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जुगाड़ की थीम पर की गई कलाकृतियां, कबाड़ से बना डाला फर्नीचर और पार्क

कंकड़बाग स्थित ऑटो स्टैंड गोलंबर में कबाड़ का प्रयोग कर कलाकृतियां सजाई गई हैं. जिसमें नगर निगम की पुरानी और बेकार पड़ी चीजों का इस्तेमाल किया गया है.

तैयार की गई कलाकृतियां
तैयार की गई कलाकृतियां
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Published : Mar 24, 2021, 7:19 AM IST

पटना: नगर निगम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के गोल्डन रूल-3 R के प्रति शहरवासियों को जागरूक किया जा रहा है. नगर निगम के माध्यम से कई स्थलों पर कबाड़ से जुगाड़ की थीम पर कलाकृतियां, फर्नीचर, पार्क, सेल्फी प्वॉइंट तैयार किए गए हैं.

तैयार की गई कलाकृतियां.
तैयार की गई कलाकृतियां.
इसी कड़ी में कंकड़बाग स्थित ऑटो स्टैंड गोलंबर पर भी विशेष कलाकृति सजाई गई है. आमतौर पर शहर के गोलंबर पर पथ प्रदर्शक महापुरुषों की मूर्ति या फव्वारें आदि को सजाया जाता रहा है. लेकिन ऑटौ स्डैंट गोलंबर शहर का पहला ऐसा गोलबंर है जहां 'वेस्ट टू वंडर' थीम पर कलाकृतियां तैयार की गई है.

इसे भी पढ़ें: विधानसभा में हंगामा कर रहे विधायकों को मार्शल ने ऐसे बाहर फेंका, देखें वीडियो

बेकार चीजों को तीन कलाकारों ने दिया जीवंत रूप
पटना आर्ट्स कॉलेज के तीन पूर्व छात्रों ने दो हफ्तों में इन कलाकृतियों को तैयार किया है. पटना नगर निगम की पुरानी, बेकार चीजों जैसे टंकी, पाइप, डस्टबिन आदि का इस्तेमाल किया गया है.

पुराने टायर से तैयार किया गया प्लांटर.
पुराने टायर से तैयार किया गया प्लांटर.

विलुप्त हो रहे जीव और खत्म हो रही परंपरा के संरक्षण का संदेश
दादी-नानी के जमाने में उत्पादों पर कम से कम निर्भरता के लिए प्रेरित किया जाता था. पुरानी कलम में नई रिफील डालकर उसे पुन: इस्तेमाल में लाया जाता था. रद्दी-अखबार अलमारी पर बिछानी, पुरानी टी-शर्ट का इस्तेमाल पोंछा के रूप में करना हो या फिर फटी चादर से सूटकेस का कवर तैयार करना हो, बुजुर्गों के माध्यम से आज भी नई चीजों पर निर्भरता कम कर मौजूदा वस्तुओं को ही पुन: इस्तेमाल पर जोर दिया जाता है.

ये भी पढ़ें: 'नीतीश जी..आपके इस अमानवीय पुलिसिये हमले की गूंज कल संसद में भी सुनाई देगी...तैयार रहिये'

गोरैया हो रही विलुप्त
रिड्यूज और रीयूज की इस परंपरा के साथ साथ घरों में चहकने वाली गोरैया भी धीरे-धीरे विलुप्कत होती जा रही है. इनके संरक्षण के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मार्च माह में विश्व गोरैया दिवस भी मनाया जाता है. इसी उद्देश्य से पटना नगर निगम ने भी पहल की है.

लोगों को किया जा रहा जागरूक.
लोगों को किया जा रहा जागरूक.

शहर के कई कोने वेस्ट से बने वंडरफुल
इसी तरह की कलाकृति पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल के कार्यालय परिसर में भी तैयार की गई है. यहां पुराने लोहे से हिरण की कलाकृति तैयार कर सजाई गई है. वहीं बांकीपुर अंचल कार्यालय में पुराने टायर से प्लांटर तैयार किए गए हैं. मुख्यालय परिसर यानी मौर्य लोक में कबाड़ से जुगाड़ की थीम पर ही चिल्ड्रेन पार्क और गार्डेन लाइब्रेरी तैयार की गई है. जहां झूले, प्लांटर, फर्निचर, अलमारी, साज-सज्जा की चीजों को कबाड़ की चीजों से तैयार किया गया है.

कचरा गाड़ी में डालने की अपील
नगर निगम के माध्यम से कुम्हरार मध्य विद्यालय, कंकड़बाग में कलाकारों के माध्यम से 'पटना की ब्यूटी हम सबकी ड्यूटी' की थीम पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई. साथ ही लोगों से सूखा-गीला कचरा अलग-अलग संग्रहण कर कचरा गाड़ी में डालने की अपील की गई.

पटना: नगर निगम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के गोल्डन रूल-3 R के प्रति शहरवासियों को जागरूक किया जा रहा है. नगर निगम के माध्यम से कई स्थलों पर कबाड़ से जुगाड़ की थीम पर कलाकृतियां, फर्नीचर, पार्क, सेल्फी प्वॉइंट तैयार किए गए हैं.

तैयार की गई कलाकृतियां.
तैयार की गई कलाकृतियां.
इसी कड़ी में कंकड़बाग स्थित ऑटो स्टैंड गोलंबर पर भी विशेष कलाकृति सजाई गई है. आमतौर पर शहर के गोलंबर पर पथ प्रदर्शक महापुरुषों की मूर्ति या फव्वारें आदि को सजाया जाता रहा है. लेकिन ऑटौ स्डैंट गोलंबर शहर का पहला ऐसा गोलबंर है जहां 'वेस्ट टू वंडर' थीम पर कलाकृतियां तैयार की गई है.

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बेकार चीजों को तीन कलाकारों ने दिया जीवंत रूप
पटना आर्ट्स कॉलेज के तीन पूर्व छात्रों ने दो हफ्तों में इन कलाकृतियों को तैयार किया है. पटना नगर निगम की पुरानी, बेकार चीजों जैसे टंकी, पाइप, डस्टबिन आदि का इस्तेमाल किया गया है.

पुराने टायर से तैयार किया गया प्लांटर.
पुराने टायर से तैयार किया गया प्लांटर.

विलुप्त हो रहे जीव और खत्म हो रही परंपरा के संरक्षण का संदेश
दादी-नानी के जमाने में उत्पादों पर कम से कम निर्भरता के लिए प्रेरित किया जाता था. पुरानी कलम में नई रिफील डालकर उसे पुन: इस्तेमाल में लाया जाता था. रद्दी-अखबार अलमारी पर बिछानी, पुरानी टी-शर्ट का इस्तेमाल पोंछा के रूप में करना हो या फिर फटी चादर से सूटकेस का कवर तैयार करना हो, बुजुर्गों के माध्यम से आज भी नई चीजों पर निर्भरता कम कर मौजूदा वस्तुओं को ही पुन: इस्तेमाल पर जोर दिया जाता है.

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गोरैया हो रही विलुप्त
रिड्यूज और रीयूज की इस परंपरा के साथ साथ घरों में चहकने वाली गोरैया भी धीरे-धीरे विलुप्कत होती जा रही है. इनके संरक्षण के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मार्च माह में विश्व गोरैया दिवस भी मनाया जाता है. इसी उद्देश्य से पटना नगर निगम ने भी पहल की है.

लोगों को किया जा रहा जागरूक.
लोगों को किया जा रहा जागरूक.

शहर के कई कोने वेस्ट से बने वंडरफुल
इसी तरह की कलाकृति पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल के कार्यालय परिसर में भी तैयार की गई है. यहां पुराने लोहे से हिरण की कलाकृति तैयार कर सजाई गई है. वहीं बांकीपुर अंचल कार्यालय में पुराने टायर से प्लांटर तैयार किए गए हैं. मुख्यालय परिसर यानी मौर्य लोक में कबाड़ से जुगाड़ की थीम पर ही चिल्ड्रेन पार्क और गार्डेन लाइब्रेरी तैयार की गई है. जहां झूले, प्लांटर, फर्निचर, अलमारी, साज-सज्जा की चीजों को कबाड़ की चीजों से तैयार किया गया है.

कचरा गाड़ी में डालने की अपील
नगर निगम के माध्यम से कुम्हरार मध्य विद्यालय, कंकड़बाग में कलाकारों के माध्यम से 'पटना की ब्यूटी हम सबकी ड्यूटी' की थीम पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई. साथ ही लोगों से सूखा-गीला कचरा अलग-अलग संग्रहण कर कचरा गाड़ी में डालने की अपील की गई.

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