ढांचे में अपने निवेश के माध्यम से नहर को संचालित करने का आरोप लगाया, जिसमें हांगकांग से जुड़े ऑपरेटर हचिसन पोर्ट्स भी शामिल हैं, जो नहर के दोनों छोर पर बाल्बोआ और क्रिस्टोबल के बंदरगाहों को चलाते हैं. चीन ने दृढ़ता से इसका जवाब दिया और उसे विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "चीन नहर के प्रबंधन और संचालन में भाग नहीं लेता है और उसने कभी भी नहर के मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया है."

गौरतलब है कि अपने कड़े रुख के बावजूद मुलिनो ने संकेत दिया कि पनामा प्रवास और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे व्यापक मुद्दों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ रचनात्मक जुड़ाव के लिए खुला है. उन्होंने कहा, "इससे इसे संकट कहें, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारी रुचि वाले अन्य मुद्दों पर काम करने के अवसर भी होने चाहिए."

मुलिनो ने कहा कि नहर ने 2000 से पनामा के सरकारी खजाने में 30 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान दिया है. यह देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला बनी हुई है. मुलिनो ने दोहराया कि यह पनामा के नेतृत्व में रहेगा. उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता के प्रतीक के रूप में नहर के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमें चिंता नहीं है, नहर पनामा की है और रहेगी."

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