पटना: नया साल, नयी ऊर्जा और नए संकल्प के साथ आने को तैयार है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक आने वाला साल बिहार में कई बदलाव लाएगा. ऐसे में 2020 विधानसभा चुनावों और बिहार की बड़ी राजनीतिक पार्टियों को लेकर क्या कुछ कहती है ग्रहों की चाल. ईटीवी भारत ने राजधानी पटना के जाने-माने ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा से बातचीत की.
- ज्योतिष की नजर में कैसा है बिहार का राजनीतिक भविष्य?
- क्या कुछ होने वाला है वर्ष 2020 में बिहार की सियासत में?
- क्या नीतीश फिर बनेंगे मुख्यमंत्री या बिहार में होगा बदलाव?
- क्या लालू यादव को मिलेगी राहत?
- क्या कहते हैं तेज-तेजस्वी के सितारे?
इन सभी सवालों का जवाब हमने ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा से पूछा. इस बाबत उन्होंने ग्रहों की चाल पर निगाह डालते हुए बताया कि 2020 में लालू यादव के लिए अच्छी स्थिति बनती दिख रही है. वहीं, उनके परिवार में खटपट बनी रहेगी. लेकिन साल के अंत में लालू परिवार की हालत में सुधार की संभावना दिख रही है. बिहार की राजनीतिक पृष्ठभूमि को लेकर ज्योतिषाचार्य ने बताया कि आने वाला साल बदलाव का साल है. हालात बदलेंगे.
'नीतीश कुमार के साथ विश्वासघात'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर ज्योतिषाचार्य ने कहा कि साल के शुरूआत में नीतीश कुमार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा. वो अच्छी स्थिति में होंगे. लेकिन साल के अंत में विश्वासघात के संकेत मिल रहे हैं. यानी सियासी बदलाव भी बिहार में हो सकता है. उनके साथ विश्वासघात हो सकता है.
'राहु से बचें तेज-तेजस्वी'
डॉ. राजनाथ झा ने बताया कि तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव पर राहु प्रबल है. इसके चलते दोनों को डिप्रेशन हो सकता है. प्लानिंग और निर्णय को लेकर राहु बाधा का कारण बनेगा. इसके लिए उचित उपाय किये जा सकते हैं. साल के अंत तक दोनों के नक्षत्र काफी अच्छे दिखाई दे रहे हैं.
- बता दें कि डॉ. राजनाथ झा पटना के मशहूर ज्योतिषाचार्य हैं. आपने इससे पहले लालू यादव को लेकर जो कुछ बताया था, वो काफी हद तक सटीक साबित हुआ था. ऐसे में उन्होंने अपनी ज्योतिष विद्या से एक बार फिर बिहार के राजनीतिक उथल-पुथल की बात इशारों-इशारों में कही है.
नीतीश को सावधान रहने की जरूरत
2019 साल के अंत में झारखंड विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद जिस तरह वहां के पूर्व सीएम रघुवर दास ने बीजेपी के 'जयचंदों' को हार की वजह बताई है. वहीं ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सीएम नीतीश कुमार को साल के अंत में विश्वासघात का सामना कर पड़ सकता है. बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव साल के अंत में होना है. ऐसे में देखना होगा कि सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी के साथ-साथ सहयोगी पार्टियों के 'जयचंदों' से किस तरह सावधान रहते हैं.