पटना: राजधानी के पाटलिपुत्र खेल परिसर में चल रहे डाक विभाग की ओर से आयोजित अखिल भारतीय डाक शतरंज टूर्नामेंट का शनिवार को समापन हो गया. इस समापन समारोह के विशेष अतिथि बिहार के महान गणितज्ञ आनंद कुमार थे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर रविशंकर प्रसाद को बुलाया गया था, लेकिन देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के कारण वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए.
34वे शतरंज टूर्नामेंट का हुआ समापन
दरअसल, प्रदेश के पाटलिपुत्र खेल परिसर में डाक विभाग की ओर से 34वां अखिल भारतीय शतरंज टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था. वहीं इस टूर्नामेंट में तमिलनाडु चैंपियन टीम बनी. जबकि राजस्थान रनर अप टीम रही. तेलंगाना की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया. शतरंज के व्यक्तिगत स्पर्धा में तमिलनाडु के प्रदीप कुमार प्रथम स्थान पर रहे. बिहार के सुधीर कुमार सिन्हा दूसरे स्थान पर रहे जबकि तमिलनाडु के महेश्वरण पी तीसरे स्थान पर रहे.
जीते हुए खिलाड़ियो को किया गया सम्मानित
इतने दिनों के टूर्नामेंट का शनिवार को समापन समारोह मनाया गया. इस समारोह में जीते हुए खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया. वहीं इस शतरंज प्रतियोगिता के आखिरी दिन के कार्यक्रम में बिहार के महान गणितज्ञ और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आनंद कुमार को डाक विभाग ने विशेष रुप से सम्मानित किया. इसके अलावा इस कार्यक्रम में एथलेटिक्स में बिहार की राष्ट्रीय स्तरीय महिला खिलाड़ी मुस्कान सिंह, रागिनी कुमारी और खुशबू कुमारी को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया.
आप सभी जुझारू है- एम.ई.हक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीफ पोस्ट मास्टर जनरल बिहार एम.ई.हक ने सभी प्रतिभागियों से कहा कि आप सभी का यहां आना और प्रतियोगिता में भाग लेना यह बताता है कि आप सभी जुझारू हैं और आप सभी के हौसले बुलंद हैं. जय पराजय में बहुत बारीक अंतर रहा है. उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम के आयोजकों और पोस्ट ऑफिस पटना के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को धन्यवाद दिया और खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की.
आनंद कुमार को किया गया सम्मानित
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गणितज्ञ आनंद कुमार ने कहा कि यह सम्मान उनके दूसरे सम्मान की तुलना में काफी बड़ा है. उन्होंने अपने बचपन की यादों को साझा करते हुए बताया कि उनके छोटे भाई हमेशा वॉयलिन बजाते थे और वॉयलिन बजाने की प्रतियोगिता में प्रथम आया करते थे. तब से ही उनका डाक विभाग से अलग ही लगाव रहा है. उन्होंने कहा कि वह हमेशा पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते थे और देते रहेंगे.